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बड़ा मंगल 2025: 13 मई से शुरू हो रहा है हनुमान जी का पावन पर्व, जानें महत्व और पूजा विधि

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बड़ा मंगल 2025: 13 मई से शुरू हो रहा है हनुमान जी का पावन पर्व, जानें महत्व और पूजा विधि

हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह के मंगलवारों को विशेष महत्व प्राप्त है, जिन्हें बड़ा मंगल के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष बड़ा मंगल पर्व की शुरुआत 13 मई 2025, मंगलवार से हो रही है, जो 10 जून 2025 तक चलेगा। इस पर्व का विशेष संबंध भगवान हनुमान और प्रभु श्रीराम से है, और उत्तर भारत, खासकर उत्तर प्रदेश के शहरों जैसे लखनऊ, कानपुर, और वाराणसी में इसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

बड़ा मंगल की तारीखें (Bada Mangal 2025 Dates)

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह में इस बार कुल पांच बड़े मंगल मनाए जाएंगे। ये तारीखें निम्नलिखित हैं:

  • पहला बड़ा मंगल: 13 मई 2025
  • दूसरा बड़ा मंगल: 20 मई 2025
  • तीसरा बड़ा मंगल: 27 मई 2025
  • चौथा बड़ा मंगल: 3 जून 2025
  • पांचवां बड़ा मंगल: 10 जून 2025

इन सभी तारीखों पर हनुमान भक्त मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना, भंडारे, और दान-पुण्य के कार्य करेंगे।

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धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व

बड़ा मंगल का धार्मिक महत्व त्रेतायुग से जुड़ा है। मान्यता है कि ज्येष्ठ माह के मंगलवार को ही भगवान राम और हनुमान जी की पहली मुलाकात हुई थी, जब हनुमान जी ने पुरोहित के रूप में श्रीराम और लक्ष्मण से भेंट की थी। इस मुलाकात की स्मृति में ज्येष्ठ माह के मंगलवारों को बड़ा मंगल के रूप में मनाया जाता है।

लखनऊ से जुड़ी एक अन्य कथा के अनुसार, अवध के नवाब शुजा-उद-दौला की पत्नी को पुत्र प्राप्ति हुई थी, जिसके उपलक्ष्य में उन्होंने लखनऊ के अलीगंज में हनुमान मंदिर का निर्माण करवाया। इस मंदिर का निर्माण ज्येष्ठ माह में पूरा हुआ, और तभी से बड़ा मंगल की परंपरा शुरू हुई। एक अन्य कहानी में कहा जाता है कि नवाब वाजिद अली शाह की बेगम ने हनुमान जी के दर्शन के बाद इस मंदिर की स्थापना की, और एक महामारी के दौरान भंडारे का आयोजन करवाया, जिससे शहर को राहत मिली।

ज्येष्ठ माह को बड़ा माना जाता है क्योंकि इस समय गर्मी अपने चरम पर होती है, और इस महीने के दिन लंबे होते हैं। इसलिए इसे बुढ़वा मंगल भी कहा जाता है, जो हनुमान जी के वृद्ध स्वरूप की पूजा को दर्शाता है।

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पूजा विधि और उपाय

बड़ा मंगल के दिन भक्त सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें। हनुमान जी की मूर्ति को साफ कर, उन्हें सिंदूर, चमेली का तेल, और लाल वस्त्र अर्पित करें। बूंदी या बेसन के लड्डू का भोग लगाना शुभ माना जाता है। हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, या पंचमुखी हनुमान स्तोत्र का पाठ करना विशेष फलदायी होता है।

कुछ विशेष उपाय इस प्रकार हैं:

  • दान-पुण्य: लाल वस्तुओं, जैसे लाल चंदन या लाल झंडे, का दान करें। मिट्टी के बर्तन, जैसे घड़े या सुराही, और ठंडी चीजों, जैसे जल या शरबत, का दान भी शुभ है।
  • भंडारा: जरूरतमंदों को भोजन करवाना और प्याऊ लगाना इस पर्व का अभिन्न अंग है।
  • व्रत: बड़ा मंगल पर व्रत रखने से सभी संकट दूर होते हैं और हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है।
  • शनि और मंगल दोष से मुक्ति: हनुमान मंदिर में सरसों का तेल चढ़ाने और काला चना बांटने से शनि और मंगल दोष से राहत मिलती है।

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लखनऊ में बड़ा मंगल की रौनक

लखनऊ में बड़ा मंगल का उत्सव विशेष रूप से धूमधाम से मनाया जाता है। शहर के अलीगंज हनुमान मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ती है। सड़कों पर भंडारे, ठंडाई, और लस्सी के पंडाल लगाए जाते हैं। मंदिरों को फूलों और रोशनी से सजाया जाता है, और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है। यह परंपरा लखनऊ की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा बन चुकी है।

क्या करें और क्या न करें

  • क्या करें: सात्विक भोजन करें, हनुमान चालीसा का पाठ करें, और दान-पुण्य में हिस्सा लें।
  • क्या न करें: मांस-मदिरा, लहसुन-प्याज, और तामसिक भोजन से बचें। काले या सफेद वस्त्र न पहनें, और क्रोध या अपमान से दूर रहें। बाल और नाखून काटने से भी परहेज करें।

बड़ा मंगल का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह सामाजिक सेवा और समरसता को भी बढ़ावा देता है। 13 मई 2025 से शुरू होने वाला यह पर्व हनुमान भक्तों के लिए उनकी भक्ति और सेवा प्रकट करने का विशेष अवसर है। इस पर्व पर हनुमान जी की कृपा से भक्तों के सभी कष्ट दूर होकर सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

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