अतुल्य भारत चेतना
अखिल सुर्यवंशी
छिंदवाड़ा। अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अवसर पर छिंदवाड़ा में जिला प्रशासन, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, और मातृ सेवा संघ के संयुक्त तत्वावधान में एक प्रेरणास्पद नाटक “आज़ादी चाहिए या आदत?” का मंचन किया गया। इस नाटक का निर्देशन डॉ. पवन नेमा ने किया, और इसका प्रदर्शन जिला चिकित्सालय ऑडिटोरियम हॉल और जगन्नाथ स्कूल, छिंदवाड़ा में किया गया। नाटक ने नशा नहीं, जीवन चुनो! का संदेश देते हुए युवाओं, छात्रों, और आम नागरिकों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया।
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नाटक का उद्देश्य और प्रभाव
नाटक का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नशे की लत से बचाने और उन्हें समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनाने के लिए प्रेरित करना था। “आज़ादी चाहिए या आदत?” ने नशे के दुष्परिणामों और उससे मुक्ति पाने की प्रेरणा को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। नाटक में नशे की लत में फंसे युवाओं की कहानी को भावनात्मक और यथार्थवादी तरीके से दर्शाया गया, जिसने दर्शकों को गहरे तक प्रभावित किया।

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समाजसेवी राकेश शर्मा ने बताया, “इस नाटक का उद्देश्य युवाओं को नशे के जाल से बचाना और उन्हें सकारात्मक दिशा में प्रेरित करना है। यह प्रस्तुति न केवल जागरूकता फैलाती है, बल्कि समाज में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
मुख्य अतिथियों की प्रतिक्रिया
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शेषराव यादव (जिलाध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी) और विशिष्ट अतिथि विक्रम अहाके (महापौर, नगर पालिक निगम, छिंदवाड़ा) ने नाटक की प्रस्तुति की सराहना की। शेषराव यादव ने कहा, “इस तरह की प्रस्तुतियां युवाओं को सही दिशा में सोचने के लिए प्रेरित करती हैं। नशा मुक्ति के लिए इस तरह के रचनात्मक प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।” विक्रम अहाके ने नाटक की प्रभावशाली प्रस्तुति और कलाकारों के अभिनय की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह नाटक युवाओं को नशे से दूर रहने का एक मजबूत संदेश देता है।
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कलाकारों का सशक्त अभिनय
नाटक में डॉ. पवन नेमा, धीरज डेहरिया, आयुष सिंह परमार, प्रवीण बांधे, शिवांग भारद्वाज, और प्रवीण चौरागड़े ने अभिनय किया। इन कलाकारों की सशक्त प्रस्तुति ने दर्शकों को भावनात्मक रूप से झकझोर दिया और नशे के दुष्प्रभावों को प्रभावी ढंग से उजागर किया। नाटक की कहानी और अभिनय ने दर्शकों को नशे की लत से होने वाले सामाजिक, पारिवारिक, और व्यक्तिगत नुकसानों पर गहराई से विचार करने के लिए प्रेरित किया।

सम्मान और पुरस्कार
कार्यक्रम के अंत में पं. आर. डी. शर्मा मेमोरियल जिला नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्र की ओर से नाटक दल के सभी कलाकारों को प्रमाण पत्र, स्मृति चिन्ह, और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान नाटक दल के प्रयासों और उनके द्वारा दिए गए सामाजिक संदेश की सराहना का प्रतीक था।
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सामुदायिक भागीदारी
नाटक के प्रदर्शन में युवाओं, छात्रों, और आम नागरिकों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। दर्शकों में नशा निवारण के प्रति जागरूकता और उत्साह स्पष्ट रूप से देखा गया। कार्यक्रम ने न केवल नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाई, बल्कि सामुदायिक एकता और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को भी प्रोत्साहित किया। दर्शकों ने नाटक के संदेश को अपनाने और अपने आसपास के लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लिया।
नशा निवारण में रचनात्मक प्रयास
यह नाटक छिंदवाड़ा में नशा निवारण के लिए एक रचनात्मक और प्रभावी प्रयास साबित हुआ। जिला प्रशासन, सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, और मातृ सेवा संघ के इस संयुक्त प्रयास ने समाज में नशा मुक्ति की आवश्यकता को रेखांकित किया। इस तरह के आयोजन न केवल युवाओं को सही दिशा में प्रेरित करते हैं, बल्कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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अंतरराष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अवसर पर आयोजित इस नाटक ने छिंदवाड़ा के युवाओं और नागरिकों को “नशा नहीं, जीवन चुनो!” का संदेश दिया। यह आयोजन नशे के खिलाफ जागरूकता फैलाने और समाज को स्वस्थ और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ। भविष्य में भी इस तरह के रचनात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया गया, ताकि नशा मुक्त समाज का सपना साकार हो सके।