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Chhindwara news; स्वदेशी जागरण मंच ने छिंदवाड़ा में विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का किया आह्वान, आत्मनिर्भर भारत को मजबूत बनाने पर जोर

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अतुल्य भारत चेतना
अखिल सुर्यवंशी

छिंदवाड़ा/महाकौशल प्रांत। स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने आज यहां एक विशेष जनजागरण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें स्थानीय नागरिकों से अमेरिकी, चीनी, तुर्की और अन्य विदेशी वस्तुओं का पूर्ण बहिष्कार करने का आग्रह किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य फोकस ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को मजबूती प्रदान करना रहा, जो हाल ही में अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ के खिलाफ शुरू की गई राष्ट्रीय स्तर की मुहिम का हिस्सा है। बड़ी संख्या में युवाओं, महिलाओं और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, और सभी ने हाथ उठाकर ‘स्वदेशी संकल्प’ लिया।

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स्वदेशी जागरण मंच, जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध एक आर्थिक और सांस्कृतिक संगठन है, की स्थापना 1991 में उदारीकरण और वैश्वीकरण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए की गई थी। संगठन का उद्देश्य स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा देकर स्थानीय उद्योगों, कारीगरों और छोटे व्यापारियों को मजबूत बनाना है। हाल के वर्षों में, एसजेएम ने विदेशी कंपनियों जैसे अमेजन और वॉलमार्ट के खिलाफ बहिष्कार की अपील की है, खासकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय सामानों पर दोगुने टैरिफ लगाने के फैसले के बाद। 10 अगस्त 2025 को दिल्ली में शुरू हुई राष्ट्रीय मुहिम के तहत पूरे देश में ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिसमें विदेशी उत्पादों को जलाने और स्थानीय सामानों को प्राथमिकता देने पर जोर दिया जा रहा है।

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कार्यक्रम में वक्ताओं ने आजादी के अमृत महोत्सव के संदर्भ में स्वदेशी अवधारणा की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विदेशी वस्तुओं पर अत्यधिक निर्भरता से स्थानीय उद्योग प्रभावित होते हैं, जिससे लाखों कुटीर उद्योग और स्वरोजगार से जुड़े लोग प्रभावित होते हैं। मंच के जिला संयोजक ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा, “यदि प्रत्येक परिवार अपनी दैनिक आवश्यकताओं में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता देगा, तो लाखों कुटीर उद्योग और स्वरोजगार से जुड़े लोग आत्मनिर्भर बन सकेंगे।” वहीं, जिला सहसंयोजक ने उल्लेख किया कि विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सांस्कृतिक और राष्ट्रीय स्वाभिमान से भी जुड़ा हुआ है।

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इस अवसर पर उपस्थित नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और ‘भारत में बना – भारत के लिए बना’ उत्पादों को अपनाने का प्रण किया। कार्यक्रम में युवाओं ने स्थानीय कारीगरों के उत्पादों को प्रदर्शित किया, जबकि महिलाओं ने घरेलू उत्पादों के उपयोग पर चर्चा की। एसजेएम की राष्ट्रीय मुहिम के अनुरूप, यहां भी अमेरिकी टैरिफ को ‘अनैतिक’ बताते हुए विदेशी सामानों के बहिष्कार पर जोर दिया गया, जो देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता को मजबूत करने का हिस्सा है।

कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों ने संदेश दिया: “विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करिए, स्वदेशी उत्पादों को अपनाइए, और अपने गांव-शहर के कारीगरों तथा उद्योगों को मजबूत बनाइए।” उन्होंने कहा कि इस अभियान से न केवल आर्थिक आत्मनिर्भरता प्राप्त होगी, बल्कि राष्ट्रीय एकता और गौरव भी सशक्त होगा। एसजेएम की इस मुहिम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आत्मनिर्भर भारत’ विजन से जोड़ते हुए, संगठन ने पूरे महाकौशल प्रांत में ऐसे और कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है।

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यह कार्यक्रम एसजेएम की राष्ट्रीय स्तर पर चल रही मुहिम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच स्वदेशी को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। संगठन के अनुसार, ऐसे प्रयासों से देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और स्थानीय रोजगार बढ़ेगा।

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