Breaking
Wed. Jul 30th, 2025

भारत मुनि जयंती के अवसर पर शास्त्रीय नृत्य, संगीत एवं वादन का हुआ भव्य ऐतिहासिक आयोजन

By News Desk Feb 27, 2024
Spread the love

अतुल्य भारत चेतना
शिवशंकर जायसवाल

कटघोरा/कोरबा। संस्कार भारती जिला इकाई कोरबा के तत्वाधान में तथा संस्कार भारती नगर इकाई पाली के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के खजुराहो ऐतिहासिक प्राचीन शिव मंदिर पाली के आध्यात्मिक प्रांगण में शास्त्रीय नृत्य ,गीत एवं शास्त्री वादन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। यह आयोजन नाट्यशास्त्र के प्रणेता आचार्य भरत मुनि की जयंती मांग पूर्णिमा के शुभ अवसर पर आयोजित किया गया। इस आयोजन का शुभारंभ नगर के वरिष्ठ नागरिक गोविंद वैष्णव पत्रकार, सेवा नृत्य शिक्षक मदन चौबे, भाजपा नेता संजय भावनानी तथा नगर के प्रसिद्ध दीपक सोनकर के द्वारा भगवान नटराज तथा मां भारती की छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। तत्पश्चात आमंत्रित सभी अभ्यागतों का तिलक अक्षत से स्वागत किया गया। स्वागत उद्बोधन अनीता जायसवाल ने प्रस्तुत किया। संस्कार भारती के मानसर ने संस्कार भारती के उद्देश्य कथन का वाचन किया।जिला उपाध्यक्ष से भावनानी ने अपने उद्बोधन में संस्कार भारती द्वारा किए गए किया जा रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भूरि -भूरि प्रशंसा की। वैष्णव ने अपने उद्बोधन में भरत मुनि द्वारा रचित नाट्यशास्त्र पर अपना आख्यान प्रस्तुत किया।

नाट्य शास्त्र को प्राप्त है पंचम वेद की उपाधि भरत मुनि द्वारा रचित नाट्यशास्त्र में 64 कलाओं का विशद वर्णन है। मुख्य रूप से यह ग्रंथ नाटय कला से संबद्ध समस्त विषय जैसे नृत्य गीत संगीत वाद्य यंत्र मंच सज्जा,श्रृंगार,,संवाद,वाचिक,कायिक अभिनय स्थापत्य आदि पर आधारित है। भगवान ब्रह्मा ने चारों वेदों और चारों उपवेदों का ध्यान करके सामग्री ली और पंचम वेद के रूप में नाट्यशास्त्र की रचना की जिसे सबसे पहले उन्होंने भरतमुनि को सुनाया तत्पश्चात भरत मुनि ने उसे लिपिबद्ध किया। वर्तमान में उपलब्ध नाटक शास्त्र ग्रंथ में 36 अध्याय तथा 6000 श्लोक है। प्रथम शताब्दी के पूर्व का लिखा माना जाता है। भारतीय परंपरा और संस्कृति को जानने के उपक्रम में यह ग्रंथ बहुत महत्वपूर्ण है। यह सामाजिक समरसता का श्रेष्ठ उदाहरण है। अतः हम सभी का दायित्व है कि सर्व प्रथम हम अपने प्राचीन ग्रंथों का अध्धयन करें जिससे हम अपनी गौरवशाली परंपरा को गहराई से जान सके।

इस इस कार्यक्रम का प्रारंभ कोरबा की प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना सुश्री संस्मृति वोहरा

की प्रस्तुति से हुई। संस्मृति वोहरा में जी समिट में माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी तथा अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्षों के समक्ष अपनी प्रस्तुति दी थी। उसके पश्चात कल गुरु गणेश राम बरेठ तथा उनके शिष्यों अविगत मानिकपुरी, कृष्णकांत साहू द्वारा तबला वादन शास्त्रीय संगीत एवं वायलिन वादन की प्रस्तुति दी गई। राम प्रसाद सारथी और उनके शिष्य पृथा मिश्रा द्वारा शास्त्रीय संगीत राग भैरवी तथा राग यमन की प्रस्तुति दी गई। कोरबा के पिता पुत्र की जोड़ी प्रयंत पांडे ने तबले पर तथा उनके पिता ने हारमोनियम पर संगत कर तबले की विभिन्न ताल प्रस्तुत किए। कोरबा के ही शास्त्री गायक कुमारी अक्षत पाठक ने शास्त्रीय गीत से सभी का मन मोह लिया। तत्पश्चात कटघोरा नगर की कत्थक कला साधक कु आराध्या लोहानी में कथक की उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। कोरबा की प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना सुश्री लतिका ने अपने मित्र में भगवान शिव की आराधना प्रस्तुत कर समस्त दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस प्रकार यह कार्यक्रम पाली नगर के लिए एक ऐतिहासिक कार्यक्रम बन गया। इससे पहले इस नगर में इस तरह का का विशुद्ध शास्त्रीय आयोजन कभी नहीं हुआ था। संस्कार भारती का उद्देश्य प्राचीन काल विधाओं का संरक्षण संवर्धन कर सांस्कृतिक प्रदूषण दूर करना है। इसलिए संस्कार भारती ऐसे कलाकारों को एक मंच प्रदान करती है। इस कार्यक्रम संस्कार भारती के पदाधिकारी के अलावा उपाध्याय, आईपी कश्यप बी ईओ, जितेंद्र माटे, विशाल मोटवानी लक्ष्मी चंद भावनी गुरदयाल सिंह, मुकेश कौशिक, दीपक, राजेश अवस्थी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में राकेश मिश्रा सीमा देवांगन का अथक परिश्रम रहा कार्यक्रम सयोंजन मे अंशुमाला, राजेस्वरी सैनी,मरावी मैडम पूनम दुबे,विनोद शर्मा एवं अन्य सदस्यों का भी सहयोग रहा कार्यक्रम का संचालन भवानी तथा संस्कार भारती जिला महामंत्री शिव दुबे ने किया।

subscribe our YouTube channel

Responsive Ad Your Ad Alt Text
Responsive Ad Your Ad Alt Text

Related Post

Responsive Ad Your Ad Alt Text