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Wed. Aug 20th, 2025

Ganjbasoda news; वार्ड 3 में शासकीय कुएँ पर अवैध निर्माण, प्रशासन और नेताओं की चुप्पी पर उठे सवाल

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अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी

गंजबासौदा। शहर के वार्ड क्रमांक 3 में एक समिति संचालक द्वारा मंदिर के पास स्थित शासकीय कुएँ पर पक्का निर्माण कर कमरा बना लिया गया है। इस अवैध निर्माण के बावजूद नगर पालिका प्रशासन, स्थानीय पार्षद, एसडीएम, और पक्ष-विपक्ष के नेता मौन साधे हुए हैं। इस घटना ने स्थानीय नागरिकों में आक्रोश पैदा कर दिया है, जो इसे धार्मिक और सामाजिक मूल्यों के साथ खिलवाड़ मान रहे हैं। नागरिकों ने कलेक्टर से इस कुएँ को सुरक्षित करने और समिति की आय-व्यय की जाँच की मांग की है।

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शासकीय कुएँ पर अवैध निर्माण

वार्ड क्रमांक 3 में मंदिर के निकट स्थित शासकीय कुएँ पर एक समिति संचालक ने पक्का निर्माण कर कमरा बना लिया है। यह कुआँ न केवल ऐतिहासिक और सामुदायिक महत्व का है, बल्कि यह धार्मिक दृष्टिकोण से भी पूजनीय रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्राचीन काल से कुओं की पूजा की जाती रही है, और ऐसे पवित्र स्थल पर अवैध कब्जा कर मकान बनाना निंदनीय है।

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नागरिकों ने सवाल उठाया है कि क्या कुएँ जैसे सार्वजनिक और धार्मिक महत्व के स्थान पर निर्माण करना उचित है। उनका मानना है कि इस तरह के कार्य करने वाले लोग धार्मिक नहीं, बल्कि स्वार्थी हैं, जो धर्म और सामाजिक सेवा की आड़ में धन अर्जित करने में लगे हैं।

प्रशासन और नेताओं की चुप्पी

इस अवैध निर्माण के प्रति नगर पालिका प्रशासन, वार्ड पार्षद, एसडीएम, और स्थानीय नेताओं की चुप्पी ने नागरिकों के आक्रोश को और बढ़ा दिया है। लोगों का कहना है कि यह चुप्पी प्रशासनिक लापरवाही और दबंगई को बढ़ावा दे रही है। इस मामले में कोई कार्रवाई न होने से यह सवाल उठ रहा है कि क्या प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस तरह के अवैध कार्यों को संरक्षण दे रहे हैं।

समिति की आड़ में धन संग्रह

आरोप है कि समिति संचालक ने धर्म, मंदिर, और गरीबों को भोजन खिलाने की आड़ में लाखों रुपये एकत्र किए हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि इस समिति के माध्यम से धन बटोरने का कार्य अभी भी जारी है। नागरिकों ने इस समिति की आय-व्यय की पारदर्शी जाँच की मांग की है ताकि इसकी वास्तविकता सामने आ सके।

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नागरिकों की माँग

स्थानीय नागरिकों ने कलेक्टर से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है

  1. कुएँ की सुरक्षा: शासकीय कुएँ पर हुए अवैध निर्माण को हटाकर इसे मूल स्वरूप में बहाल किया जाए।
  2. जाँच और कार्रवाई: समिति की आय-व्यय की जाँच कर अनियमितताओं का खुलासा किया जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो।
  3. प्रशासनिक जवाबदेही: अवैध निर्माण की अनुमति देने या उस पर चुप्पी साधने वाले अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही तय की जाए।

सामाजिक और धार्मिक भावनाओं का सवाल

नागरिकों का कहना है कि कुआँ केवल एक जल स्रोत नहीं, बल्कि उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था का प्रतीक है। इस पर अवैध कब्जा और निर्माण न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह सामाजिक और धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ भी है। लोगों ने प्रशासन से इस मामले को गंभीरता से लेने और त्वरित कार्रवाई की माँग की है।

कलेक्टर से अपील

नागरिकों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर इस मामले में तत्काल जाँच और कार्रवाई की माँग की है। उनका कहना है कि यदि इस तरह के अवैध कार्यों पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह भविष्य में अन्य लोगों को भी गलत कार्यों के लिए प्रोत्साहित करेगा।

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यह घटना गंजबासौदा में प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाती है। नागरिकों का आक्रोश और उनकी माँग इस बात का संकेत है कि वे अब इस तरह की अनियमितताओं को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं हैं।

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