Breaking
Wed. Jul 30th, 2025

माता-पिता की सेवा करना हर पुत्र का धर्म: रामानंद ओझा

By News Desk Apr 11, 2024
Spread the love

गोई गांव में धूमधाम से मनाई गई सरस्वती त्रिपाठी की पुण्यतिथि

अतुल्य भारत चेतना
पीयूष सिंह

प्रतापगढ़। दुनिया में माता-पिता की सेवा से बढ़कर कोई सेवा नहीं है। माता-पिता की सेवा करना हर पुत्र का धर्म है। देवताओं से भी पितर श्रेष्ठ माने जाते हैं। जिस परिवार में पितर खुशी रहते हैं उस परिवार के देवता भी खुश रहते हैं। इसीलिए देव पूजा से पहले पितृ पूजा की जाती है। पितरों की पूजा न करने वाले नर्क गामी होते हैं। पितृ के खुश होने से परिवार में सुख शांति खुशहाली का वास होता है। उक्त बातें पट्टी तहसील क्षेत्र के गोई गांव में शिक्षा मनीषी पंडित पारसनाथ त्रिपाठी की धर्मपत्नी स्वर्गीय सरस्वती त्रिपाठी के पुण्यतिथि श्रद्धांजलि समारोह के अवसर पर बोलते हुए मुख्य अतिथि संस्कृत वैदिक विद्वान पंडित रामानंद ओझा ने कहा। श्री ओझा ने आगे कहा कि माता-पिता की सेवा करना हर पुत्र का धर्म है।

माता-पिता का जीवित रहते सेवा करना और मरणोपरांत यथाशक्ति श्रद्धा के साथ श्राद्ध करने से पितृ खुश होते हैं। और पितरों के खुश होने से देवता भी खुशी होते हैं। और परिवार में सुख शांति खुशहाली का वास होता है। जो पितरों की पूजा नहीं करते हैं वह नर्क गामी होते हैं। और पितृ दोष से धीरे-धीरे वंश वृद्धि समाप्त हो जाती है। और परिवार में कल व्याप्त हो जाती है। परिवार मे सुख शांति खुशहाली के लिए पितरों की सेवा करना बहुत जरूरी है। कार्यक्रम को राजेश्वर प्रसाद दुबे आजाद, कुलगुरु रमेश प्रसाद शुक्ल, सुधाकर दत्त मिश्र ने भी संबोधित किया। इस दौरान स्वर्गीय सरस्वती त्रिपाठी के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर वैदिक विद्वानों द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम का कुशल संचालन पंडित रामानंद ओझा ने किया। और अध्यक्षता राजेश्वर प्रसाद दुबे आजाद ने किया। आयोजक भागवताचार्य उमाकांत त्रिपाठी और कृष्ण कांत त्रिपाठी ने आए हुए अतिथियो के प्रति आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से रमेश चंद्र शुक्ल, राजेश्वर प्रसाद दुबे आजाद, सुधाकर दत्त मिश्र, डॉ अतुल त्रिपाठी, अखिलेश शर्मा, विजय कुमार दुबे, प्रमोद मिश्र, बालमुकुंद मौर्य, श्री प्रकाश, देवमणि दुबे, जमुना प्रसाद त्रिपाठी, उदय राज पाठक, अखिलेश मिश्र,संतोष तिवारी, धर्म दत्त पांडेय, सोमनाथ त्रिपाठी, हरिशंकर त्रिपाठी, जनेंद्र मणि त्रिपाठी, शिक्षा मनीषी, समाज सेवी, बुद्धिजीवी एवं क्षेत्रिय जन सहित तमाम लोग मौजूद रहे।

subscribe aur YouTube channel

Responsive Ad Your Ad Alt Text
Responsive Ad Your Ad Alt Text

Related Post

Responsive Ad Your Ad Alt Text