Dilli Mein Waterlogging Hui To Officials Honge Suspend – Parvesh Verma Ka Sakht Action Plan!
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री, परवेश वर्मा, ने हाल ही में राजधानी में जलभराव की समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि यदि आगामी मानसून में दिल्ली में जलभराव की समस्या उत्पन्न होती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें निलंबन भी शामिल है।
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दिल्ली में जलभराव: एक पुरानी समस्या
दिल्ली में मानसून के दौरान जलभराव एक लंबे समय से चली आ रही समस्या है। विशेषकर मोलचंद अंडरपास, सराय काले खां, और भैरो मार्ग जैसे क्षेत्रों में भारी बारिश के बाद पानी जमा हो जाता है, जिससे यातायात बाधित होता है और स्थानीय निवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए समय-समय पर प्रयास किए गए हैं, लेकिन स्थायी समाधान अभी तक नहीं मिल पाया है।
परवेश वर्मा की सक्रियता
पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद, उपमुख्यमंत्री परवेश वर्मा ने दिल्ली के विभिन्न हिस्सों का दौरा किया और जलभराव की समस्या वाले क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने मोलचंद फ्लाईओवर से सराय काले खां तक के मार्ग का निरीक्षण किया, जहां मोलचंद अंडरपास में जलभराव की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। इस दौरान, वर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मानसून से पहले सभी नालों की सफाई सुनिश्चित की जाए ताकि पानी की निकासी सुचारू रूप से हो सके।
वर्मा ने कहा, “दिल्ली में कई स्थानों पर बारिश के दौरान जलभराव होता है, और मोलचंद फ्लाईओवर के पीछे का क्षेत्र उनमें से एक है। यह स्थान पानी जमा होने की लगातार शिकायतों का स्रोत रहा है। मानसून शुरू होने से पहले, मैंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली के हर जलभराव-प्रवण स्थान पर काम शुरू करें।”

अधिकारियों के लिए सख्त निर्देश
उपमुख्यमंत्री वर्मा ने स्पष्ट किया है कि यदि मानसून के दौरान जलभराव की समस्या फिर से उत्पन्न होती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “यदि किसी क्षेत्र में जलभराव होता है, तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे, और उनके खिलाफ निलंबन जैसी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” इससे स्पष्ट है कि सरकार इस मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
भविष्य की योजनाएँ और दृष्टिकोण
परवेश वर्मा ने दिल्ली की आधारभूत संरचना में सुधार के लिए व्यापक योजनाएँ बनाई हैं। उन्होंने भैरो मार्ग-सराय काले खां खंड और बरापुला फेज-3 फ्लाईओवर जैसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं का निरीक्षण किया और उनके शीघ्र पूर्णता के निर्देश दिए। वर्मा ने कहा, “इन परियोजनाओं का शीघ्र समापन आवश्यक है ताकि यातायात की भीड़भाड़ कम हो सके और लोगों को बेहतर सुविधाएँ मिल सकें।”
इसके अलावा, वर्मा ने निर्माण की गुणवत्ता पर भी जोर दिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सड़कों और फ्लाईओवरों का निर्माण उच्च गुणवत्ता का हो, ताकि उनकी आयु पाँच वर्षों से अधिक हो सके। उन्होंने कहा, “निर्माण की गुणवत्ता ऐसी होनी चाहिए कि सड़कों की आयु पाँच साल से अधिक हो, ताकि जनता को लंबे समय तक लाभ मिल सके।”
प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के साथ संरेखण
उपमुख्यमंत्री वर्मा ने अपने प्रयासों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ, हरित, और विकसित दिल्ली के दृष्टिकोण के साथ जोड़ा है। उन्होंने कहा, “हम दिल्ली को एक विश्वस्तरीय शहर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जहाँ बेहतर सड़कों, प्रभावी जल निकासी प्रणालियों, और समग्र सौंदर्यीकरण पर ध्यान दिया जाएगा।”
निष्कर्ष
दिल्ली में जलभराव की समस्या को हल करने के लिए उपमुख्यमंत्री परवेश वर्मा ने जो सख्त रुख अपनाया है, वह सराहनीय है। अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और जनता को राहत देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। यदि ये प्रयास सफल होते हैं, तो आने वाले मानसून में दिल्लीवासियों को जलभराव की समस्या से निजात मिल सकती है, और राजधानी की आधारभूत संरचना में महत्वपूर्ण सुधार देखा जा सकता है।
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