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Sun. Jun 8th, 2025
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लेखक है भगवान का, साहित्यिक अवदान।

भाव सुघड़ता से बने, लेखक सदा महान।। (1)

लेखक है संसार में, ज्ञाना-धन आधार।

बिना धार के पस्त है, कलम और तलवार।। (2)

लेखक देता है सदा, दुनिया को सद्ज्ञान।

सत्य भाव करता प्रकट, होता सबको भान।।(3)

– प्रमोद कश्यप, रतनपुर, बिलासपुर (छ.ग.)

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