अतुल्य भारत चेतना
पतित यादव
महासमुंद/ छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ झेरिया यादव समाज, महासमुंद ने समाज की महिलाओं को संगठित करने और उनकी सामाजिक भूमिका को सशक्त करने के उद्देश्य से ग्राम मचेवा में एक विशेष डोर-टू-डोर बैठक का आयोजन किया। यह पहल समाज में महिला सशक्तिकरण और जागरूकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
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बैठक का नेतृत्व जिला महिला प्रभारी सारिका यादव ने किया। इस अवसर पर जिला सह प्रभारी कुमारी यादव, सीता यादव, तुलसी यादव, सेवती यादव, प्रीति यादव, छगनी यादव, राखी यादव और बुधवंतिन यादव सहित समाज की प्रमुख महिला सदस्य उपस्थित रहीं। इन सभी ने ग्राम मचेवा में घर-घर जाकर महिलाओं से संपर्क किया और सामाजिक जागरूकता का संदेश प्रसारित किया।
बैठक का उद्देश्य और चर्चा
बैठक का मुख्य उद्देश्य झेरिया यादव समाज की महिलाओं को एकजुट करना, उनकी सामाजिक और संगठनात्मक भागीदारी को बढ़ाना, और समाज में उनकी भूमिका को और सशक्त करना था। इस दौरान महिला सहभागिता को प्रोत्साहित करने, संगठन के लिए एक मजबूत महिला विंग की स्थापना करने, और सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाने जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा हुई।
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सारिका यादव ने अपने संबोधन में कहा, “महिलाएं समाज की रीढ़ हैं। उनकी सक्रिय भागीदारी और जागरूकता से न केवल समाज बल्कि पूरे समुदाय का विकास संभव है। इस बैठक के माध्यम से हमारा प्रयास है कि हमारी बहनें और बेटियां संगठित होकर अपनी आवाज को बुलंद करें।”

डोर-टू-डोर संपर्क: जागरूकता का अनूठा प्रयास
इस बैठक की खासियत रही डोर-टू-डोर संपर्क अभियान, जिसमें महिला सदस्यों ने ग्राम की प्रत्येक महिला से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने सामाजिक एकजुटता, शिक्षा, स्वास्थ्य, और स्वावलंबन जैसे विषयों पर चर्चा की। ग्रामीण महिलाओं ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे समाज में बदलाव लाने की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम बताया।
महिलाओं का संकल्प
बैठक में उपस्थित महिलाओं ने समाज और संगठन के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए भविष्य में और अधिक सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया। उन्होंने शिक्षा, रोजगार, और सामाजिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की प्रतिबद्धता जताई। साथ ही, एक संगठित महिला विंग के गठन के लिए ठोस रणनीति तैयार करने पर भी सहमति बनी।
सामाजिक प्रभाव और भविष्य की योजनाएं
झेरिया यादव समाज की यह पहल न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण के रूप में उभर रही है। समाज के अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी बैठकों और अभियानों को आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को इस मुहिम से जोड़ा जा सके।
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छत्तीसगढ़ झेरिया यादव समाज की इस पहल को सामाजिक संगठनों और स्थानीय प्रशासन ने भी सराहा है। यह प्रयास न केवल सामुदायिक एकता को मजबूत करेगा, बल्कि महिलाओं को समाज में उनकी सही जगह दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।