अतुल्य भारत चेतना
अखिल सुर्यवंशी
छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा में जगन्नाथ महाप्रभु की पारंपरिक रथयात्रा का भव्य आयोजन शुक्रवार, 27 जून 2025 को धूमधाम से संपन्न होगा। यह रथयात्रा, जो पिछले 11 वर्षों से निरंतर आयोजित हो रही है, छोटी बाजार के पास पुराना पावर हाउस से शुरू होकर परम संतोष श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर तक पहुंचेगी। इस वर्ष यात्रा में पातालकोट से आए 50 कलाकार जिले की सांस्कृतिक झलक प्रस्तुत करेंगे, और भगवान मदन मोहन की प्रतिमा विशेष आकर्षण का केंद्र होगी।
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रथयात्रा का शुभारंभ और मार्ग
आयोजन प्रभारी आदित्य कराड़े ने बताया कि रथयात्रा की सभी तैयारियां पूर्ण हो चुकी हैं। यह यात्रा दोपहर 12 बजे पुराना पावर हाउस, छोटी बाजार से शुरू होगी और बुधवारी होते हुए शाम 4 बजे परम संतोष श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर पहुंचेगी। यहां भगवान का विश्राम होगा, जिसके बाद विशेष रथ के माध्यम से भगवान को वर्धमान सिटी स्थित पं. विजय आनंद दुबे के निवास, जगन्नाथ आराधना स्थली, ले जाया जाएगा। इस दौरान जगन्नाथ पुरी की परंपरानुसार भक्तों को भगवान मदन मोहन के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त होगा।
तीन दिवसीय पूजन महोत्सव
आयोजन प्रमुख पं. स्पंदन आनंद दुबे ने बताया कि रथयात्रा से पूर्व तीन दिवसीय पूजन महोत्सव बुधवार, 25 जून से शुरू हो चुका है। इसकी प्रमुख गतिविधियां निम्नलिखित हैं:

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- 25 जून 2025: नवयोवन संस्कार विधि-विधानपूर्वक संपन्न किया गया, जिसमें भगवान के तीनों विग्रहों (श्री बलभद्र, मां सुभद्रा, और श्री जगन्नाथ) को स्वस्थ करने की प्रक्रिया पूरी की गई।
- 26 जून 2025: नेत्रोत्सव संस्कार के तहत भगवान का विशेष पूजन, अर्चन, और श्रृंगार किया गया। इसके बाद भगवान को उत्सवपूर्ण विहार यात्रा के साथ छोटी बाजार स्थित जगन्नाथ पूजन स्थल लाया गया। सायंकाल से विविध अनुष्ठान संपादित किए गए।
- 27 जून 2025 (रथयात्रा का दिन): सुबह 4 बजे से कलश स्थापना, मंगला आरती, श्रीसूक्त, और पुरुष सूक्त का पाठ होगा। इसके बाद अभिषेक, बड़ा श्रृंगार आरती, और अटका भोजन पूजा होगी। सहस्त्रनाम पाठ और धूप आरती के बाद भगवान के दर्शन के लिए पट खुलेंगे। सुबह 9 बजे भगवान को छप्पन भोग लगाया जाएगा। इसके बाद श्री बलभद्र, मां सुभद्रा, और श्री जगन्नाथ को रथ पर प्रतिष्ठित किया जाएगा।
रथयात्रा का संचलन और समापन
मीडिया प्रभारी गौरव सोनी ने बताया कि रथयात्रा दोपहर 12 बजे पुराना पावर हाउस से शुरू होकर बुधवारी के रास्ते लक्ष्मीनारायण मंदिर पहुंचेगी। यहां त्रिमूर्ति का विश्राम, धूप आरती, और भात वितरण होगा। इसके बाद भगवान को विशेष वाहन से वर्धमान सिटी ले जाया जाएगा, जहां विविध धार्मिक संस्कार, पूजन-अर्चन, और भोग की व्यवस्था होगी। रात 8 बजे ओड़िया राजराजेश्वर वेश श्रृंगार के दर्शन होंगे, जो रात 10 बजे तक उपलब्ध रहेंगे। अंत में महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा।
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सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
यह रथयात्रा छिंदवाड़ा की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पातालकोट के 50 कलाकार अपनी पारंपरिक कला और संस्कृति का प्रदर्शन करेंगे, जो इस आयोजन को और भी रंगारंग बनाएगा। भगवान मदन मोहन की प्रतिमा इस वर्ष का विशेष आकर्षण होगी, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव को और गहरा करेगी। यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्साह को बढ़ाता है, बल्कि सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक गौरव को भी प्रदर्शित करता है।

सामुदायिक सहभागिता
रथयात्रा में शहर के सैकड़ों भक्तों के साथ-साथ स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी देखने को मिलेगी। आयोजकों ने सभी शहरवासियों से इस पवित्र आयोजन में शामिल होने और भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, और सुभद्रा के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करने की अपील की है। पं. स्पंदन आनंद दुबे ने कहा, “यह रथयात्रा भक्ति, एकता, और सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है। हम सभी भक्तों से इस पवित्र यात्रा में शामिल होने का आह्वान करते हैं।”
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छिंदवाड़ा की यह 11वीं जगन्नाथ रथयात्रा भक्ति और उत्साह का अनूठा संगम होगी। छोटी बाजार से लक्ष्मीनारायण मंदिर और फिर वर्धमान सिटी तक की यह यात्रा न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। पातालकोट के कलाकारों की प्रस्तुति और भगवान मदन मोहन की प्रतिमा इस आयोजन को और भी विशेष बनाएगी। यह रथयात्रा छिंदवाड़ा के लिए एक गर्व का क्षण है, जो भक्तों को एकजुट कर भगवान जगन्नाथ के प्रति उनकी श्रद्धा को और गहरा करेगी।