अतुल्य भारत चेतना
वीरेंद्र यादव
कोटा। सावन के पावन महीने में, महिला कमांडो फोर्स और संगवारी महिला स्व-सहायता समूह, कोटा ने सावन उत्सव का भव्य आयोजन किया। इस उत्सव में हरे-भरे सावन की मस्ती, प्रकृति की सुंदरता, और सांस्कृतिक रंगों का अनूठा संगम देखने को मिला। कार्यक्रम संयोजक श्रीमती सरस्वती ने कहा, “सावन की हरी-भरी मस्ती और प्रकृति की मुस्कुराहट से धरती मानो किलकारी मार रही है। हरे-हरे वस्त्रों में सजी महिलाओं ने इस उत्सव में चार चांद लगा दिए।” यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक उत्सव का प्रतीक बना, बल्कि सामाजिक जागरूकता और एकता का भी संदेश दे गया।
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सावन उत्सव का रंगारंग आयोजन
सावन उत्सव का आयोजन कोटा में महिला कमांडो फोर्स और संगवारी महिला स्व-सहायता समूह के तत्वावधान में किया गया। इस उत्सव में महिलाओं ने हरे रंग के परंपरागत परिधानों में सज-धजकर हिस्सा लिया, जिसने सावन की हरियाली को और जीवंत कर दिया। कार्यक्रम में गीत-संगीत, रैम्प वॉक, कजरी नृत्य, और विभिन्न प्रतियोगिताओं ने सभी का मन मोह लिया। श्रीमती सरस्वती ने प्रकृति के साथ इस उत्सव के गहरे जुड़ाव को रेखांकित करते हुए कहा कि सावन धरती की शृंगार और उत्साह का प्रतीक है।
प्रतियोगिताओं का दौर
उत्सव के पहले दिन कई रोचक प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनमें मेकअप, मेहंदी, आलता, चित्रकला, कविता-कहानी, और जुड़ा बनाओ जैसी गतिविधियां शामिल थीं। इसके अलावा, अंताक्षरी में सावन के गीतों ने माहौल को और उत्साहपूर्ण बना दिया। महिलाओं ने इन प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कजरी गीतों और नृत्य ने दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया, जिससे सांस्कृतिक समृद्धि और उत्साह का माहौल बना।
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झूला उत्सव और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां
सावन उत्सव का एक विशेष आकर्षण रहा झूला उत्सव, जिसमें महिलाएं सज-धजकर झूलों पर झूलती नजर आईं। हरे रंग के वस्त्रों में सजी महिलाओं ने मंच पर रैम्प वॉक कर अपनी खूबसूरती और आत्मविश्वास का प्रदर्शन किया। कजरी गीतों और सावन के नृत्यों ने समारोह में चार चांद लगा दिए। “सावन झूम के” नृत्य प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया और दर्शकों को भी झूमने के लिए प्रेरित किया। इन प्रस्तुतियों ने सावन की मस्ती और परंपराओं को जीवंत कर दिया।
नशा मुक्ति और वृक्ष रोपण का संकल्प
सावन उत्सव केवल सांस्कृतिक आयोजन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें सामाजिक जागरूकता पर भी जोर दिया गया। महिला कमांडो फोर्स और संगवारी महिला स्व-सहायता समूह ने नशा मुक्ति अभियान और वृक्ष रोपण को वृहद स्तर पर लागू करने की कार्य योजना बनाई। इस संकल्प ने उत्सव को सामाजिक जिम्मेदारी से जोड़ा और समुदाय में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक कदम आगे बढ़ाया।
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सामुदायिक और सांस्कृतिक महत्व
यह सावन उत्सव कोटा की महिलाओं के लिए एकता, सशक्तिकरण, और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक बना। महिला कमांडो फोर्स और संगवारी महिला स्व-सहायता समूह ने इस आयोजन के माध्यम से न केवल परंपराओं को जीवंत रखा, बल्कि महिलाओं को अपनी प्रतिभा और आत्मविश्वास प्रदर्शित करने का मंच भी प्रदान किया। यह उत्सव प्रकृति, संस्कृति, और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच एक सुंदर सामंजस्य का उदाहरण बना।
समुदाय की प्रतिक्रिया
कोटा के स्थानीय निवासियों ने इस आयोजन की जमकर सराहना की। कई लोगों ने इसे महिलाओं की एकता और सशक्तिकरण का प्रतीक बताया। एक प्रतिभागी ने कहा, “यह उत्सव न केवल सावन की मस्ती का जश्न है, बल्कि यह हमें एकजुट होकर सामाजिक कार्यों में योगदान देने की प्रेरणा भी देता है।” श्रीमती सरस्वती ने सभी प्रतिभागियों और आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन भविष्य में और भव्यता के साथ आयोजित किए जाएंगे।
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महिला कमांडो फोर्स और संगवारी महिला स्व-सहायता समूह द्वारा आयोजित सावन उत्सव ने कोटा में सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने के साथ-साथ सामाजिक जागरूकता और एकता को बढ़ावा दिया। नशा मुक्ति और वृक्ष रोपण जैसे संकल्पों के साथ यह उत्सव एक प्रेरणादायक आयोजन बन गया, जो समुदाय को सकारात्मक दिशा में प्रेरित करता रहेगा।