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रईस
बहराइच। राष्ट्रीय राजमार्ग-730 के किलोमीटर 190 पर जालिमनगर में घाघरा नदी पर बने सेतु के गाइड बंध में हो रही तीव्र कटान का मंगलवार को उच्च अधिकारियों ने स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान लोक निर्माण विभाग और सिंचाई विभाग को तत्काल आगणन तैयार कर 02 जुलाई 2025 तक शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए, ताकि भविष्य में किसी भी विषम परिस्थिति से बचा जा सके।
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निरीक्षण में शामिल अधिकारी
निरीक्षण में सचिव, लोक निर्माण विभाग, उत्तर प्रदेश शासन प्रकाश बिंदु, प्रमुख अभियंता (विकास) एवं विभागाध्यक्ष, लोक निर्माण विभाग ए.के. द्विवेदी, मुख्य अभियंता, लोक निर्माण विभाग, देवीपाटन मंडल अखिलेश कुमार दिवाकर, मुख्य अभियंता, राष्ट्रीय मार्ग ए.के. जैन, जिलाधिकारी मोनिका रानी, पुलिस अधीक्षक रामनयन सिंह, अधीक्षण अभियंता, बहराइच-श्रावस्ती वृत्त, लोक निर्माण विभाग अजय भास्कर, कार्यकारी अभियंता, लोक निर्माण विभाग, प्रांतीय खंड प्रदीप कुमार, कार्यकारी अभियंता, निर्माण खंड-1 अमर सिंह, और कार्यकारी अभियंता, संयुक्त ड्रेनेज खंड, सिंचाई विभाग जे.पी. वर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
कटान की स्थिति और नुकसान
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि गाइड बंध में लगभग 250 मीटर तक कटान हो चुकी है, जिसके कारण पानी के तेज बहाव से अप्रन की लांचिंग हो रही है। मौके पर स्काउरिंग डेप्थ (जल प्रवाह के कारण गहराई) लगभग 13 मीटर तक मापी गई। यह स्थिति सेतु की संरचना और आसपास के क्षेत्र के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रही है। अधिकारियों ने इस कटान को तत्काल नियंत्रित करने के लिए कार्य शुरू करने पर जोर दिया।
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प्रशासनिक कार्रवाई और निर्देश
प्रमुख अभियंता ए.के. द्विवेदी ने सिंचाई विभाग, बहराइच को निर्देश दिए कि कटान को रोकने के लिए तत्काल आगणन तैयार कर 02 जुलाई 2025 तक शासन को भेजा जाए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि आगणन की स्वीकृति प्राथमिकता के आधार पर प्राप्त की जाए। सचिव प्रकाश बिंदु ने जोर देकर कहा कि इस कार्य को तत्काल शुरू किया जाए ताकि भविष्य में कोई बड़ी क्षति या आपदा न हो।
पूर्व बैठक और चर्चा
उल्लेखनीय है कि सोमवार को आयुक्त, देवीपाटन मंडल की अध्यक्षता में राष्ट्रीय मार्ग, सिंचाई विभाग, और लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंताओं के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में जालिमनगर के घाघरा नदी सेतु के गाइड बंध में हो रही कटान पर विस्तृत चर्चा हुई थी। इस बैठक के बाद ही उच्च अधिकारियों ने स्थलीय निरीर्ण का निर्णय लिया, जिसके परिणामस्वरूप मंगलवार को यह निरीक्षण किया गया।
भविष्य की योजनाएँ
अधिकारियों ने कटान रोकने के लिए दीर्घकालिक और तात्कालिक उपायों पर विचार-विमर्श किया। इसमें जियो ट्यूब, बोल्डर, और अन्य कटान-रोधी तकनीकों का उपयोग शामिल हो सकता है, जैसा कि अन्य क्षेत्रों में पहले किया जा चुका है। साथ ही, सेतु और आसपास के क्षेत्र की सुरक्षा के लिए नियमित निगरानी और रखरखाव को भी सुनिश्चित करने पर बल दिया गया।
सामुदायिक और प्रशासनिक महत्व
जालिमनगर में घाघरा नदी पर बना यह सेतु लखनऊ-बहराइच राष्ट्रीय राजमार्ग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और इसके गाइड बंध की कटान से यातायात और स्थानीय समुदाय पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।, प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और उच्च अधिकारियों के निरीक्षण से स्पष्ट है कि इस समस्या को गंभीरता से लिया जा रहा है। स्थानीय लोग भी इस मुद्दे पर प्रशासन के प्रयासों की सराहना कर रहे हैं, साथ ही वे शीघ्र समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।
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यह निरीक्षण और त्वरित कार्रवाई न केवल सेतु की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह बहराइच जिले में बाढ़ और कटान जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।