अतुल्य भारत चेतना
अखिल सुर्यवंशी
छिंदवाड़ा। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती के अवसर पर जन सेवा हिताय संगठन और नेमा क्षारसूत्र संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में 29 मई 2025 को छिंदवाड़ा में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर और प्रेरणादायी उद्बोधन के माध्यम से महाराणा प्रताप के जीवन, साहस और देशभक्ति को याद किया गया। जन सेवा हिताय संगठन की प्रमुख श्रीमती हर्षा बनोदे ने बताया कि यह आयोजन समाज में एकता, स्वास्थ्य जागरूकता और परंपरागत चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया।

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मुख्य अतिथियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में स्वामी पूर्णानंद सरस्वती, अभिजीत परमार, सत्यम राजपूत, रविराज भारद्वाज और नेमा क्षारसूत्र संस्थान के डायरेक्टर डॉ. पवन नेमा उपस्थित रहे। इसके साथ ही नीलेश राजा, आदर्श फाउंडेशन के अध्यक्ष महेश बंदेवर, डॉ. नरेंद्र सोमकुवर, कलार समाज जिला अध्यक्ष चित्रा चौकसे, संरक्षक शंकर निमजे, उपाध्यक्ष रूपा प्रधान, दीक्षा बिसेन, भारती जैन, माय भारत के राहुल बानिया, जन सेवा हिताय की अध्यक्ष हर्षा बनोदे और आयुर्वेदाचार्य डॉ. पवन नेमा ने भी कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी निभाई।

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महाराणा प्रताप की गौरव गाथा
मुख्य अतिथि स्वामी पूर्णानंद सरस्वती ने अपने उद्बोधन में महाराणा प्रताप के जीवन और उनके अदम्य साहस की गाथा को विस्तार से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “महाराणा प्रताप न केवल राजपूतों के, बल्कि समस्त हिंदू समाज और भारतवासियों के प्रेरणास्रोत हैं। हमें स्कूलों में बच्चों को अपने वीर पुरुषों की गौरव गाथाएँ पढ़ानी चाहिए ताकि वे उनकी वीरता, स्वाभिमान और देशभक्ति से प्रेरणा लें।” अन्य वक्ताओं ने भी महाराणा प्रताप के युद्धकौशल, धर्मनिष्ठा और स्वतंत्रता के लिए उनके संघर्ष को रेखांकित करते हुए समाज में एकता और देशभक्ति की भावना को बढ़ाने पर जोर दिया।

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निःशुल्क आयुर्वेदिक स्वास्थ्य शिविर
शिविर संयोजक और आयुर्वेदाचार्य डॉ. पवन नेमा ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान एक निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 148 मरीजों का नाड़ी परीक्षण और स्वास्थ्य जांच की गई। मरीजों को आयुर्वेदिक औषधियाँ और पंचकर्म चिकित्सा का निःशुल्क लाभ प्रदान किया गया। डॉ. नेमा ने अपने प्रेरणादायी वक्तव्य में परंपरागत आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के महत्व को रेखांकित किया और कहा, “आयुर्वेद न केवल रोगों का उपचार करता है, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली को भी प्रोत्साहित करता है। समाज की एकता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है।”

सामुदायिक सहयोग और आभार
कार्यक्रम की सफलता में राजपूत समाज के सभी सदस्यों का विशेष सहयोग रहा। मीडिया प्रभारी अखिल सूर्यवंशी ने आभार प्रदर्शन करते हुए आयोजन में शामिल सभी अतिथियों, संगठन के सदस्यों और समुदाय के सहयोग को सराहा। जन सेवा हिताय संगठन और नेमा क्षारसूत्र संस्थान के संयुक्त प्रयासों ने इस आयोजन को यादगार और प्रभावी बनाया।

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महाराणा प्रताप जयंती का यह आयोजन न केवल उनके गौरवमयी इतिहास को याद करने का अवसर था, बल्कि समाज में स्वास्थ्य जागरूकता, एकता और परंपरागत चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने का एक प्रभावी मंच भी साबित हुआ। निःशुल्क स्वास्थ्य शिविर और प्रेरणादायी उद्बोधनों ने उपस्थित लोगों में देशभक्ति और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को प्रज्वलित किया। इस तरह के आयोजन भविष्य में भी समाज को प्रेरित और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।