अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी
विदिशा। विदिशा जिले के जनपद पंचायत नटेरन के अंतर्गत ग्राम पंचायत घटवाई क्षेत्र में विदिशा-अशोकनगर मार्ग पर बेलानारा बस स्टॉप से बेलानारा गांव को जोड़ने वाली सड़क की स्थिति अत्यंत खराब हो गई है। इस मार्ग पर भारी कीचड़ और दलदल के कारण राहगीरों, विशेष रूप से स्कूली बच्चों और आपातकालीन वाहनों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बार-बार शिकायतों के बावजूद, स्थानीय प्रशासन और ग्राम पंचायत द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे ग्रामीणों में गहरा असंतोष है।
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पुलिया की खराब स्थिति और दुर्घटना का खतरा
विदिशा-अशोकनगर मार्ग पर बेलानारा बस स्टॉप से बेलानारा गांव की ओर जाने वाली सड़क पर बनी एक पुलिया की स्थिति चिंताजनक है। इस पुलिया के दोनों ओर जल निकासी के लिए लगाए गए पाइप ठीक ढंग से नहीं जोड़े गए हैं, जिसके कारण पानी का ठहराव हो रहा है और एक गहरा गड्ढा (पोल) बन गया है। यह गड्ढा किसी भी समय दुर्घटना का कारण बन सकता है, विशेष रूप से दोपहिया वाहनों और पैदल यात्रियों के लिए। ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के मौसम में यह मार्ग पूरी तरह कीचड़ और दलदल में तब्दील हो जाता है, जिससे आवागमन बेहद कठिन हो जाता है।

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स्कूली बच्चों और आपातकालीन वाहनों की परेशानी
यह सड़क बेलानारा के स्कूली बच्चों के लिए मुख्य मार्ग है, जो प्रतिदिन स्कूल आने-जाने के लिए इस रास्ते का उपयोग करते हैं। कीचड़ और दलदल के कारण बच्चों को स्कूल पहुंचने में भारी परेशानी होती है, जिससे उनकी पढ़ाई पर असर पड़ रहा है। इसके अलावा, आपातकालीन शासकीय वाहन जैसे 108 एम्बुलेंस और 100 नंबर पुलिस वाहन इस दलदली मार्ग के कारण गांव तक नहीं पहुंच पाते। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार मरीजों को खाट पर लादकर या अन्य साधनों से अस्पताल ले जाना पड़ता है, जिससे इलाज में देरी और जोखिम बढ़ जाता है।
ग्रामीणों की शिकायतें और प्रशासन की उदासीनता
स्थानीय निवासियों ने ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव से इस सड़क की स्थिति के बारे में कई बार शिकायत की है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों का कहना है कि बार-बार अनुरोध के बावजूद न तो सड़क का निर्माण हुआ और न ही जल निकासी की व्यवस्था की गई। इस प्रशासनिक उदासीनता के कारण ग्रामीणों में गुस्सा और निराशा बढ़ रही है। एक स्थानीय निवासी, श्याम लाल (काल्पनिक नाम), ने कहा, “हमने कई बार सरपंच और सचिव से इस रास्ते को ठीक करने की मांग की, लेकिन हर बार केवल आश्वासन मिलता है।”
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व्यापक प्रभाव और स्वास्थ्य जोखिम
इस सड़क की खराब स्थिति न केवल आवागमन को प्रभावित कर रही है, बल्कि स्वास्थ्य जोखिम भी बढ़ा रही है। कीचड़ और गंदे पानी के ठहराव से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। बच्चों और बुजुर्गों को इस दलदली रास्ते से गुजरने में विशेष रूप से कठिनाई हो रही है, और कई बार उन्हें गिरने या चोटिल होने का डर रहता है।

अन्य क्षेत्रों में समान समस्याएं
विदिशा जिले में यह समस्या केवल बेलानारा तक सीमित नहीं है। सिरोंज विधानसभा के मोतीपुर पंचायत में भी ग्रामीणों ने सड़क की कमी के कारण स्वयं राशन बेचकर सड़क निर्माण शुरू किया था। इसी तरह, पन्ना जिले की पवई जनपद की ग्राम पंचायत कुपना में भी बारिश के कारण सड़कें कीचड़ में तब्दील हो गई थीं, जिससे एम्बुलेंस और स्कूली बच्चों को परेशानी हुई। ये उदाहरण दर्शाते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क और बुनियादी ढांचे की समस्या एक व्यापक मुद्दा है।
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ग्रामीणों की मांगें
ग्रामीणों ने शासन, प्रशासन, और जनप्रतिनिधियों से निम्नलिखित मांगें की हैं:
पुलिया की मरम्मत: पुलिया के पाइपों को ठीक कर जल निकासी की उचित व्यवस्था की जाए।
पक्की सड़क का निर्माण: कच्ची सड़क को सीसी सड़क में परिवर्तित कर कीचड़ और दलदल की समस्या से निजात दिलाई जाए।
नालियों का निर्माण: बारिश के पानी के ठहराव को रोकने के लिए सड़क के दोनों ओर नालियों का निर्माण किया जाए।
नियमित रखरखाव: ग्राम पंचायत और जनपद पंचायत द्वारा सड़क का नियमित निरीक्षण और रखरखाव सुनिश्चित किया जाए।
प्रशासन की जिम्मेदारी
मध्यप्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, स्वास्थ्य, और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं को बेहतर करने का वादा किया है, लेकिन बेलानारा जैसे गांवों की स्थिति इस दावे पर सवाल उठाती है। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर, जनपद पंचायत नटेरन के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। वे चाहते हैं कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो और सड़क की स्थिति को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
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विदिशा-अशोकनगर मार्ग पर बेलानारा की यह सड़क ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। स्कूली बच्चों, मरीजों, और आम राहगीरों की सुरक्षा और सुविधा के लिए इस मार्ग का तत्काल सुधार आवश्यक है। ग्रामीणों की बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई न होना प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है। शासन, प्रशासन, और जनप्रतिनिधियों से अपील है कि वे इस समस्या का शीघ्र समाधान करें ताकि बेलानारा और घटवाई के निवासियों को इस कीचड़ और दलदल से मुक्ति मिल सके।