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अतुल्य भारत चेतना
प्रमोद रजक

छत्तीसगढ़। दिनांक 26 मई 2025 को संकुल केंद्र कन्या सीपत, मस्तूरी के अंतर्गत सभी 16 शासकीय एवं अशासकीय विद्यालयों में समर कैंप का शुभारंभ हुआ। इस वर्ष की थीम “एक और भारतीय भाषा सीखें” के अंतर्गत स्थानीय बंगाली भाषा पर केंद्रित गतिविधियों का आयोजन किया गया। प्रथम दिवस की गतिविधियों में बुनियादी अभिवादन, अभिव्यक्ति, अक्षर, और संख्या से संबंधित शिक्षण कार्य प्रमुख रहे।

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आयोजन विवरण

  • स्थान: संकुल केंद्र कन्या सीपत, मस्तूरी
  • प्रमुख विद्यालय: प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालय, झलमला
  • उपस्थिति:
    • शिक्षक: 08
    • विद्यार्थी: 45
    • पालक: 02
    • कुल: 55

गतिविधियों का विवरण

संकुल केंद्र कन्या सीपत के सभी विद्यालयों में प्रथम दिवस की गतिविधियों का आयोजन सुव्यवस्थित रूप से किया गया। बच्चों को बंगाली, हिंदी, और छत्तीसगढ़ी भाषाओं में अभिवादन सिखाने के लिए निम्नलिखित माध्यमों का उपयोग किया गया:

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  • फ्लैश कार्ड: बंगाली भाषा के अक्षरों और संख्याओं को समझाने के लिए रंगीन और आकर्षक फ्लैश कार्ड का उपयोग किया गया।
  • ऑडियो-वीडियो प्रदर्शनी: बंगाली भाषा के बुनियादी अभिवादन और अभिव्यक्तियों को ऑडियो-वीडियो के माध्यम से प्रस्तुत किया गया, जिससे बच्चों का उत्साह बढ़ा।
  • इंटरैक्टिव सत्र: शिक्षकों ने बच्चों को बंगाली भाषा में सरल वाक्य और अभिवादन सिखाए, जैसे “नमस्ते” (हिंदी), “नमस्कार” (छत्तीसगढ़ी), और “নমস্কার” (बंगाली)।

उद्देश्य

इस समर कैंप का मुख्य उद्देश्य बच्चों को भारतीय भाषाओं की विविधता से परिचित कराना और बंगाली भाषा के प्रति रुचि जगाना था। गतिविधियों के माध्यम से बच्चों ने न केवल भाषा सीखी, बल्कि सांस्कृतिक एकता और समन्वय का महत्व भी समझा।

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आयोजन की विशेषताएं

  • शिक्षकों की भूमिका: संकुल प्रभारी, प्राचार्य, और संकुल शैक्षिक समन्वयक ने गतिविधियों के सुचारु संचालन में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
  • पालकों की सहभागिता: पालकों ने भी बच्चों के उत्साहवर्धन में सक्रिय भूमिका निभाई।
  • शैक्षिक नवाचार: ऑडियो-वीडियो और फ्लैश कार्ड जैसे आधुनिक शिक्षण उपकरणों का उपयोग कर बच्चों को रुचिकर ढंग से सीखने का अवसर प्रदान किया गया।

समर कैंप का प्रथम दिवस अत्यंत सफल रहा। बच्चों ने उत्साहपूर्वक गतिविधियों में भाग लिया और बंगाली भाषा के प्रति अपनी रुचि प्रदर्शित की। संकुल केंद्र कन्या सीपत के सभी विद्यालयों में यह आयोजन एक सकारात्मक और प्रेरणादायक शुरुआत साबित हुआ। आगामी दिनों में और भी रोचक गतिविधियों की योजना है, जो बच्चों को भारतीय भाषाओं और संस्कृति से जोड़ेगी।

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