अतुल्य भारत चेतना
संवाददाता
गोमती नगर/लखनऊ/उत्तर प्रदेश। 18 अगस्त 2025 को ब्रह्माकुमारी गोमती नगर, विपुल खंड सेवा केंद्र में रक्षाबंधन पर्व को बड़ी आध्यात्मिक गरिमा के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम में पवित्रता, आत्मिक शक्ति, और स्नेह के बंधन को अनुभव कराने पर विशेष जोर दिया गया, जो इस पावन उत्सव को गहन आध्यात्मिक आयाम प्रदान करता है।
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कार्यक्रम का शुभारंभ और आध्यात्मिक संदेश
कार्यक्रम की शुरुआत राजयोगिनी राधा दीदी जी ने रक्षाबंधन के आध्यात्मिक रहस्य की व्याख्या से की। उन्होंने कहा कि यह पर्व आत्मा को पवित्रता, सत्य, और परमात्मा से अटूट नाते के बंधन में बांधने का स्मृति-दिवस है। राधा दीदी ने बताया कि रक्षा सूत्र मन को विकारों से बचाने का संकल्प है, और “मनमनाभव” स्मृति योग—जीवन की सभी दैनिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए मन को परमपिता से जोड़े रखना—ही आत्मा का असली कवच है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सच्चा बंधन वह है जो शरीरजनित आसक्तियों से मुक्त कर स्नेह और कल्याण के मार्ग पर ले जाए।

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योग और रक्षा सूत्र बंधन
इसके बाद राजयोगिनी स्वर्णलता दीदी जी ने कमेंट्री के माध्यम से योग कराया, जिससे उपस्थितजनों ने शिव से शक्ति और शांति का प्रैक्टिकल अनुभव प्राप्त किया। योग की अनुभूति के बाद बहनों ने सभी को पवित्र रक्षा सूत्र बांधे और परमात्मा के स्नेह से भरे वरदान प्रदान किए। इन वरदानों में जीवन में सुख, शांति, निरंतर प्रगति, और आत्मिक शक्ति की कामना शामिल थी, जो कार्यक्रम को भावनात्मक और आध्यात्मिक गहराई प्रदान की।
समापन और प्रसाद वितरण
कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण के साथ हुआ, जिसमें सभी ने प्रेम और कृतज्ञता के भाव से इस पावन पर्व को मनाया। यह क्षण उपस्थितजनों के बीच एकता और सकारात्मकता का संदेश लेकर गया।
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विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में कई गणमान्य अतिथि भी मौजूद रहे, जिनमें IMRT के अध्यक्ष डॉ. बंसल, सेवानिवृत्त डीजी (फायर) अविनाश जी, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी अजय जी, और लाखा जी शामिल थे। इनकी उपस्थिति ने आयोजन को और गरिमा प्रदान की।
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समुदाय की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों और प्रतिभागियों ने इस आध्यात्मिक रक्षाबंधन समारोह को हृदयस्पर्शी बताया। एक प्रतिभागी ने कहा, “रक्षा सूत्र के साथ आत्मिक शक्ति का संदेश नया अनुभव था, जो जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।” यह आयोजन न केवल पारंपरिक उत्सव को बढ़ावा देता है, बल्कि आध्यात्मिक जागरूकता और स्नेह के बंधन को भी मजबूत करता है।
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ब्रह्माकुमारी विपुल खंड केंद्र का यह रक्षाबंधन समारोह लखनऊ में आध्यात्मिकता और सामाजिक एकता का प्रतीक बना, जो लोगों को पवित्रता और परमात्मा के साथ जुड़ाव की प्रेरणा देता है।