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रईस
रूपईडीहा/बहराइच। मंगलवार, 1 जुलाई 2025 को प्राथमिक विद्यालय रूपईडीहा में ‘स्कूल चलो अभियान’ के अंतर्गत एक भव्य जागरूकता रैली का आयोजन किया गया, जिसने गाँव में शिक्षा के प्रति उत्साह और जागरूकता का संदेश फैलाया। “हर बच्चा स्कूल जाए, पढ़ा-लिखा समाज बनाए” के संकल्प के साथ आयोजित इस रैली में विद्यालय के शिक्षकों, शिक्षा मित्रों, और छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
रैली का आयोजन और सहभागिता
रैली की शुरुआत प्राथमिक विद्यालय रूपईडीहा के प्रांगण से हुई। विद्यालय के शिक्षक आलिया खातून, नीरज कुमार गुप्ता, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, राहुल सोनी, श्वेता, और फरीद अहमद ने रैली का नेतृत्व किया। शिक्षा मित्र शशि द्विवेदी और दीपा तिवारी ने अपने प्रेरणादायी मार्गदर्शन से बच्चों का उत्साह बढ़ाया। छात्र-छात्राएँ हाथों में “आओ पढ़ें, आगे बढ़ें”, “बेटा-बेटी एक समान, स्कूल भेजें माँ-बाप जान”, और “शिक्षा है जीवन की नींव” जैसे शिक्षाप्रद स्लोगनों वाली तख्तियाँ लेकर गाँव की गलियों और मुख्य सड़कों पर मार्च किया। नारों की गूंज ने पूरे क्षेत्र में शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया।
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अभियान का उद्देश्य
‘स्कूल चलो अभियान’ का मुख्य उद्देश्य समुदाय में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना और उन बच्चों को स्कूल से जोड़ना है जो आर्थिक, सामाजिक, या अन्य कारणों से शिक्षा से वंचित हैं। रैली के दौरान शिक्षकों ने ग्रामीणों से संवाद किया और अभिभावकों को उनके बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया। विशेष रूप से बालिका शिक्षा पर जोर देते हुए, शिक्षकों ने अभिभावकों को समझाया कि शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है और यह उनके भविष्य की नींव है।
शिक्षकों और शिक्षा मित्रों की भूमिका
विद्यालय के शिक्षकों और शिक्षा मित्रों ने इस अभियान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिक्षक नीरज कुमार गुप्ता ने कहा, “शिक्षा समाज को सशक्त बनाने का सबसे शक्तिशाली हथियार है। यह रैली न केवल बच्चों को स्कूल से जोड़ने का प्रयास है, बल्कि समुदाय में शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने का भी एक कदम है।” शिक्षा मित्र दीपा तिवारी ने बताया कि गाँव में कई अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने में हिचकते हैं, और इस रैली के माध्यम से उन्हें जागरूक करने का प्रयास किया गया।
समुदाय की प्रतिक्रिया
रैली ने गाँव में सकारात्मक माहौल बनाया। ग्रामीणों ने शिक्षकों और शिक्षा मित्रों के इस प्रयास की सराहना की और इसे समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम बताया। कई अभिभावकों ने वचन दिया कि वे अपने बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजेंगे और शिक्षा को प्राथमिकता देंगे। रैली ने गाँव के बच्चों में भी उत्साह जगाया, जो नारों और तख्तियों के साथ गर्व से मार्च करते देखे गए।
अभियान का सामाजिक महत्व
‘स्कूल चलो अभियान’ के तहत आयोजित यह रैली रूपईडीहा में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। यह आयोजन न केवल बच्चों को स्कूल से जोड़ने का प्रयास था, बल्कि समाज में एक पढ़े-लिखे और प्रगतिशील भविष्य के निर्माण का संदेश भी देता है। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में, जहाँ शिक्षा की पहुँच अभी भी सीमित है, ऐसे अभियान सामाजिक परिवर्तन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।
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भविष्य की योजनाएँ
प्राथमिक विद्यालय रूपईडीहा के शिक्षकों ने बताया कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा। भविष्य में और अधिक जागरूकता रैलियाँ, अभिभावक बैठकों, और सामुदायिक कार्यक्रमों के माध्यम से गाँव के हर बच्चे को स्कूल से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। शिक्षक आलिया खातून ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि रूपईडीहा का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।”
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प्राथमिक विद्यालय रूपईडीहा द्वारा आयोजित ‘स्कूल चलो अभियान’ की यह जागरूकता रैली शिक्षा के प्रति समुदाय की सोच को बदलने की दिशा में एक प्रेरणादायी कदम है। शिक्षकों, शिक्षा मित्रों, और छात्र-छात्राओं की एकजुटता ने न केवल गाँव में शिक्षा की अलख जगाई, बल्कि यह भी दिखाया कि सामूहिक प्रयासों से समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है। यह रैली बहराइच जिले में शिक्षा के प्रसार और जागरूकता के लिए एक मिसाल बन गई है।