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देवा रोड पर शालीमार बिल्डर की इंटीग्रेटेड टाउनशिप को मंजूरी: लखनऊ SCR में रियल एस्टेट निवेश के लाभ

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने मंगलवार को अपनी बोर्ड बैठक में देवा रोड पर शालीमार बिल्डर की प्रस्तावित इंटीग्रेटेड हाईटेक टाउनशिप को मंजूरी दे दी है। प्रमुख सचिव (आवास) की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में टाउनशिप की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को भी स्वीकृति मिली। यह परियोजना बाराबंकी जिले के खजूरगांव और तिंदोला (तहसील-नवाबगंज) में 158.79 एकड़ क्षेत्र में विकसित की जाएगी। इस टाउनशिप के साथ ही लखनऊ स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) में रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश के नए अवसर खुल रहे हैं। इस लेख में हम इस परियोजना के विवरण और इसके आसपास के अन्य रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश के संभावित लाभों का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करेंगे।

शालीमार टाउनशिप: परियोजना का अवलोकन

उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद के सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने बताया कि शालीमार कार्प लिमिटेड को इंटीग्रेटेड टाउनशिप का लाइसेंस प्रदान किया गया है। यह टाउनशिप उत्तर प्रदेश टाउनशिप नीति-2023 और उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद अधिनियम-1965 की धारा-28 के तहत विकसित होगी। परियोजना के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:

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  • स्थान और क्षेत्रफल: टाउनशिप बाराबंकी जिले के खजूरगांव और तिंदोला में 158.79 एकड़ में फैली होगी। इसमें लगभग दो एकड़ सरकारी जमीन (नाली, चकरोड, और ग्राम समाज की जमीन) शामिल है, जिसे आवास विकास परिषद अधिग्रहित करके बिल्डर को सौंपेगी।
  • परियोजना का स्वरूप: शालीमार बिल्डर इस क्षेत्र में मकान और प्लॉट विकसित करेगा, जो बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। टाउनशिप की लैंडस्केप प्लानिंग अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगी।
  • ईडब्ल्यूएस और एलआईजी आवास: इंटीग्रेटेड हाईटेक टाउनशिप नीति के तहत बिल्डर को 20% मकान आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और निम्न आय वर्ग (एलआईजी) के लिए बनाना अनिवार्य होगा।
  • सुरक्षा उपाय: परियोजना की पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए बिल्डर की 10% जमीन बंधक रखी गई है। यह कदम निवेशकों और खरीदारों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।
  • कनेक्टिविटी: टाउनशिप किसान पथ से जुड़ी होगी, जिससे लखनऊ और आसपास के प्रमुख शहरी केंद्रों तक आसान पहुंच संभव होगी। यह परियोजना प्रस्तावित स्टेट कैपिटल रीजन का हिस्सा होगी।

लखनऊ SCR में रियल एस्टेट का उभरता परिदृश्य

लखनऊ स्टेट कैपिटल रीजन (SCR) उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है, जो लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों को एक एकीकृत शहरी केंद्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखता है। देवा रोड, जो बाराबंकी और लखनऊ को जोड़ता है, हाल के वर्षों में रियल एस्टेट निवेश का प्रमुख गंतव्य बन गया है। शालीमार की टाउनशिप के अलावा, इस क्षेत्र में कई निजी डेवलपर्स द्वारा अन्य परियोजनाएं भी चल रही हैं। इनमें शामिल हैं:

  • आवासीय परियोजनाएं: फ्लैट, विला, और प्लॉटेड डेवलपमेंट, जो मध्यम और उच्च आय वर्ग को लक्षित करते हैं।
  • कमर्शियल प्रोजेक्ट्स: शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, ऑफिस स्पेस, और मिश्रित उपयोग वाली इमारतें।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट: लखनऊ मेट्रो के विस्तार, किसान पथ, और अन्य सड़क परियोजनाओं ने इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी को बढ़ाया है।

निवेश के संभावित लाभ

लखनऊ SCR और विशेष रूप से देवा रोड पर रियल एस्टेट में निवेश कई कारणों से आकर्षक है। नीचे निवेशकों को मिलने वाले प्रमुख लाभों का विस्तृत विवरण दिया गया है:

1. उच्च मूल्य वृद्धि की संभावना

देवा रोड पर प्रॉपर्टी की कीमतें हाल के वर्षों में तेजी से बढ़ी हैं, और यह रुझान भविष्य में भी जारी रहने की संभावना है। देवा रोड पर प्लॉट की कीमतें 600 रुपये प्रति वर्ग फुट से शुरू होती हैं और कुछ प्रीमियम स्थानों पर 5,200 रुपये प्रति वर्ग फुट तक पहुंचती हैं। शालीमार की टाउनशिप और SCR के विकास से इस क्षेत्र में प्रॉपर्टी की मांग और कीमतें और बढ़ेंगी, जिससे निवेशकों को भविष्य में इसका अच्छा मुनाफा मिल सकता है।

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2. मजबूत कनेक्टिविटी

किसान पथ और अन्य सड़क नेटवर्क के माध्यम से लखनऊ, बाराबंकी, और अन्य प्रमुख शहरों से टाउनशिप की उत्कृष्ट कनेक्टिविटी निवेशकों के लिए एक बड़ा लाभ है। लखनऊ मेट्रो और प्रस्तावित रिंग रोड परियोजनाएं इस क्षेत्र को और अधिक सुलभ बनाएंगी। अच्छी कनेक्टिविटी के कारण आवासीय और कमर्शियल दोनों तरह की प्रॉपर्टी की मांग बढ़ रही है।

3. सरकारी समर्थन और नीतियां

उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ SCR को एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में बढ़ावा देने के लिए कई पहल शुरू की हैं। इनमें शामिल हैं:

  • रियल एस्टेट (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट (RERA): यह कानून डेवलपर्स की जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करता है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ता है।
  • इंटीग्रेटेड टाउनशिप नीति: यह नीति डेवलपर्स को प्रोत्साहित करती है कि वे सभी वर्गों के लिए आवास विकसित करें, जिससे सामाजिक और आर्थिक समावेशिता बढ़ती है।
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट: सरकार द्वारा सड़क, मेट्रो, और IT पार्क जैसी परियोजनाओं में निवेश से इस क्षेत्र का आर्थिक महत्व बढ़ रहा है।

4. विविध निवेश विकल्प

शालीमार की टाउनशिप और अन्य परियोजनाएं निवेशकों को कई विकल्प प्रदान करती हैं, जैसे:

  • आवासीय प्लॉट: ये भविष्य में मकान बनाने या पुनर्विक्रय के लिए आदर्श हैं।
  • फ्लैट और अपार्टमेंट: ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, और मध्यम आय वर्ग के लिए किफायती आवास।
  • कमर्शियल प्रॉपर्टी: दुकानें, ऑफिस स्पेस, और मिश्रित उपयोग वाली इमारतें किराये से आय का एक स्थिर स्रोत प्रदान करती हैं।
  • लग्जरी हाउसिंग: शालीमार जैसे डेवलपर्स की प्रीमियम परियोजनाएं उच्च आय वर्ग को आकर्षित करती हैं।

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5. किराये से आय की संभावना

लखनऊ में बढ़ते शहरीकरण और नौकरी के अवसरों के कारण किराये की मांग में वृद्धि हो रही है। देवा रोड पर विकसित होने वाली टाउनशिप में फ्लैट और कमर्शियल प्रॉपर्टी किराये पर देने से निवेशकों को 5-8% की वार्षिक किराये की आय मिल सकती है।

6. सामाजिक और आर्थिक विकास

SCR में स्कूल, अस्पताल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, और मनोरंजन सुविधाओं का विकास इस क्षेत्र को एक आत्मनिर्भर शहरी केंद्र बनाएगा। शालीमार की टाउनशिप में अंतरराष्ट्रीय स्तर की लैंडस्केपिंग और आधुनिक सुविधाएं निवासियों के लिए उच्च जीवन स्तर सुनिश्चित करेंगी। यह सामाजिक बुनियादी ढांचा प्रॉपर्टी की मांग और मूल्य को और बढ़ाएगा।

7. निवेश की सुरक्षा

पिछले अनुभवों, जैसे सुशांत गोल्फ सिटी में निवेशकों के साथ हुई धोखाधड़ी, से सबक लेते हुए सरकार और आवास विकास परिषद ने कड़े नियम लागू किए हैं। शालीमार की टाउनशिप में 10% जमीन बंधक रखने और RERA अनुपालन जैसे कदम निवेशकों के लिए सुरक्षा की गारंटी देते हैं।

तुलनात्मक विश्लेषण: अन्य रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स

लखनऊ SCR में शालीमार की टाउनशिप के अलावा अन्य प्रमुख परियोजनाएं भी निवेश के अवसर प्रदान करती हैं। इनमें शामिल हैं:

  • सुशांत गोल्फ सिटी: सुल्तानपुर रोड पर स्थित यह प्रीमियम टाउनशिप लग्जरी विला और अपार्टमेंट प्रदान करती है। हालांकि, अतीत में कुछ विवादों के कारण निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए।
  • एल्डेको उद्यान: यह परियोजना किफायती आवास पर केंद्रित है और मध्यम आय वर्ग के लिए उपयुक्त है।
  • BCC हाइट्स और डीएलएफ गार्डन सिटी: रायबरेली रोड पर स्थित ये परियोजनाएं अच्छी कनेक्टिविटी और आधुनिक सुविधाओं के साथ निवेशकों को आकर्षित करती हैं।

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शालीमार की टाउनशिप इन परियोजनाओं की तुलना में अपनी हाईटेक सुविधाओं, EWS/LIG आवासों के प्रावधान, और सरकारी समर्थन के कारण अधिक विश्वसनीय और विविधतापूर्ण निवेश विकल्प प्रदान करती है।

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शालीमार बिल्डर की देवा रोड पर इंटीग्रेटेड हाईटेक टाउनशिप लखनऊ SCR में रियल एस्टेट के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित होगी। इस परियोजना के साथ ही इस क्षेत्र में अन्य रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में निवेश से निवेशकों को उच्च मूल्य वृद्धि, किराये से आय, और सुरक्षित निवेश के अवसर मिलेंगे। मजबूत सरकारी समर्थन, बेहतर कनेक्टिविटी, और आधुनिक सुविधाओं के साथ यह क्षेत्र भविष्य में उत्तर भारत का एक प्रमुख शहरी केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी वित्तीय स्थिति और जोखिम सहनशीलता के आधार पर सूचित निर्णय लें और विश्वसनीय डेवलपर्स के साथ ही निवेश करें।

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