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Vidisha news; बावना नदी उद्गम स्थल पर जल संचय की अपील: मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने किया पौधरोपण और संरचनाओं पर जोर

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अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी

विदिशा। 22 जून 2025 को पंचायत एवं ग्रामीण विकास व श्रम मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने विदिशा जिले के ग्यारसपुर विकासखंड की ग्राम पंचायत घटेरा के मुरझिरी गाँव में बावना नदी के उद्गम स्थल पर पूजा-अर्चना की और जल संचय के लिए पौधरोपण व जल संरचनाओं के निर्माण की अपील की। उन्होंने नदियों के उद्गम स्थलों की रक्षा को प्राथमिकता बताते हुए कहा कि यह कार्य भावी पीढ़ियों और समाज के लिए एक अमूल्य योगदान है।

बावना नदी उद्गम स्थल की स्थिति और प्रशंसा

मुरझिरी गाँव की पहाड़ियों की वादियों में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री पटेल ने कहा, “मैंने कई नदियों के उद्गम स्थल देखे हैं, लेकिन बावना नदी का उद्गम स्थल सबसे अच्छी स्थिति में है। परंपरागत लकड़ी की बनावट और स्रोत संरक्षण के प्रयास देखकर मन प्रसन्न हुआ।” उन्होंने आदिवासी समुदाय द्वारा उद्गम स्थलों के संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यों की भूरी-भूरी प्रशंसा की।

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मंत्री ने बताया कि आदिवासी भाई-बहन त्योहारों, पिकनिक, या अन्य अवसरों पर उद्गम स्थलों पर आते-जाते रहते हैं, जिससे उनकी श्रद्धा और विश्वास के कारण जल स्रोत सूखने से बचे हुए हैं। उन्होंने कहा, “हम अक्सर नदी के पानी का उपयोग करते हैं, लेकिन इसके उद्गम स्थल की ओर ध्यान कम देते हैं। आदिवासियों का यह प्रयास अनुकरणीय है।”

जल संचय के लिए पौधरोपण पर जोर

मंत्री पटेल ने उद्गम स्थलों पर ऐसे पौधे लगाने की अपील की, जिनकी जड़ें जल संचय में सहायक हों। उन्होंने कहा, “हमारे प्रदेश में पौधे ही पानी देंगे। बारहमासी जल प्रवाह के लिए कोई अन्य स्रोत इतना प्रभावी नहीं है।” उन्होंने जल शोषण करने वाले पौधों जैसे नीलगिरी से बचने और जल संरक्षक पौधों को प्राथमिकता देने की सलाह दी।

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उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के माध्यम से जल संचय करने वाले पौधों के रोपण पर जोर दिया और पौधों की सुरक्षा के लिए तार फेंसिंग और बाउंड्री वॉल बनाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, “पौधा लगाने से पहले उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करें, ताकि वह बड़ा होकर जल संचय में योगदान दे सके।”

‘एक पौधा माँ के नाम’ अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा के अनुरूप ‘एक पौधा माँ के नाम’ अभियान को मध्य प्रदेश में सफल बनाने के लिए मंत्री पटेल ने पौधों की सुरक्षा को अतिआवश्यक बताया। उन्होंने पूर्व के अभियानों में पौधों की सुरक्षा में आई कमियों को दूर करने की सलाह दी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्गम स्थलों पर केवल जल संरक्षक पौधे ही लगाए जाएँ और इसकी निगरानी सुनिश्चित की जाए।

जल गंगा संवर्धन अभियान और श्रमदान

मंत्री पटेल ने जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत बावना नदी के उद्गम स्थल पर स्वयं ट्रैक्टर चलाकर पहुँचे और वहाँ जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि नदियों के सतत प्रवाह के लिए उद्गम स्थलों पर वृक्षारोपण और जल संरचनाएँ अत्यंत आवश्यक हैं। उन्होंने जल संरक्षण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, “हम जल का दोहन तो करते हैं, लेकिन संचय पर पर्याप्त ध्यान नहीं देते। इसके लिए राज्य सरकार राशि भी उपलब्ध करा रही है।” कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों ने बावना नदी के संरक्षण और गहरीकरण के लिए प्रयासों की सराहना की और इसे बेतवा नदी से जोड़ने की माँग उठाई, जैसी माँग पूर्व में पाराशरी नदी के लिए भी की गई थी।

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उपस्थित गणमान्य व्यक्ति

कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ ओ.पी. सनोडिया, स्थानीय सरपंच जसवंत मीणा, ग्यारसपुर एसडीएम मनोज उपाध्याय, जनपद सीईओ जितेंद्र जैन, संदीप सिंह डोंगर, वरिष्ठ नेता कैलाश रघुवंशी, कप्तान सिंह यादव, मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ विदिशा ब्लॉक इकाई सचिव प्रकाश लोधी, दीनदयाल विश्वकर्मा, विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी, ग्रामीणजन, और गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। जिला पंचायत सीईओ ओ.पी. सनोडिया ने कार्यक्रम के अंत में आभार व्यक्त किया और जल संचय के लिए सामुदायिक भागीदारी की महत्ता पर जोर दिया।

सामुदायिक और पर्यावरणीय प्रभाव

मुरझिरी में बावना नदी के उद्गम स्थल पर आयोजित यह कार्यक्रम जल संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल का यह प्रयास न केवल विदिशा, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान को गति प्रदान करता है। बावना नदी, जो स्थानीय समुदाय के लिए जीवनरेखा है, के उद्गम स्थल का संरक्षण नदियों की दीर्घकालिक स्थिरता और जल संकट से निपटने में महत्वपूर्ण है।

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आदिवासी समुदाय की परंपराओं और श्रद्धा ने इस कार्य को और प्रभावी बनाया। मंत्री पटेल ने इन प्रयासों को मध्य प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के लिए एक मॉडल बताया। यह आयोजन जल संचय, पौधरोपण, और सामुदायिक जागरूकता के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करता है। मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल की यह पहल बावना नदी के उद्गम स्थल को संरक्षित करने और जल संचय को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होगी। उनकी अपील और सक्रिय भागीदारी ने स्थानीय समुदाय को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और टिकाऊ भविष्य की नींव रखेगा।

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