Ukraine ke Rashtrapati Zelensky aur America ke Rashtrapati Trump ke beech Tanavpurn Baithak
1 मार्च 2025 को व्हाइट हाउस में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के बीच अप्रत्याशित तनाव देखने को मिला। इस बैठक का उद्देश्य अमेरिका और यूक्रेन के बीच सैन्य एवं आर्थिक सहयोग को मजबूत करना था, लेकिन यह विवाद और असहमति की स्थिति में बदल गई। दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत अंतरराष्ट्रीय राजनीति में चर्चा का विषय बनी हुई है।
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तनाव की मुख्य वजहें
बैठक के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर असहमति रही। कुछ मुख्य विवाद निम्नलिखित थे:
- सैन्य सहायता पर असहमति
- यूक्रेन ने अमेरिका से और अधिक सैन्य सहायता की मांग की थी, जबकि ट्रम्प प्रशासन ने इसमें कटौती करने की बात कही।
- ट्रम्प का मानना था कि अमेरिका को अब “यूक्रेन पर जरूरत से ज्यादा खर्च” नहीं करना चाहिए और अन्य यूरोपीय देशों को भी इसमें योगदान देना चाहिए।
- खनिज समझौते पर मतभेद
- अमेरिका ने यूक्रेन के साथ एक महत्वपूर्ण खनिज समझौता करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन ज़ेलेंस्की ने सुरक्षा गारंटी की मांग के बिना इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया।
- यूक्रेन चाहता था कि अमेरिका पहले उसकी सुरक्षा को लेकर ठोस आश्वासन दे, फिर व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया जाए।
- रूस-यूक्रेन युद्ध पर अलग-अलग दृष्टिकोण
- ज़ेलेंस्की ने अमेरिका से रूस पर और कड़े प्रतिबंध लगाने की अपील की, लेकिन ट्रम्प ने इस अनुरोध पर कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं दी।
- ट्रम्प प्रशासन रूस के साथ कूटनीतिक वार्ता को प्राथमिकता देने की बात कर रहा है, जबकि यूक्रेन अभी भी आक्रामक नीतियों की वकालत कर रहा है।
बैठक के दौरान बढ़ता तनाव
सूत्रों के अनुसार, बैठक के दौरान ज़ेलेंस्की और ट्रम्प के बीच कई बार तीखी बहस हुई।
- ज़ेलेंस्की ने अमेरिका पर “सिर्फ अपने हितों की चिंता करने” का आरोप लगाया।
- ट्रम्प ने ज़ेलेंस्की को याद दिलाया कि अमेरिका पहले ही यूक्रेन को अरबों डॉलर की सहायता दे चुका है और अब अन्य देशों को भी इसमें भागीदारी करनी चाहिए।
- इस दौरान ट्रम्प ने यह भी कहा कि “अमेरिका हर युद्ध में शामिल नहीं हो सकता,” जिससे ज़ेलेंस्की नाराज दिखे।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस बैठक के बाद कई देशों और संगठनों ने अपनी प्रतिक्रियाएँ दीं:
- यूरोपीय संघ (EU): यूरोपीय संघ ने ज़ेलेंस्की का समर्थन किया और अमेरिका से और अधिक सैन्य सहायता देने की अपील की।
- रूस: रूस ने इस बैठक को “अमेरिका और यूक्रेन के बीच बढ़ते मतभेद” के रूप में देखा और इसे अपने लिए कूटनीतिक जीत बताया।
- संयुक्त राष्ट्र (UN): संयुक्त राष्ट्र ने दोनों देशों से शांति और सहयोग बनाए रखने की अपील की।
भविष्य की संभावनाएँ
इस बैठक के बाद कई संभावित परिदृश्य उभर सकते हैं:
- यूक्रेन को अन्य सहयोगी देशों की तलाश करनी होगी
यदि अमेरिका यूक्रेन को अपेक्षित समर्थन नहीं देता, तो ज़ेलेंस्की को अन्य यूरोपीय देशों जैसे फ्रांस, जर्मनी, और ब्रिटेन की ओर रुख करना पड़ सकता है। - अमेरिका की नीति में बदलाव संभव
ट्रम्प प्रशासन पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ सकता है, जिससे उसे अपनी नीति में बदलाव करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। - रूस को कूटनीतिक बढ़त मिल सकती है
यदि अमेरिका और यूक्रेन के बीच मतभेद गहरे होते हैं, तो रूस इसका फायदा उठा सकता है और अपने प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश करेगा।
निष्कर्ष
व्हाइट हाउस में हुई यह बैठक यूक्रेन-अमेरिका संबंधों के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। ज़ेलेंस्की और ट्रम्प के बीच बढ़ती दूरी से अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में नए समीकरण बन सकते हैं। अब यह देखने वाली बात होगी कि आने वाले महीनों में अमेरिका और यूक्रेन के संबंध कैसे विकसित होते हैं और क्या कोई नया समझौता हो सकता है या नहीं।