रंगपंचमी में हरिवंश महाप्रभु की जन्मभूमि का हुआ हुरंगा
हुरियारिनों ने बरसाई प्रेम पगी लाठियां
अतुल्य भारत चेतना
दिनेश सिंह तरकर
मथुरा। वंशी अवतार श्रीहित हरिवंश चन्द्र महाप्रभु की जन्मभूमि श्रीजी मंदिर बाद ग्राम का हुआ प्राचीन परम्परागत रंगपंचमी के दिन बड़े ही जोश व उत्साह के साथ मनाया गया। महाप्रभुजी की जन्मभूमि में सुबह से समाजियों द्वारा होरी की धमार एवं बधाई गायन किया गया।

देशभर से आए श्रद्धालुओं ने तारा महल में वृन्दावन से आए श्रीमहंत लाड़ली शरण महाराज के सानिध्य में फाग महोत्सव का आनंद लिया। मंदिर में सखियों ने मनमोहक नृत्य कर प्रिया-प्रियतम को रिझाया।

श्रीजी मंदिर के महंत दम्पति शरण महाराज ने कहा कि राधावल्लभ संप्रदाय में बसंत पंचमी से फाग महोत्सव की शुरूआत मानसरोवर से हो जाती है,और रंगपंचमी के दिन हरिवंश महाप्रभु की जन्मभूमि में फूलडोल व हुरंगा के साथ फाग महोत्सव संपन्न हो जाता है। वहीं उन्होनें बताया कि गांव कि हुरियारिनें-हुरियारों से हुरंगा खेलने के लिए वर्षभर इंतजार करती हैं और हुरंगा में जमकर प्रेमपगी लाठियां हुरियारों पर बरसाती हैं।

महाप्रभु की जन्मभूमि का हुरंगा देखने के लिए हरियाणा,राजस्थान,गुजरात,महाराष्ट्र आदि राज्यों से यहां श्रद्धालु आते हैं।शासन-प्रशासन ने भी हुरंगा में चाक-चौबंद व्यवस्थाएं बनाई हुई थीं। इस मौके पर श्रीमहंत लाड़ली शरण महाराज,महंत दम्पति शरण महाराज,राधावल्लभ वशिष्ठ, ब्रजेश पुजारी,नारायण पुजारी,अनिल मास्टर,मीडिया प्रभारी दिनेश सिंह तरकर,संजय पांडेय,चंदन सिंह तरकर सहित हजारों की संख्या में भक्तजन मौजूद रहे।
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