अतुल्य भारत चेतना
रईस अहमद
बहराइच। जिले के रुपईडीहा तिराहा स्थित कैंप कार्यालय में आयोजित बैठक में संगठन प्रतिनिधियों ने जल पर्यावरण संरक्षण को मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए सीमाई इलाकों में अधिकाधिक संख्या में पंचवटी प्रजाति के वृक्षों का रोपण एवं उनके संरक्षण की कार्ययोजना बनाई तथा संगठन का विस्तार भी किया।नमामि गंगे प्रकल्प की ओर से आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए महामना मालवीय मिशन अध्यक्ष (अवध) व प्रकल्प संरक्षक संजीव श्रीवास्तव एडवोकेट ने बताया कि,संगठन की ओर से सीमावर्ती इलाकों के मठ मंदिर विद्यालय चिकित्सालय एवं नदी सरोवर के तटीय इलाकों में हरिशंकरी व पंचवटी प्रजाति के अधिकाधिक संख्या में वृक्षारोपण व उनके जन-सहयोग से संरक्षण की दूरगामी योजना बनाई जा रही है।

प्रकल्प संरक्षक ने आवाहन करते हुए कहा की,हम सब का दायित्व है कि जल संरक्षण के लिए कुआँ,सरोवर व तालाबों व को संरक्षित किया जाए तथा तटीय इलाकों में पंचवटी प्रजाति के वृक्षों का ही रोपण किया जाए।समाजसेवी शेर सिंह ने रुपईडीहा में अमृत पेय जल योजना में अकारण बाधा पहुचाने वाले विभागीय कर्मियों तथा अधिकारियों पर प्रभावी कार्यवाही की मांग की तथा वृक्षारोपण महाअभियान में हर सम्भव सहयोग का वायदा किया।विकासखण्ड संयोजक चंद्र प्रकाश मिश्र ने संगठन की ओर से चलाए जा रहे वृक्षारोपण एवं जल संरक्षण महाअभियान से जन-जन को जोड़ने के लिए गाँव-गाँव में चौपाल आयोजित करने की बात कही।नेपाल से आये पर्यावरण विद मनोज राजा श्रीवास्तव ने जल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए दोनों देशों के समाजसेवियों व पर्यावरण विदों के साथ साझा कार्ययोजना बनाए जाने की बात कही।
कार्यक्रम का संचालन सह संयोजक अनिल वर्मा ने किया तथा अध्यक्षता शिक्षाविद बृजनरेश श्रीवास्तव ने किया।आयोजित कार्यक्रम में प्रमुख रूप से किसान नेता यशवंत वर्मा,डॉ० हरिश्चंद्र,शेरू वर्मा,राकेश कुमार व विकासखण्ड प्रकल्प समाज सेवी शेर सिंह जी संरक्षक मनीराम शर्मा आदि उपस्थित रहे।
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