अतुल्य भारत चेतना
रईस
रुपईडीहा/बहराइच। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में सुरक्षा और स्वास्थ्य प्रबंधन को मजबूत करने की दिशा में सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने एक महत्वपूर्ण पहल की। मंगलवार को एसएसबी के डीआईजी मेडिकल डॉ. एन.के. प्रसाद ने बहराइच के रुपईडीहा क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सीमावर्ती चौकियों पर तैनात जवानों के स्वास्थ्य की स्थिति का गहन निरीक्षण किया और वार्षिक स्वास्थ्य परीक्षण की प्रगति का जायजा लिया। यह दौरा सीमा पर तैनात जवानों की शारीरिक और मानसिक फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
दौरा और निरीक्षण
डॉ. एन.के. प्रसाद ने रुपईडीहा क्षेत्र की प्रमुख सीमा चौकियों—मुंशीपुरवा, मनवरीया, और रुपईडीहा—का दौरा किया। इन चौकियों पर तैनात जवानों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर उन्होंने उनके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की जानकारी ली। जवानों के साथ संवाद के दौरान डॉ. प्रसाद ने उनकी कार्य परिस्थितियों, चुनौतियों, और स्वास्थ्य सुविधाओं की आवश्यकताओं को समझा। उन्होंने जवानों की शारीरिक फिटनेस का आकलन करने के लिए स्वयं स्वास्थ्य परीक्षण भी किए और उनकी फिटनेस रिपोर्ट्स की समीक्षा की।
इसे भी पढ़ें: एक लाख रुपये प्रतिमाह कैसे कमाएं?
निरीक्षण के दौरान डीआईजी मेडिकल ने निम्नलिखित बिंदुओं पर विशेष ध्यान दिया:
- मेडिकल कैंपों की व्यवस्था: चौकियों पर आयोजित मेडिकल कैंपों की गुणवत्ता और प्रभावशीलता।
- दवाइयों की उपलब्धता: आवश्यक दवाओं और चिकित्सा सामग्री का स्टॉक।
- स्वास्थ्य जांच उपकरण: डायग्नोस्टिक उपकरणों की स्थिति और कार्यक्षमता।
- चिकित्सकों की उपलब्धता: चिकित्सा कर्मियों की नियमित उपस्थिति और उनकी कार्य क्षमता।
जवानों के स्वास्थ्य पर जोर
डॉ. प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा, “सीमा पर तैनात जवानों का स्वास्थ्य हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। कठिन परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी निभाने वाले इन जवानों की शारीरिक और मानसिक फिटनेस सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है। नियमित स्वास्थ्य जांच और समय पर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करके हम उनकी कार्यक्षमता को और बेहतर कर सकते हैं।”
इसे भी पढ़ें: लखनऊ स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर और उनकी महिमा
उन्होंने यह भी बताया कि सशस्त्र सीमा बल द्वारा भारत-नेपाल सीमा पर स्वास्थ्य प्रबंधन को और सुदृढ़ करने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जा रही हैं। इनमें मेडिकल कैंपों की संख्या बढ़ाना, आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता, और चिकित्सकों की नियमित तैनाती शामिल है।
भारत-नेपाल सीमा
रुपईडीहा, बहराइच में भारत-नेपाल सीमा एक खुली और संवेदनशील सीमा है, जो 1,751 किलोमीटर तक फैली है। सशस्त्र सीमा बल इस सीमा की सुरक्षा और अवैध गतिविधियों, जैसे तस्करी और मानव तस्करी, को रोकने के लिए तैनात है। हाल के वर्षों में, एसएसबी ने सीमा पर निगरानी को और सख्त किया है, जिसमें रात के समय गश्त, खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान, और नेपाल की सशस्त्र पुलिस बल (एपीएफ) के साथ संयुक्त गश्त शामिल है।
इसे भी पढ़ें: बाबा नीम करोली कैंची धाम की महिमा तथा नीम करोली बाबा के प्रमुख संदेश!
जवानों का स्वास्थ्य इस सीमा की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि कठिन जलवायु, भौगोलिक चुनौतियां, और लंबे समय तक ड्यूटी का तनाव उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है। डॉ. प्रसाद का यह दौरा इन चुनौतियों से निपटने और जवानों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक ठोस कदम है।
स्थानीय प्रभाव और महत्व
रुपईडीहा क्षेत्र में डॉ. प्रसाद का दौरा न केवल जवानों के लिए, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए भी प्रेरणादायक रहा। स्थानीय निवासियों ने एसएसबी की इस पहल की सराहना की, क्योंकि सीमा चौकियों पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं क्षेत्र के नागरिकों के लिए भी आपातकालीन स्थिति में उपयोगी हो सकती हैं। एक स्थानीय निवासी, राम प्रसाद, ने कहा, “एसएसबी के जवान हमारी सुरक्षा के लिए दिन-रात तैनात रहते हैं। उनके स्वास्थ्य की देखभाल के लिए इतना ध्यान देना हमें गर्व महसूस कराता है।”
सशस्त्र सीमा बल की भूमिका
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमाओं की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। 1963 में स्थापित, यह बल न केवल सीमा सुरक्षा, बल्कि आतंकवाद, नक्सलवाद, और तस्करी जैसी गतिविधियों को रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रुपईडीहा में हाल ही में एक 17 वर्षीय नेपाली लड़की को मानव तस्करी से बचाने और 9.9 किलोग्राम चरस की तस्करी को रोकने जैसे कार्यों ने एसएसबी की सक्रियता को प्रदर्शित किया है।
इसे भी पढ़ें: इसे भी पढ़ें: लोन, फाइनेंस, इंश्योरेंस और शेयर ट्रेडिंग से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी
भविष्य की योजनाएं
डॉ. प्रसाद ने बताया कि भविष्य में सीमा चौकियों पर नियमित मेडिकल कैंपों का आयोजन किया जाएगा, और जवानों के लिए मानसिक स्वास्थ्य परामर्श सेवाएं भी शुरू की जाएंगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर करने के लिए केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय के साथ समन्वय स्थापित किया जा रहा है।
इसे भी पढ़ें: सफल लोगों की 10 सबसे अच्छी आदतें?
सशस्त्र सीमा बल के डीआईजी मेडिकल डॉ. एन.के. प्रसाद का रुपईडीहा दौरा भारत-नेपाल सीमा पर जवानों के स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति एसएसबी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। मुंशीपुरवा, मनवरीया, और रुपईडीहा सीमा चौकियों पर किए गए निरीक्षण और स्वास्थ्य परीक्षण ने जवानों में आत्मविश्वास और उत्साह का संचार किया। यह पहल न केवल सीमा सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि जवानों की कार्यक्षमता और मनोबल को भी बढ़ाएगी। यह दौरा सशस्त्र सीमा बल की सेवा, सुरक्षा, और बंधुत्व के आदर्शों को और सशक्त करता है।