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Kairana news; कैराना में नपा चेयरमैन और जाति विशेष को गाली देने वाला आरोपी गिरफ्तार, माफी मांगने का वीडियो वायरल

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अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी

कैराना/शामली। कैराना में नगरपालिका (नपा) चेयरमैन और एक विशेष समुदाय के खिलाफ अपमानजनक और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले आरोपी को पुलिस ने 12 जुलाई 2025 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। शुक्रवार को वायरल हुए एक ऑडियो ने स्थानीय समुदाय में तनाव पैदा कर दिया था, जिसमें आरोपी ने नपा चेयरमैन और एक जाति विशेष के खिलाफ गाली-गलौच और आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की।

वायरल ऑडियो और शिकायत

11 जुलाई 2025 को व्हाट्सएप पर एक ढाई मिनट का ऑडियो तेजी से वायरल हुआ, जिसमें एक व्यक्ति ने नपा चेयरमैन शमशाद अहमद अंसारी और एक विशेष समुदाय के खिलाफ अपमानजनक और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। यह ऑडियो नपा प्रांगण में सभासदों के चल रहे धरने से संबंधित था, जो चेयरमैन पर तानाशाही, निरंकुशता, और विकास कार्यों में अनदेखी जैसे आरोपों के खिलाफ चल रहा है। ऑडियो में की गई टिप्पणियों ने सामाजिक तनाव को बढ़ाने का खतरा पैदा किया।

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कस्बे के मोहल्ला खैलखुर्द निवासी और वार्ड नंबर 23 के पूर्व सभासद मेहरबान अंसारी ने इस ऑडियो के आधार पर कोतवाली में तहरीर देकर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। शिकायत में कहा गया कि ऑडियो में अभद्र भाषा और जाति विशेष के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों से सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है।

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी

शिकायत मिलने के बाद कोतवाली प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू की। 12 जुलाई 2025 को आरोपी खुर्शीद, जो कस्बे के मोहल्ला अफगानान का निवासी है, को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने उसे शांति भंग करने की आशंका के तहत भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 170 के तहत चालान कर जेल भेज दिया। कोतवाली प्रभारी ने कहा, “वायरल ऑडियो का संज्ञान लेते हुए तत्काल कार्रवाई की गई। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, और किसी को भी सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी।”

माफी के वायरल वीडियो

12 जुलाई को दो वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर वायरल हुए, जिनमें आरोपी खुर्शीद अपनी गलती के लिए माफी मांगता नजर आया।

पहला वीडियो (18 सेकेंड): इसमें खुर्शीद हाथ जोड़कर अपनी गलती के लिए माफी मांग रहा है।

दूसरा वीडियो (55 सेकेंड): इस वीडियो में खुर्शीद को लोगों की भीड़ के बीच माफी मांगते देखा गया। कुछ लोग उसे थप्पड़ मारते हुए भी दिखाई दिए, जिससे यह संकेत मिलता है कि स्थानीय समुदाय में उसकी टिप्पणियों को लेकर गुस्सा था। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि माफी के वीडियो गिरफ्तारी से पहले या बाद में बनाए गए। इन वीडियो ने मामले को और अधिक चर्चा में ला दिया।

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सभासदों का धरना और संदर्भ

यह घटना उस समय हुई जब कैराना नगरपालिका प्रांगण में सभासदों का नपा चेयरमैन शमशाद अहमद अंसारी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन आठवें दिन भी जारी था। सभासदों ने चेयरमैन पर तानाशाही, विकास कार्यों में अनदेखी, और अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं। धरने में शामिल सभासदों में से शाहिद हसन और उम्मेद राणा सहित कुछ भूख हड़ताल पर हैं, और शाहिद हसन की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें शामली के एक निजी अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। इस धरने को भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) का समर्थन भी मिला है, जिसने तीन दिन में समस्याओं का समाधान न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। वायरल ऑडियो ने इस धरने को और जटिल बना दिया, क्योंकि इसमें चेयरमैन और एक समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां थीं, जिससे सामाजिक तनाव बढ़ने की आशंका थी।

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सामुदायिक और सामाजिक प्रभाव

इस घटना ने कैराना में सामाजिक सौहार्द और स्थानीय प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं। वायरल ऑडियो और उसके बाद की कार्रवाई ने निम्नलिखित पहलुओं को उजागर किया:

सामाजिक सौहार्द: अभद्र भाषा और जाति विशेष के खिलाफ टिप्पणियों ने सामुदायिक तनाव को बढ़ाने का खतरा पैदा किया। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने स्थिति को नियंत्रित करने में मदद की।

सोशल मीडिया की भूमिका: व्हाट्सएप जैसे प्लेटफॉर्म पर ऑडियो और वीडियो का तेजी से वायरल होना सामाजिक तनाव को बढ़ाने का एक नया माध्यम बन गया है।

प्रशासनिक जवाबदेही: पुलिस की त्वरित गिरफ्तारी और कोतवाली प्रभारी की सख्त टिप्पणी से यह स्पष्ट है कि प्रशासन सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

प्रशासन और समुदाय के लिए सुझाव

साइबर निगरानी: सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक सामग्री की निगरानी के लिए स्थानीय पुलिस को साइबर सेल को और सक्रिय करना चाहिए।

जागरूकता अभियान: सामाजिक सौहार्द और अभद्र भाषा के दुष्परिणामों के बारे में समुदाय को जागरूक करने के लिए अभियान चलाए जाएं।

तेजी से कार्रवाई: ऐसी घटनाओं में त्वरित जांच और कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि सामुदायिक तनाव को रोका जा सके।

सभासदों के धरने का समाधान: नपा चेयरमैन और सभासदों के बीच विवाद को हल करने के लिए प्रशासन मध्यस्थता करे, ताकि धरने से उत्पन्न तनाव कम हो।

सोशल मीडिया नीति: व्हाट्सएप और अन्य प्लेटफॉर्म पर गलत सूचना और आपत्तिजनक सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए स्पष्ट नीतियां बनाई जाएं।

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कैराना में नपा चेयरमैन और एक समुदाय के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वाले आरोपी खुर्शीद की गिरफ्तारी ने स्थानीय समुदाय में शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वायरल ऑडियो और माफी के वीडियो ने इस मामले को और चर्चा में ला दिया, जिससे सामाजिक सौहार्द पर असर पड़ा। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सभासदों के धरने के बीच यह घटना कैराना में प्रशासनिक और सामुदायिक चुनौतियों को उजागर करती है। यह मामला स्थानीय प्रशासन के लिए एक अवसर है कि वह सामाजिक एकता को बढ़ावा देने और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और प्रभावी कदम उठाए।

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