अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी
विदिशा। अडानी फाउंडेशन ने अपने फॉर्च्यून सुपोषण प्रोजेक्ट के तहत विदिशा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में माहवारी स्वच्छता दिवस के अवसर पर एक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी जयंती बाला उपस्थित रहीं, जिन्होंने इस पहल को समुदाय के लिए महत्वपूर्ण बताया। अडानी फाउंडेशन की टीम ने ग्रामीण महिलाओं और किशोरियों को माहवारी स्वच्छता के महत्व और इससे जुड़े मिथकों को दूर करने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया।

कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधियाँ
इस अवसर पर आयोजित गतिविधियों ने ग्रामीण समुदाय में माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इनमें शामिल थे:
- रैली: माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए एक रैली निकाली गई, जिसमें समुदाय की महिलाओं और किशोरियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। रैली ने ग्रामीण क्षेत्रों में इस विषय पर खुली चर्चा को प्रोत्साहित किया।
- सामुदायिक कार्यक्रम: सामुदायिक स्तर पर आयोजित कार्यक्रमों में माहवारी स्वच्छता के महत्व और स्वच्छता उत्पादों के उपयोग पर जोर दिया गया।
- फोकस समूह चर्चा (FGD): महिलाओं और किशोरियों के साथ फोकस समूह चर्चाएँ आयोजित की गईं, जिनमें माहवारी से जुड़े मिथकों और सामाजिक कुरीतियों पर खुलकर बातचीत हुई।
- परिवार परामर्श सत्र: परिवारों को माहवारी स्वच्छता के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए परामर्श सत्र आयोजित किए गए, जिनमें परिवार के सभी सदस्यों को शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया।
- किशोरों के साथ खाना पकाने का प्रदर्शन: किशोरियों को पोषण और स्वच्छता के महत्व को समझाने के लिए खाना पकाने का प्रदर्शन किया गया, जो उनके स्वास्थ्य और माहवारी के दौरान पोषण की आवश्यकता पर केंद्रित था।
- मिथकों और स्वच्छता पर चर्चा: RPA (रूरल प्रोग्राम असिस्टेंट) महिलाओं ने माहवारी से जुड़े मिथकों को दूर करने और स्वच्छता के महत्व पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए। इन चर्चाओं ने ग्रामीण समुदाय में इस विषय पर खुलापन और जागरूकता को बढ़ावा दिया।
अडानी फाउंडेशन और समुदाय का सहयोग
कार्यक्रम को सफल बनाने में अडानी फाउंडेशन की सुपोषण टीम का योगदान सराहनीय रहा। सुपोषण अधिकारी अभिलाषा तिवारी, पूर्णिमा दुबे, गुण मालवीय, नम्रता श्रीवास्तव और उनकी पूरी टीम ने इस आयोजन को प्रभावी ढंग से संचालित किया। इनके प्रयासों से ग्रामीण महिलाओं और किशोरियों तक माहवारी स्वच्छता की जानकारी पहुंची और सामाजिक कुरीतियों को तोड़ने में मदद मिली।

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महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी जयंती बाला ने इस पहल की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अडानी फाउंडेशन की इस पहल को सामुदायिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
उद्देश्य और प्रभाव
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में माहवारी स्वच्छता के महत्व को रेखांकित करना और इससे जुड़े मिथकों को दूर करना था। अडानी फाउंडेशन ने इस अवसर पर समुदाय के साथ गहरा जुड़ाव स्थापित किया और स्वच्छता उत्पादों के उपयोग, उनके निपटान और माहवारी के दौरान स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
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कार्यक्रम ने न केवल जागरूकता फैलाई, बल्कि ग्रामीण महिलाओं और किशोरियों को आत्मविश्वास के साथ अपनी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को समझने और व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया। यह आयोजन माहवारी को एक सामान्य और प्राकृतिक प्रक्रिया के रूप में स्वीकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
अडानी फाउंडेशन की यह पहल विदिशा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में माहवारी स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने और सामाजिक कुरीतियों को समाप्त करने में एक मील का पत्थर साबित हुई। फॉर्च्यून सुपोषण प्रोजेक्ट के तहत आयोजित इस कार्यक्रम ने समुदाय को एकजुट किया और महिलाओं को स्वस्थ और सम्मानजनक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। इस तरह के आयोजन भविष्य में भी ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।