अतुल्य भारत चेतना
प्रमोद कश्यप
रतनपुर। ऐतिहासिक एवं पौराणिक नगरी रतनपुर में संगीत की एक नई शुरुआत हुई है। नाद ब्रह्म संगीत विद्यालय का शुभारंभ नगर के संगीत प्रेमियों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बन गया। इस संगीत विद्यालय के मुख्य शिक्षक संगीत विशारद और प्रसिद्ध तबला वादक दीपक साहू हैं, जो नगर के शास्त्रीय संगीत और लोक गायक-कवि जनक राम साहू के सुपुत्र हैं।

शुभारंभ समारोह का भव्य आयोजन
शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में क्षेत्र के प्रमुख संगीताचार्य चैतराम श्रीवास उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ समाजसेवी और सितार वादक किशन लाल तंबोली ने की। विशिष्ट अतिथियों में राष्ट्रपति पुरस्कृत वरिष्ठ कवि एवं नाचा गम्मत कलाकार काशीराम साहू, शिक्षाविद शंकर लाल पटेल, और के.आर. कौशिक शामिल थे।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वर और संगीत की अधिष्ठात्री देवी मां सरस्वती के तैल चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्वलन, और पूजन-अर्चन के साथ हुई। इसके बाद अतिथियों का स्वागत किया गया और संगीत प्रस्तुतियों का दौर शुरू हुआ, जिसने उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
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संगीत प्रस्तुतियों ने बांधा समां
नाद ब्रह्म संगीत विद्यालय के आचार्यों के साथ-साथ रतनपुर के वरिष्ठ कलाकारों ने अपनी गायन और वादन कला का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर चैतराम श्रीवास, सोमेश्वर गीर गोस्वामी, राजेंद्र गीर गोस्वामी, कन्हैया कश्यप, पवन वैष्णव, मानसिंह गौतम, और बांसुरी वादक त्रिभुवन दास, शाहिल सिंह ठाकुर, देवेंद्र गोस्वामी, विकास गोस्वामी, और नित्या खत्री ने अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधा।
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तबला वादन में लक्ष्मण दास, संतोष दास मानिकपुरी, शिवकुमार धीवर, और जगदीश कश्यप ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। इन प्रस्तुतियों ने शास्त्रीय और लोक संगीत के रंगों को जीवंत कर श्रोताओं को रसविभोर कर दिया।
उपस्थित गणमान्य और संगीत प्रेमी
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में मातृशक्तियां, नगर के संगीत प्रेमी, और स्थानीय नागरिक उपस्थित थे। इस आयोजन ने रतनपुर की सांस्कृतिक और संगीतमय विरासत को और समृद्ध करने का संदेश दिया।
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नाद ब्रह्म संगीत विद्यालय: एक नई उम्मीद
नाद ब्रह्म संगीत विद्यालय का उद्देश्य शास्त्रीय संगीत, लोक संगीत, और वाद्य यंत्रों की शिक्षा को को बढ़ावा देना है। दीपक साहू के नेतृत्व में यह संस्था न केवल रतनपुर बल्कि आसपास के क्षेत्रों में संगीत शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है। नाद ब्रह्म संगीत विद्यालय का शुभारंभ रतनपुर के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है। इस आयोजन ने न केवल संगीत की समृद्ध परंपरा को उजागर किया, बल्कि भविष्य में संगीत के क्षेत्र में नई प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने का मार्ग प्रशस्त किया। यह विद्यालय निश्चित रूप से संगीत प्रेमियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेगा।