अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी
विदिशा। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में कलेक्टर अंशुल गुप्ता की संवेदनशील और त्वरित पहल ने एक बार फिर मानवीयता और प्रशासनिक दक्षता का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। जिले के एक गंभीर रूप से बीमार मरीज को शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई एयर एम्बुलेंस सेवा के माध्यम से उपचार के लिए नागपुर शिफ्ट किया गया है। यह विदिशा जिले का पहला मामला है, जिसमें अवकाश दिवस के बावजूद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता से मरीज को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई।
मरीज का विवरण और बीमारी
मरीज सुरेंद्र लोधी, उम्र 45 वर्ष, निवासी टप्पा मानोरा, तहसील ग्यारसपुर, विदिशा, फेफड़ों और मस्तिष्क से संबंधित गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। वे वर्तमान में भोपाल के बंसल अस्पताल में उपचाररत थे। उनकी स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सा की आवश्यकता थी, जिसके लिए नागपुर के एक अस्पताल में स्थानांतरण जरूरी था। मरीज के परिजनों द्वारा 3 मई 2025 को प्रशासन को आवेदन प्रस्तुत किया गया, जिसके तुरंत बाद कलेक्टर अंशुल गुप्ता ने इस मामले को प्राथमिकता पर लिया।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
कलेक्टर अंशुल गुप्ता के निर्देशन में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, विदिशा, और उनकी टीम ने अवकाश दिवस (रविवार) होने के बावजूद तत्परता दिखाई। स्वास्थ्य विभाग ने मरीज के स्वास्थ्य स्थिति का आकलन किया और शासन के सहयोग से एयर एम्बुलेंस की व्यवस्था की। इस प्रक्रिया में समन्वय और त्वरित निर्णय लेने की क्षमता ने यह सुनिश्चित किया कि मरीज को बिना किसी देरी के नागपुर पहुंचाया जा सके।
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एयर एम्बुलेंस सेवा: एक जीवन रक्षक कदम
मध्य प्रदेश सरकार की पीएमश्री एयर एम्बुलेंस सेवा के तहत यह सुविधा उपलब्ध कराई गई, जिसका उद्देश्य गंभीर रूप से बीमार मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सा केंद्रों तक पहुंचाना है। इस सेवा के तहत श्री सुरेंद्र लोधी को भोपाल से नागपुर तक सुरक्षित और त्वरित रूप से ले जाया गया। यह कदम न केवल मरीज के लिए जीवन रक्षक साबित हो सकता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए कितने प्रतिबद्ध हैं।
कलेक्टर की संवेदनशीलता और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता
कलेक्टर श्री अंशुल गुप्ता ने इस मामले में न केवल प्रशासनिक नेतृत्व प्रदान किया, बल्कि मानवीय संवेदनशीलता का भी परिचय दिया। उनकी इस पहल की जिले भर में सराहना हो रही है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और उनकी टीम ने अवकाश के दिन भी कार्य करते हुए यह सुनिश्चित किया कि सभी औपचारिकताएं समय पर पूरी हों और मरीज को बिना किसी व्यवधान के नागपुर पहुंचाया जाए।
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जिले के लिए ऐतिहासिक कदम
यह पहली बार है जब विदिशा जिले में किसी मरीज को एयर एम्बुलेंस के माध्यम से उपचार के लिए अन्य शहर भेजा गया है। यह न केवल जिला प्रशासन की कार्यकुशलता को दर्शाता है, बल्कि यह भी संदेश देता है कि विदिशा में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर एक नया दौर शुरू हो चुका है। इस पहल से अन्य मरीजों और उनके परिजनों में भी विश्वास जागृत होगा कि गंभीर परिस्थितियों में प्रशासन उनके साथ खड़ा है।
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कलेक्टर अंशुल गुप्ता की इस संवेदनशील पहल ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मानवता और कर्तव्यनिष्ठा से प्रेरित प्रशासनिक प्रयास जीवन को बचाने में कितने प्रभावी हो सकते हैं। सुरेंद्र लोधी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना के साथ, यह घटना विदिशा जिले के लिए एक प्रेरणादायी उदाहरण बन गई है। इस तरह की पहल निश्चित रूप से अन्य जिलों के लिए भी अनुकरणीय सिद्ध होगी।