अतुल्य भारत चेतना
रईस
रुपईडीहा/बहराइच। भारतीय सेना द्वारा मंगलवार, 6 मई 2025 की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों पर साहसिक और लक्षित हमले, जिन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम दिया गया, के बाद भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को उच्चतम स्तर पर ला दिया गया है। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक सहित 26 लोगों की जान गई थी।
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ऑपरेशन सिंदूर: एक निर्णायक कदम
भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 6-7 मई की रात करीब 1:30 बजे पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों पर सटीक एयर स्ट्राइक और मिसाइल हमले किए। इन ठिकानों में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के मुख्यालय शामिल थे, जो बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर, भिंबर, कोटली, सियालकोट, और मुजफ्फराबाद जैसे क्षेत्रों में स्थित थे। भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को गोपनीय और तेजी से अंजाम दिया, जिसमें करीब 30 आतंकवादी मारे गए। यह कार्रवाई सावधानीपूर्वक नियोजित थी, जिसमें किसी भी पाकिस्तानी सैन्य सुविधा को निशाना नहीं बनाया गया ताकि तनाव को अनावश्यक रूप से बढ़ने से रोका जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ऑपरेशन का नाम ‘सिंदूर’ रखा, जो पहलगाम हमले में मारे गए पुरुषों की विधवाओं के प्रति एक प्रतीकात्मक संदेश था। इस ऑपरेशन की योजना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल की अगुवाई में की गई, जिसमें भारतीय खुफिया एजेंसी RAW ने आतंकी ठिकानों की सटीक जानकारी उपलब्ध कराई। पीएम मोदी ने पूरी रात इस ऑपरेशन की निगरानी की, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे “भारत माता की जय” के साथ सराहा।
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भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-नेपाल की खुली सीमा पर घुसपैठ की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से हाई अलर्ट जारी कर दिया। बहराइच के रुपईडीहा बॉर्डर सहित अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों में सशस्त्र सीमा बल (SSB), स्थानीय पुलिस, और खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं।
- SSB की तैनाती: SSB की 42वीं वाहिनी के कमांडेंट गंगा सिंह उदावत ने बताया कि बुधवार, 7 मई 2025 की सुबह से ही सीमा पर तैनात जवान हर आने-जाने वाले व्यक्ति की गहन जांच कर रहे हैं। केवल वैध परिचय पत्र वाले व्यक्तियों को ही आवागमन की अनुमति दी जा रही है। किसी भी संदिग्ध वस्तु या व्यक्ति को बिना जांच के प्रवेश नहीं दिया जा रहा।
- बिहार में चौकसी: बिहार के मधुबनी और बगहा (वाल्मिकीनगर) जैसे सीमावर्ती क्षेत्रों में SSB ने कई स्तरों पर जांच प्रक्रिया शुरू की है। संभावित आतंकी खतरों के इनपुट के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त किया गया है।
- श्रावस्ती में मॉक ड्रिल: श्रावस्ती जिले में पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर मंगलवार रात 9 से 10 बजे तक मॉक ड्रिल और ब्लैकआउट अभ्यास आयोजित किया गया। जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने और सहयोग करने की अपील की गई है।
राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा उपाय
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है:
- राष्ट्रीय राजधानी में अलर्ट: दिल्ली में अतिरिक्त पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है। बुधवार शाम को कई एजेंसियों द्वारा मॉक ड्रिल आयोजित की गई।
- सीमावर्ती राज्यों में स्कूल बंद: पंजाब, जम्मू-कश्मीर, और राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में स्कूल और कॉलेज अगले 72 घंटों के लिए बंद कर दिए गए हैं। पठानकोट, जम्मू, सांबा, कठुआ, राजौरी, और पुंछ में यह कदम छात्रों की सुरक्षा के लिए उठाया गया।
- वायुसेना और नौसेना की तैयारी: भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान और नौसेना की निगरानी इकाइयां सक्रिय हैं। S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को भी बॉर्डर पर तैनात किया गया है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देशभर में समर्थन और उत्साह का माहौल है:
- राजनीतिक समर्थन: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, और RJD नेता तेजस्वी यादव ने इस कार्रवाई की सराहना की। खरगे ने कहा, “कांग्रेस आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ है।”
- बॉलीवुड की प्रतिक्रिया: अनुपम खेर, रितेश देशमुख, अक्षय कुमार, और कंगना रनौत जैसे सितारों ने सोशल मीडिया पर “जय हिंद” और “न्याय हुआ” जैसे संदेशों के साथ सेना को सलाम किया।
- जनता का उत्साह: पहलगाम हमले में शहीद हुए शुभम द्विवेदी की पत्नी ने कहा, “मेरे पति को आज शांति मिलेगी।” देशभर में लोग इस कार्रवाई को उरी और पुलवामा हमलों के बाद भारत की मजबूत नीति का प्रतीक मान रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, सऊदी अरब, यूएई, फ्रांस, और चीन सहित कई देशों को दी। NSA अजीत डोभाल ने अपने समकक्षों से बातचीत कर इस कार्रवाई को आत्मरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ कदम बताया। हालांकि, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि भारत ने सिविलियन क्षेत्रों को निशाना बनाया, जिसमें दो मस्जिदें और कुछ नागरिक हताहत हुए।
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निष्कर्ष
‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारत की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति और सैन्य ताकत का प्रतीक है। भारत-नेपाल सीमा पर हाई अलर्ट और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था यह सुनिश्चित करती है कि कोई भी घुसपैठ या अराजक गतिविधि न हो सके। भारतीय सेना की इस कार्रवाई ने न केवल पहलगाम हमले का बदला लिया, बल्कि उरी और पुलवामा जैसे पिछले हमलों का हिसाब भी चुकता किया। यह कदम भारत को एक मजबूत और निर्णायक राष्ट्र के रूप में स्थापित करता है, जो अपनी संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है।