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रईस
बहराइच। 22 जून 2025 को देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित राजस्व वादों की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी मोनिका रानी ने उप जिलाधिकारियों (एसडीएम), तहसीलदारों, और नायब तहसीलदारों को राजस्व वादों के समयबद्ध निस्तारण के लिए कड़े निर्देश दिए। उन्होंने विशेष रूप से धारा 24 और 116 के समय सीमा से अधिक लंबित वादों की दिन-प्रतिदिन (डे-बाय-डे) सुनवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया। डीएम ने यह भी निर्देश दिया कि धारा 34 और 80 के वाद जून माह में ही निपटाए जाएँ, ताकि कोई भी मामला समय सीमा से अधिक लंबित न रहे।
राजस्व वादों की समीक्षा और निर्देश
जिलाधिकारी मोनिका रानी ने बैठक में राजस्व वादों के निस्तारण की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा, “दायरे के सापेक्ष निस्तारण सुनिश्चित करें। किसी भी स्थिति में दायरे से कम निस्तारण स्वीकार्य नहीं होगा।” उन्होंने उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन ग्रामों में अधिक वाद लंबित हैं, वे नियमित रूप से उन गाँवों का भ्रमण करें और वास्तविक स्थिति का जायजा लें। भ्रमण के दौरान आईजीआरएस (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) और अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता की भी जाँच करने को कहा।
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डीएम ने पीठासीन अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि धारा 24, 116, 34, और 67 के तहत कोई भी वाद 3 से 5 वर्ष या उससे अधिक समय तक लंबित न रहे। उन्होंने कहा, “धारा 34 के समय सीमा से अधिक लंबित सभी वादों का निस्तारण जून माह में पूरा कर लिया जाए। इसी तरह, धारा 80 का कोई भी वाद समय सीमा से अधिक लंबित नहीं रहना चाहिए।”
धारा 24 और 116 के वादों पर विशेष जोर
जिलाधिकारी ने विशेष रूप से धारा 24 (भूमि अधिग्रहण से संबंधित) और धारा 116 (भूमि सीमांकन से संबंधित) के वादों के निस्तारण पर जोर दिया। उन्होंने सभी उप जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि इन धाराओं के तहत समय सीमा से अधिक लंबित सभी मामलों की दिन-प्रतिदिन सुनवाई की जाए और शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। यह निर्देश राजस्व वादों में देरी से होने वाली जनता की परेशानी को कम करने और प्रशासनिक कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
सामुदायिक और प्रशासनिक प्रभाव
यह समीक्षा बैठक बहराइच जिले में राजस्व प्रशासन की कार्यप्रणाली को मजबूत करने और जनता की शिकायतों का त्वरित निवारण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी। जिलाधिकारी मोनिका रानी, जो 2010 बैच की आईएएस अधिकारी हैं, ने अपनी गतिशील नेतृत्व शैली के लिए हाल ही में 2023 के लिए प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार प्राप्त किया है। उनकी ‘सेवा से संतृप्तिकरण अभियान’ ने बहराइच को एक आकांक्षी जिले के रूप में समग्र विकास की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति दिलाई।
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बैठक में डीएम ने ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण और शिकायत निवारण की गुणवत्ता पर जोर देकर प्रशासन और जनता के बीच विश्वास को और मजबूत करने का प्रयास किया। उनके निर्देशों से यह स्पष्ट है कि राजस्व वादों का निस्तारण न केवल प्रशासनिक प्राथमिकता है, बल्कि सामुदायिक कल्याण और सामाजिक न्याय का भी हिस्सा है।
उपस्थित अधिकारी और कर्मचारी
बैठक में मुख्य राजस्व अधिकारी देवेंद्र पाल सिंह, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट/उप जिलाधिकारी महसी आलोक प्रसाद, कैसरगंज के अखिलेश कुमार सिंह, बहराइच सदर की पूजा चौधरी, नानपारा के लालधर सिंह यादव, मिहींपुरवा (मोतीपुर) के प्रकाश सिंह, और एसडीएम न्यायिक नानपारा संजय कुमार उपस्थित रहे। इसके अलावा, संबंधित तहसीलों के तहसीलदार, नायब तहसीलदार, और कलेक्ट्रेट के पटल सहायक भी मौजूद थे।
बहराइच में राजस्व प्रशासन की स्थिति
बहराइच, जो उत्तर प्रदेश के देवीपाटन मंडल का हिस्सा है, एक महत्वपूर्ण जिला है, जो नेपाल सीमा से सटा हुआ है। यहाँ राजस्व वादों की संख्या अधिक होने के कारण प्रशासन के सामने समयबद्ध निस्तारण की चुनौती रहती है। धारा 24 (भूमि अधिग्रहण), धारा 116 (सीमांकन), धारा 34 (नामांतरण), और धारा 67 (अवैध कब्जा) जैसे मामले ग्रामीण क्षेत्रों में आम हैं। इन वादों में देरी से न केवल जनता को परेशानी होती है, बल्कि सामाजिक तनाव भी बढ़ता है। डीएम मोनिका रानी के इन निर्देशों से उम्मीद है कि बहराइच में राजस्व वादों का निस्तारण तेज होगा और प्रशासन की जवाबदेही बढ़ेगी।
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22 जून 2025 की यह समीक्षा बैठक बहराइच में राजस्व प्रशासन को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी। जिलाधिकारी मोनिका रानी के कड़े निर्देशों और उनकी सक्रिय निगरानी से धारा 24, 116, 34, और 80 जैसे वादों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित होगा। यह प्रयास न केवल प्रशासनिक दक्षता को बढ़ाएगा, बल्कि बहराइच की जनता को त्वरित न्याय और बेहतर सेवाएँ प्रदान करने में भी सहायक होगा।