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ऑपरेशन सिंदूर: भारतीय सैनिकों का सर्वोच्च बलिदान

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भारतीय सशस्त्र बलों ने 6-7 मई 2025 की रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर ऐतिहासिक हमला किया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब थी, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना के पांच वीर सैनिकों ने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनके बलिदान ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ नीति को रेखांकित किया, बल्कि देशवासियों के दिलों में वीरता और समर्पण की अमर कहानी लिख दी।

पहलगाम हमले का बदला :

22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादियों ने कायराना हमला किया, जिसमें उन्होंने चुन-चुनकर पुरुषों को निशाना बनाया, विशेष रूप से नवविवाहिताओं के सामने उनके पतियों की हत्या की। इस हमले ने देश को झकझोर दिया और महिलाओं के माथे से सिंदूर पोंछने की आतंकी मंशा को उजागर किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले का कड़ा जवाब देने का वादा किया था, और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ उस वादे को पूरा करने का प्रतीक बना। ऑपरेशन का नाम, जैसा कि सूत्रों ने बताया, स्वयं प्रधानमंत्री ने सुझाया, जो पहलगाम हमले में शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की विधवा पत्नी के सिंदूर से प्रेरित था।

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ऑपरेशन सिंदूर: एक अभूतपूर्व कार्रवाई :

ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया, जो 1971 के युद्ध के बाद पहली बार तीनों सेनाओं की एक साथ कार्रवाई थी। 6-7 मई की रात 1:30 बजे शुरू हुए इस ऑपरेशन में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत (बहावलपुर, मुरिदके, सियालकोट) और PoK (मुजफ्फराबाद, कोटली) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारतीय वायुसेना ने मिराज 2000, सुखोई-30 MKI विमानों और SCALP क्रूज मिसाइलों, हैमर प्रिसिजन-गाइडेड बमों का उपयोग कर 25 मिनट में सभी लक्ष्यों को ध्वस्त कर दिया। सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई में 70 से 100 आतंकवादी मारे गए, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के नेता मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्य और लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर अबु जिंदाल शामिल थे।

वीर सैनिकों का बलिदान :

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के पीछे भारतीय सैनिकों की अदम्य वीरता थी, लेकिन इस मिशन में पांच जवान शहीद हो गए। डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने 12 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 7 से 10 मई के बीच नियंत्रण रेखा पर हुए संघर्ष में इन जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कहा, “हमारे वीर सैनिकों का बलिदान देश हमेशा याद रखेगा। उनकी वीरता ने पाकिस्तान को करारा झटका दिया, जिसमें उनके 35 से 40 सैनिक और अधिकारी मारे गए।”

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हालांकि शहीद जवानों के नाम और व्यक्तिगत विवरण अभी सार्वजनिक नहीं किए गए हैं, लेकिन सेना ने उनके परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है। सोशल मीडिया पर भारतीय सेना ने एक वीडियो साझा किया, जिसमें ऑपरेशन की सटीकता और सैनिकों के शौर्य को दर्शाया गया, साथ ही लिखा, “हमारे जवानों ने पहलगाम में माताओं-बहनों का सिंदूर उजाड़ने वालों को स्वाहा कर दिया।”

सरकार और सेना का संदेश :

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन की सफलता पर सशस्त्र बलों, खुफिया एजेंसियों और वैज्ञानिकों को सलाम करते हुए कहा, “हमारे वीर सैनिकों ने ऑपरेशन सिंदूर के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए असीम शौर्य का प्रदर्शन किया। उनकी वीरता को मैं देश की हर माता, बहन और बेटी को समर्पित करता हूं।” रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी तीनों सेनाओं के प्रमुखों से विस्तृत जानकारी ली और जवानों की बहादुरी की सराहना की।

सेना ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन में केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया, न कि पाकिस्तानी सैन्य या नागरिक संरचनाओं को। हालांकि, पाकिस्तान ने दावा किया कि हमलों में नागरिक क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा, जिसे भारतीय अधिकारियों ने खारिज करते हुए कहा कि कार्रवाई सटीक और जिम्मेदार थी।

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जनता और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया :

ऑपरेशन सिंदूर को देशभर में व्यापक समर्थन मिला। जैसलमेर में संघर्ष विराम की घोषणा के बाद लोगों ने सड़कों पर उतरकर जश्न मनाया और प्रधानमंत्री मोदी की कूटनीति की सराहना की। पहलगाम हमले में शहीद परिजनों ने ऑपरेशन को श्रद्धांजलि बताते हुए सरकार और सेना को धन्यवाद दिया।

सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने सेना की कार्रवाई का समर्थन किया। जेडीयू नेता गुलाम रसूल बलियावी ने कहा, “तुम छेड़ोगे तो हम तोड़ेंगे, भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया।” सोशल मीडिया पर #OperationSindoor ट्रेंड करने लगा, जहां लोगों ने जवानों के बलिदान को नमन किया और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाई।

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एक नई नीति का प्रतीक :

ऑपरेशन सिंदूर न केवल एक सैन्य कार्रवाई थी, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ भारत की नई नीति का ऐलान था। सेना ने ‘भय बिन होय न प्रीत’ का उल्लेख करते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया कि आतंकी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऑपरेशन ने 2016 की उड़ी सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 की बालाकोट एयरस्ट्राइक से भी व्यापक और गहन प्रभाव डाला, क्योंकि यह पहली बार था जब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।

अमर रहेंगे वीर सैनिक :

ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए पांच सैनिकों का बलिदान भारत के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। उनकी वीरता ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ भारत की ताकत को साबित किया, बल्कि पहलगाम हमले में शहीद हुए नागरिकों को भी न्याय दिलाया। देशवासी उनके बलिदान को सलाम करते हैं और यह विश्वास रखते हैं कि उनकी शहादत से प्रेरित होकर भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को और मजबूत करेगा।

जय हिंद!

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