अतुल्य भारत चेतना
अखिल सुर्यवंशी
उमरेठ/छिंदवाड़ा। उमरेठ तहसील के ग्राम नागलवाड़ी में शनिवार शाम को तेज आंधी-तूफान और बारिश के बीच आकाशीय बिजली गिरने से एक किसान के दो बेलों की मौके पर मृत्यु हो गई। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ा दी और पीड़ित किसान को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा।
घटना का विवरण
ग्राम निवासी किसान शोभाचंद मर्रापे ने अपने खेत में मवेशियों को बारिश से बचाने के लिए एक अस्थायी कोढा बनाया था। इस कोढे के पास स्थित एक महुआ के पेड़ से उन्होंने अपने दोनों बेलों को बांध रखा था। शनिवार शाम को जब तेज आंधी और झमाझम बारिश शुरू हुई, शोभाचंद अपने बेलों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने की तैयारी कर रहे थे। तभी अचानक आकाशीय बिजली महुआ के पेड़ पर गिरी और उसकी चपेट में बंधे दोनों बेल आ गए। बिजली की तीव्रता इतनी अधिक थी कि दोनों बेलों की तत्काल मृत्यु हो गई।
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प्रशासनिक कार्रवाई
घटना की सूचना तुरंत ग्राम के कोटवार और पटवारी को दी गई। अगली सुबह, रविवार को शोभाचंद ने उमरेठ थाने में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर मृत बेलों का पंचनामा और पोस्टमार्टम किया। प्रारंभिक जांच में पुष्टि हुई कि बेलों की मृत्यु आकाशीय बिजली गिरने के कारण हुई।
किसान को आर्थिक नुकसान
शोभाचंद मर्रापे पूरी तरह से खेती पर निर्भर हैं, और ये दोनों बेल उनकी खेती का मुख्य आधार थे। इनके असमय चले जाने से किसान को गहरा आर्थिक आघात पहुंचा है। ग्रामीणों के अनुसार, इन बेलों के बिना शोभाचंद की खेती और आजीविका पर गंभीर असर पड़ेगा। एक बेल की अनुमानित कीमत 50,000 से 70,000 रुपये होती है, और इसके अतिरिक्त खेती में उनकी उपयोगिता को देखते हुए यह नुकसान और भी बड़ा है।
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ग्रामीणों की मांग
घटना के बाद गांव में शोक का माहौल है। ग्रामवासियों ने एकजुट होकर प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित किसान को तत्काल आर्थिक सहायता और क्षतिपूर्ति प्रदान की जाए। ग्रामीणों का कहना है कि शोभाचंद की आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर है, और इस नुकसान ने उनकी आजीविका को और संकट में डाल दिया है। उन्होंने जिला प्रशासन और मध्य प्रदेश सरकार से अनुरोध किया है कि किसान को इस कठिन समय से उबरने के लिए उचित मुआवजा और सहायता दी जाए।
आकाशीय बिजली: एक गंभीर समस्या
मध्य प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं मानसून के दौरान आम हैं, जो कई बार जान-माल की हानि का कारण बनती हैं। हाल के वर्षों में, मध्य प्रदेश में आकाशीय बिजली से होने वाली जनहानि और पशुहानि की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली निवारक उपायों (जैसे लाइटनिंग अरेस्टर) की कमी और जागरूकता का अभाव इस समस्या को और गंभीर बनाता है।
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आगे की राह
ग्रामीणों और स्थानीय नेताओं ने प्रशासन से मांग की है कि आकाशीय बिजली से बचाव के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाए जाएं और प्रभावित किसानों को त्वरित सहायता प्रदान की जाए। साथ ही, शोभाचंद जैसे किसानों के लिए सरकारी योजनाओं, जैसे पशु बीमा योजना या आपदा राहत कोष, के तहत सहायता सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।