अतुल्य भारत चेतना
अखिल सुर्यवंशी
छिंदवाड़ा/मध्यप्रदेश। आर्ट ऑफ लिविंग परिवार, छिंदवाड़ा द्वारा विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के संस्थापक श्री श्री रविशंकर जी के जन्मोत्सव 13 मई, मंगलवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस अवसर पर विभिन्न आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, जिसमें शहर के प्रमुख लोग, स्थानीय समुदाय और आर्ट ऑफ लिविंग के अनुयायी उत्साहपूर्वक भाग ले रहे हैं।
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आयोजन का नेतृत्व और उद्देश्य
आर्ट ऑफ लिविंग, छिंदवाड़ा की जिला समन्वयक श्वेता चड्ढा और जोन समन्वयक मनीष शर्मा ने बताया कि यह आयोजन न केवल गुरुदेव श्री श्री रविशंकर जी के जीवन और उनके योगदान को सम्मानित करने का अवसर है, बल्कि उनके द्वारा प्रतिपादित तनावमुक्त और हिंसामुक्त समाज के दृष्टिकोण को जन-जन तक पहुंचाने का भी प्रयास है। उन्होंने समस्त जिलेवासियों से अधिक से अधिक संख्या में इन कार्यक्रमों में शामिल होने की अपील की है।
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श्री श्री रविशंकर, जिन्हें गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है, ने 1981 में आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन की स्थापना की थी। यह संगठन 180 से अधिक देशों में ध्यान, योग, और सुदर्शन क्रिया जैसी तकनीकों के माध्यम से मानसिक शांति और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देता है। उनके जन्मोत्सव का यह आयोजन छिंदवाड़ा में उनके संदेश को स्थानीय स्तर पर प्रसारित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
कार्यक्रमों का विवरण
1. मेघा फॉलो अप सत्र:
आयोजन की शुरुआत सुबह 6:45 बजे पंजाब लॉन, नरसिंहपुर रोड पर मेघा फॉलो अप सत्र के साथ होगी। इस सत्र में आर्ट ऑफ लिविंग के अनुयायी और अन्य प्रतिभागी सुदर्शन क्रिया और ध्यान प्रक्रियाओं में भाग लेंगे। यह सत्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के साथ-साथ आध्यात्मिक जागरूकता को प्रोत्साहित करेगा।
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2. भूमि पूजन:
मेघा फॉलो अप के बाद सुबह 8:15 बजे से 9:00 बजे तक भूमि पूजन का आयोजन किया जाएगा। इस समारोह में स्वामी शंकरानंद जी की उपस्थिति कार्यक्रम को और अधिक गरिमामय बनाएगी। भूमि पूजन आर्ट ऑफ लिविंग के किसी नए प्रोजेक्ट या सामुदायिक पहल की शुरुआत का प्रतीक हो सकता है, जो स्थानीय समुदाय के लिए कल्याणकारी होगा।
3. सत्संग और देशभक्ति गीत:
शाम 7:30 बजे से एक भव्य सत्संग का आयोजन होगा, जिसमें स्थानीय गायकों द्वारा देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी जाएगी। इस सत्संग में देश के सैनिकों के सम्मान में ध्यान और प्रार्थना भी की जाएगी, जो सामाजिक एकता और राष्ट्रप्रेम की भावना को दर्शाएगा। यह आयोजन आध्यात्मिकता और सामाजिक जिम्मेदारी के बीच संतुलन को रेखांकित करेगा।
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4. भोजन प्रसाद:
कार्यक्रम का समापन रात 9:30 बजे भोजन प्रसाद के वितरण के साथ होगा। यह सामुदायिक एकता का प्रतीक है, जहां सभी प्रतिभागी एक साथ भोजन ग्रहण करेंगे। यह आयोजन आर्ट ऑफ लिविंग के ‘वसुधैव कुटुंबकम’ (विश्व एक परिवार है) के सिद्धांत को मूर्त रूप देगा।
श्री श्री रविशंकर जी का योगदान
श्री श्री रविशंकर का जन्म 13 मई 1956 को तमिलनाडु के पापनासम में हुआ था। मात्र चार वर्ष की आयु में उन्होंने भगवद गीता का पाठ करना शुरू कर दिया था, जो उनकी असाधारण आध्यात्मिक प्रतिभा को दर्शाता है। 1982 में उन्होंने सुदर्शन क्रिया, एक शक्तिशाली श्वास तकनीक, की खोज की, जो आज विश्वभर में लाखों लोगों के लिए तनावमुक्त जीवन का आधार बनी है। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन ने शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं, जिसमें 702 स्कूलों के माध्यम से 70,000 से अधिक बच्चों को मुफ्त शिक्षा और 47 नदियों के पुनर्जनन जैसे प्रयास शामिल हैं।
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उन्हें भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण सहित कोलंबिया, मंगोलिया, और पराग्वे के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों से नवाजा गया है। उनके प्रयासों ने विश्व स्तर पर शांति वार्ताओं और सामाजिक सुधारों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
सामुदायिक सहभागिता और अपील
श्वेता चड्ढा और मनीष शर्मा जी ने बताया कि इस आयोजन में शहर के गणमान्य नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, और स्थानीय समुदाय के लोगों की सक्रिय भागीदारी अपेक्षित है। उन्होंने कहा, “यह आयोजन केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि समाज में शांति, प्रेम और सेवा की भावना को जागृत करने का अवसर है। हम सभी जिलेवासियों से अनुरोध करते हैं कि वे इस पावन अवसर पर शामिल होकर गुरुदेव के संदेश को आत्मसात करें।”