अतुल्य भारत चेतना
रईस
बहराइच। कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के कतरनिया रेंज अंतर्गत कुड़कुड़ीकुआं चौकी क्षेत्र के चहलवा गांव में सोमवार, 26 मई 2025 की सुबह एक तेंदुए ने खेत की ओर जा रहे किसान पर अचानक हमला कर दिया। इस घटना में किसान गंभीर रूप से घायल हो गया, लेकिन ग्रामीणों की त्वरित कार्रवाई और सतर्कता के कारण उसकी जान बच गई। यह घटना क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती समस्या को दर्शाती है।
घटना का विवरण
प्राप्त जानकारी के अनुसार, चहलवा गांव निवासी हबीब (40 वर्ष), पुत्र अब्दुल रहमान, सुबह करीब 8:00 बजे अपने खेत की ओर जा रहे थे। इसी दौरान पास के जंगल से निकलकर एक तेंदुए ने उन पर घात लगाकर हमला कर दिया। तेंदुए के हमले में हबीब लहूलुहान हो गए। उनकी चीख-पुकार सुनकर आसपास के खेतों में मौजूद अन्य किसानों ने तुरंत शोर मचाना शुरू किया। शोर-शराबे से घबराकर तेंदुआ घायल हबीब को छोड़कर जंगल की ओर भाग गया।
ग्रामीणों ने तत्काल हबीब को स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) सुजौली पहुंचाया, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया। चिकित्सकों ने बताया कि हबीब की स्थिति गंभीर थी, लेकिन समय पर उपचार मिलने के कारण उनकी हालत अब स्थिर है।
वन विभाग और पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची। वन विभाग की टीम ने घटनास्थल का मुआयना किया और तेंदुए की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी। कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के अधिकारियों ने बताया कि तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे और अन्य उपायों पर विचार किया जा रहा है। साथ ही, ग्रामीणों को सतर्क रहने और जंगल के आसपास अकेले न जाने की सलाह दी गई है।
क्षेत्र में दहशत का माहौल
इस हमले ने चहलवा गांव और आसपास के क्षेत्रों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के निकटवर्ती गांवों में हाल के महीनों में तेंदुए के हमलों की कई घटनाएं सामने आई हैं। ग्रामीणों ने वन विभाग से तेंदुए के आतंक से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।
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पिछले कुछ वर्षों में कतर्नियाघाट क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ी हैं। उदाहरण के तौर पर, 6 फरवरी 2025 को बरगदवा गांव में तेंदुए के हमले में पांच लोग घायल हो गए थे, और 25 मई 2025 को अयोध्यापुरवा गांव में एक 37 वर्षीय महिला की तेंदुए के हमले में मृत्यु हो गई थी। इन घटनाओं ने क्षेत्र में सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता को और अधिक रेखांकित किया है।
वन विभाग की अपील
कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के डिवीजनल फॉरेस्ट ऑफिसर (DFO) बी. शिवशंकर ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और अनावश्यक रूप से जंगल या गन्ने के खेतों में अकेले न जाएं। उन्होंने कहा, “वन विभाग मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। हमने क्षेत्र में निगरानी बढ़ा दी है और तेंदुए को पकड़ने के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं।”
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चहलवा गांव में हुई इस घटना ने एक बार फिर मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीरता को उजागर किया है। ग्रामीणों की त्वरित कार्रवाई ने हबीब की जान बचाई, लेकिन इस घटना ने क्षेत्र में तेंदुए के आतंक को नियंत्रित करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया है। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन से अपेक्षा है कि वे इस समस्या का स्थायी समाधान निकालें ताकि ग्रामीण सुरक्षित और निश्चिंत जीवन जी सकें।