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रईस
रूपईडीहा/बहराइच। रूपईडीहा पुलिस ने नाबालिग के अपहरण और दुष्कर्म के गंभीर मामले में फरार चल रहे अभियुक्त को गुरुवार, 24 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई भारत-नेपाल सीमा से सटे रूपईडीहा क्षेत्र में कानून व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। स्थानीय समुदाय ने पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की सराहना की है।
गिरफ्तारी का विवरण
रूपईडीहा थाना प्रभारी निरीक्षक रमेश सिंह रावत ने बताया कि अभियुक्त सिपाही लाल, पुत्र राधेश्याम, उम्र 24 वर्ष, निवासी बनघूसरी, थाना नवाबगंज, जनपद बहराइच, को गुरुवार दोपहर रूपईडीहा के प्राइवेट बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इस मामले में एक विशेष जांच टीम का गठन किया था, जो अभियुक्त की तलाश में लगातार सक्रिय थी। गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने बस स्टैंड पर छापेमारी की और अभियुक्त को हिरासत में ले लिया।
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थाना प्रभारी के अनुसार, अभियुक्त के खिलाफ थाना रूपईडीहा में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 363 (अपहरण), धारा 376 (दुष्कर्म), और प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंसेज (POCSO) एक्ट, 2012 की धारा 4 (प्रवेशात्मक यौन हमला) के तहत मुकदमा दर्ज है। इसके अतिरिक्त, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम (SC/ST Act) की प्रासंगिक धाराओं के तहत भी कार्रवाई की गई है।
मामले की पृष्ठभूमि
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, यह मामला एक नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म से संबंधित है। पीड़िता की शिकायत और प्रारंभिक मेडिकल जांच के आधार पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू की थी। घटना के बाद से अभियुक्त फरार चल रहा था, और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने क्षेत्र में कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। गुरुवार को प्राप्त गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने अभियुक्त को प्राइवेट बस स्टैंड से धर दबोचा।
विधिक कार्रवाई और जांच की प्रक्रिया
गिरफ्तारी के बाद, अभियुक्त सिपाही लाल को विधिक प्रक्रिया के तहत न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया। थाना प्रभारी रमेश सिंह रावत ने बताया कि मामले की जांच पूर्ण निष्पक्षता के साथ की जा रही है। पीड़िता के बयान, मेडिकल रिपोर्ट, और अन्य साक्ष्यों को एकत्र किया जा रहा है ताकि अभियुक्त के खिलाफ मजबूत मामला बनाया जा सके। पुलिस ने यह भी सुनिश्चित किया है कि जांच के दौरान पीड़िता की गोपनीयता और गरिमा का पूरा ध्यान रखा जाए, जैसा कि पॉक्सो एक्ट के दिशानिर्देशों में अनिवार्य है।
सामाजिक और कानूनी प्रभाव
रूपईडीहा में इस गिरफ्तारी ने स्थानीय समुदाय में राहत की लहर पैदा की है। भारत-नेपाल सीमा से सटे इस संवेदनशील क्षेत्र में इस तरह के गंभीर अपराधों पर त्वरित कार्रवाई ने पुलिस के प्रति जनता का विश्वास बढ़ाया है। स्थानीय निवासियों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं समाज में भय और असुरक्षा पैदा करती हैं, और पुलिस की सक्रियता से अपराधियों में डर पैदा होगा।
पॉक्सो एक्ट और एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज यह मामला दर्शाता है कि प्रशासन इस तरह के अपराधों को अत्यंत गंभीरता से ले रहा है। यह गिरफ्तारी न केवल पीड़िता को न्याय दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि गंभीर अपराधों के खिलाफ पुलिस की जीरो टॉलरेंस नीति प्रभावी ढंग से कार्य कर रही है।
प्रशासन की प्रतिबद्धता
रूपईडीहा पुलिस ने इस मामले में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है और क्षेत्र में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया है। थाना प्रभारी रमेश सिंह रावत ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे इस तरह की घटनाओं की तत्काल सूचना पुलिस को दें, ताकि अपराधियों के खिलाफ शीघ्र और प्रभावी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने कहा, “सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण हमारी जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। हम अपराधों पर अंकुश लगाने और क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।”
भविष्य की दिशा
यह गिरफ्तारी न केवल एक गंभीर अपराध के आरोपी को सजा दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि बहराइच जिले में पुलिस अपराधों के खिलाफ सतर्क और सक्रिय है। अभियुक्त सिपाही लाल को न्यायिक अभिरक्षा में भेजे जाने के बाद, अब यह मामला कोर्ट में आगे बढ़ेगा, जहां पीड़िता को न्याय और अभियुक्त को उचित सजा सुनिश्चित करने की प्रक्रिया शुरू होगी।
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यह घटना समाज को यह संदेश देती है कि कानून का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। रूपईडीहा पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई ने न केवल पीड़िता और उसके परिवार को न्याय की उम्मीद दी है, बल्कि क्षेत्र में कानून के प्रति विश्वास को भी मजबूत किया है। भविष्य में भी ऐसी सक्रियता से अपराधों पर अंकुश लगाने और समाज में सुरक्षा की भावना को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।