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श्री अपना ध्यान प्रचार समिति द्वारा छिंदवाड़ा जिले के चिकित्सकों और प्रबुद्धजन वर्ग के लिए मानसिक वर्कशॉप का भव्य आयोजन किया गया

अतुल्य भारत चेतना | डॉ. मीरा पराडकर

छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश। परम पूज्य श्रद्धेय श्री जमुना प्रसाद श्रीवास्तव जी गुरुजी के पावन मार्गदर्शन में श्री अपना ध्यान प्रचार समिति द्वारा छिंदवाड़ा जिले के चिकित्सकों और प्रबुद्धजन वर्ग के लिए एक मानसिक वर्कशॉप का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य ध्यान की प्राचीन विद्या के माध्यम से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना था। इस अवसर पर श्री गुरुदेव जी ने दीप ज्योति प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया और ध्यान के चमत्कारों पर प्रकाश डाला।

कार्यक्रम का विवरण

वर्कशॉप में मुख्य अतिथि के रूप में जिलाध्यक्ष श्री डॉ. शेषराव यादव, श्री विजय पांडे, श्री महापौर विक्रम अहाके, श्री मनजीत सिंह, डॉ. रवि टांडेकर, डॉ. सुनील राय, डॉ. चंद्रकांत विश्वकर्मा, डॉ. डी.के. चौरे, डॉ. कृष्ण हरजानी, डॉ. महेश वंदे, डॉ. हितेश मिश्रा, डॉ. मीरा पराडकर, डॉ. सविता, डॉ. मीना पवार, और डॉ. सुशील जी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। श्री अपना ध्यान प्रचार समिति के अध्यक्ष डॉ. भोला यादव और श्री अजय सिन्हा ने ध्यान के लाभों पर अपने विचार साझा किए। विशेष प्रशिक्षक श्री रघुवीर रघुवंशी ने उपस्थित लोगों को 5 मिनट का ध्यान कराकर इसकी शक्ति का प्रत्यक्ष अनुभव कराया।

कार्यक्रम में श्री पूजा श्रीवास्तव, श्री आशुतोष तिवारी, मनीष श्रीवास्तव, श्री मुन्ना यादव, विजेंद्र शिवहरे, बलराम साहू, आनंद, श्री राकेश यादव, श्री नीरज यादव, साधना यादव, स्वाती यादव, शिवा यादव, और संजय श्रीवास्तव जैसे समर्पित साधकों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। अंत में, डॉ. भोला यादव ने सभी उपस्थित लोगों और सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

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ध्यान क्या है?

ध्यान (Meditation) एक ऐसी प्राचीन साधना है, जिसमें व्यक्ति अपने मन को शांत और एकाग्र करने का प्रयास करता है। यह एक ऐसी क्रिया है जो चेतना को एक विशेष अवस्था में ले जाती है, जिससे मन, शरीर और आत्मा में संतुलन स्थापित होता है। ध्यान का अभ्यास न केवल मानसिक शांति प्रदान करता है, बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य और आध्यात्मिक उन्नति में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। यह तनाव, चिंता और मानसिक थकान को दूर करने का एक प्रभावी साधन है।

ध्यान के शारीरिक लाभ

ध्यान के नियमित अभ्यास से शारीरिक स्वास्थ्य में कई लाभ प्राप्त होते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • तनाव में कमी: ध्यान कोर्टिसोल (तनाव हार्मोन) के स्तर को कम करता है, जिससे तनाव और चिंता से राहत मिलती है। यह हृदय रोग और उच्च रक्तचाप जैसी समस्याओं को नियंत्रित करने में सहायक है।
  • प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार: ध्यान शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, जिससे बीमारियों से लड़ने की क्षमता में वृद्धि होती है।
  • बेहतर नींद: ध्यान नींद की गुणवत्ता में सुधार करता है और अनिद्रा की समस्या को कम करता है। यह गहरी और आरामदायक नींद को बढ़ावा देता है, जो सामान्य नींद से भी अधिक लाभकारी होती है।
  • ऊर्जा में वृद्धि: ध्यान शरीर में ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करता है, जिससे व्यक्ति अधिक ऊर्जावान और सक्रिय महसूस करता है। यह खेल गतिविधियों और शारीरिक कार्यों में बेहतर प्रदर्शन में मदद करता है।
  • वजन नियंत्रण: ध्यान अंत:स्रावी प्रणाली को संतुलित करता है, जिससे आदर्श वजन बनाए रखने में सहायता मिलती है।

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ध्यान के मानसिक लाभ

ध्यान मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाता है। इसके प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:

  • सकारात्मकता में वृद्धि: ध्यान से मन में सकारात्मक विचारों का संचार होता है, जिससे आत्मविश्वास और आशावाद बढ़ता है।
  • मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता: नियमित ध्यान मन को एकाग्र करने की क्षमता को बढ़ाता है, जिससे निर्णय लेने की प्रक्रिया में सुधार होता है।
  • चिंता और अवसाद में कमी: ध्यान एंडोर्फिन और सेरोटोनिन जैसे “फील-गुड” रसायनों को बढ़ाता है, जो चिंता और अवसाद को कम करने में मदद करते हैं।
  • भावनात्मक स्थिरता: ध्यान भावनाओं को नियंत्रित करने में सहायता करता है, जिससे व्यक्ति तनावपूर्ण परिस्थितियों में भी शांत रह सकता है।
  • न्यूरोजेनेसिस को बढ़ावा: ध्यान मस्तिष्क के हिप्पोकैंपस क्षेत्र में नए न्यूरॉन्स के निर्माण को प्रोत्साहित करता है, जो मनोदशा और संज्ञानात्मक कार्यों को बेहतर बनाता है।

ध्यान के आध्यात्मिक लाभ

ध्यान केवल शारीरिक और मानसिक लाभ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह आध्यात्मिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है:

  • आंतरिक शांति: ध्यान व्यक्ति को अपनी आंतरिक ऊर्जा और जीवन शक्ति से जोड़ता है, जिससे गहरी शांति और संतुष्टि का अनुभव होता है।
  • आत्म-जागरूकता: यह व्यक्ति को अपने भीतर की गहराइयों को समझने में मदद करता है, जिससे आत्म-साक्षात्कार की दिशा में प्रगति होती है।
  • सामंजस्य: ध्यान व्यक्ति और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है, जिससे जीवन में संतुलन और समग्र कल्याण प्राप्त होता है।

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ध्यान कैसे करें?

ध्यान के लाभ प्राप्त करने के लिए नियमित अभ्यास आवश्यक है। निम्नलिखित चरणों का पालन कर ध्यान शुरू किया जा सकता है:

  1. शांत स्थान चुनें: एक शांत और आरामदायक स्थान का चयन करें, जहां शोर और व्यवधान कम हों।
  2. समय निर्धारित करें: शुरुआत में सुबह और शाम को 15-30 मिनट का समय ध्यान के लिए निकालें।
  3. आसन: सुखासन, पद्मासन या किसी आरामदायक स्थिति में बैठें, रीढ़ सीधी रखें।
  4. श्वास पर ध्यान: अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें, धीरे-धीरे गहरी सांस लें और छोड़ें।
  5. मन को शांत करें: विचारों को नियंत्रित करने की कोशिश करें और मन को एक बिंदु पर केंद्रित करें, जैसे मंत्र या किसी प्रतीक पर।
  6. नियमितता: प्रतिदिन अभ्यास करें, क्योंकि निरंतरता से ही दीर्घकालिक लाभ प्राप्त होते हैं।

श्री अपना ध्यान प्रचार समिति द्वारा छिंदवाड़ा में हुई मानसिक वर्कशॉप के आयोजकों का संदेश

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श्री गुरुदेव श्री जमुना प्रसाद श्रीवास्तव जी ने अपने संबोधन में कहा, “ध्यान वह शक्ति है जो हमें न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखती है, बल्कि हमें जीवन के उच्च उद्देश्यों से जोड़ती है।” डॉ. भोला यादव ने जोड़ा, “ध्यान हमारी प्राचीन धरोहर है, जिसे अपनाकर हम अपने जीवन को और भी समृद्ध बना सकते हैं।” विशेष प्रशिक्षक श्री रघुवीर रघुवंशी ने ध्यान की तकनीकों को सरल और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया, जिसे सभी ने सराहा।

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यह मानसिक वर्कशॉप छिंदवाड़ा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई, जिसमें चिकित्सकों और प्रबुद्धजन ने ध्यान की शक्ति को समझा और इसे अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। श्री अपना ध्यान प्रचार समिति का यह प्रयास समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल है। ध्यान के नियमित अभ्यास से न केवल व्यक्तिगत जीवन में सुधार होता है, बल्कि समाज में भी समग्र कल्याण और सामंजस्य की स्थापना होती है।

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