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रईस
रुपईडीहा/बहराइच। भारत-नेपाल सीमा से सटे राष्ट्रीय राजमार्ग-927 (एनएच 927) पर शुक्रवार को नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने अत्याधुनिक वाइस्किल तकनीक का उपयोग कर नेटवर्क सर्वेक्षण किया। इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य राजमार्ग की वर्तमान स्थिति का वैज्ञानिक विश्लेषण कर भविष्य में मरम्मत और रखरखाव की योजनाओं के लिए एक ठोस आधार तैयार करना है।
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सर्वेक्षण का महत्व और प्रक्रिया
सहायक अभियंता अनंत मौर्य ने बताया कि वाइस्किल तकनीक के जरिए सड़क की चौड़ाई, सतह पर मौजूद दरारें, गड्ढे, किनारों की मजबूती और साइड स्ट्रक्चर जैसे तकनीकी पहलुओं की सूक्ष्म जांच की जा रही है। यह सर्वेक्षण पूरे राजमार्ग का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करेगा, जिससे विभिन्न विभागीय कार्यों में पारदर्शिता और गति सुनिश्चित होगी।
एनएच 927 की रणनीतिक अहमियत
एनएच 927 न केवल भारत-नेपाल सीमावर्ती क्षेत्रों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग है, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी इसका विशेष महत्व है। इस राजमार्ग पर प्रतिदिन भारी संख्या में यात्री और वाणिज्यिक वाहनों का आवागमन होता है। ऐसे में सड़क की गुणवत्ता को बनाए रखना और समय-समय पर आवश्यक सुधार कार्य करना अत्यंत आवश्यक है।
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इस सर्वेक्षण से प्राप्त डेटा के आधार पर एनएचएआई द्वारा सड़क की मरम्मत और उन्नयन के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी। यह डिजिटल रिकॉर्ड भविष्य में सड़क के रखरखाव को और अधिक प्रभावी और व्यवस्थित बनाने में मदद करेगा।