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Fri. Jun 27th, 2025
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हे मां तुम महान हो
ममता की खान हो
पुत्र के हर संकट का
तुम्ही एक निदान हो
जन्म देती पालन करती
हर बाधा को हरती मां
संतानों के खातिर तुम
कष्ट सदा सहती मां
जगत के विस्तारक तुम
जगती के तुम मान हो
हे मां तुम महान हो
अभागे है वे पुत्र बड़े
जिसने तुम्हें न मान दिया
जिसके खातिर तुमने मां
जीवन समग्र बलिदान किया।
सृष्टि उपजी है तुझसे ही
सृष्टि का तुम जान हो।
हे मां तुम महान हो।
संतान के हर सुख दुखों में
साया बनकर रहती हो
कष्ट आए उन पर कभी
उनका कष्ट सदा हरती हो।
तुमसे बड़ा न कोई यहां
साक्षात तुम भगवान हो। मां तुम महान हो
ममता की खान हो
पुत्र के हर संकट का
तुम्ही एक निदान हो।

प्रमोद कश्यप,
स्वरचित, मौलिक
रतनपुर

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