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फर्जी कॉल सेंटर बनाकर अमेरिका के लोगों से ठगी करने के गिरोह का भंडाफोड़

By News Desk Dec 20, 2024
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अतुल्य भारत चेतना
नरेंद्र चौहान

गुरुग्राम। थाना साइबर अपराध दक्षिण पुलिस टीम को विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से सूचना मिली थी कि उद्योग विहार फेज-2 के प्लॉट नंबर-270 में अवैध/फर्जी तरीके से कॉल सेंटर चलाकर यूएसए के नागरिकों से ठगी की जाती है। यह ठगी कस्टमर सर्विस देने के नाम पर होती है। सहायक पुलिस आयुक्त साइबर अपराध प्रियांशु दीवान के निर्देशन में छापेमारी टीम तैयार की गई और बताए स्थान पर छापा मारा गया। इस दौरान वहां कॉल सेंटर फर्जी/अवैध तरीके से संचालित होना पाया गया। तहकीकात में पता चला कि यहां से विदेशी नागरिकों को तकनीकी सहायता देने के नाम पर धोखाधड़ी करके ठगी की जाती है। मौके से कॉल सेंटर के मैनेजर व आठ लड़कियों सहित 18 आरोपियों को काबू किया गया। पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत थाना साईबर अपराध दक्षिण में केस दर्ज करके गिरफ्तार किया गया। पुलिस पूछताछ में पता चला कि आरोपी गौरव बक्शी इस कॉल सेंटर का मैनेजर है। वह अपने साथियों/कर्मचारियों के साथ मिलकर अपने अन्य साथी की कहने पर इस कॉल सेंटर को चलाता है। कॉल सेंटर मैनेजर को लगभग 1.5 लाख रुपये तथा अपने अन्य कर्मचारियों को प्रतिमाह लगभग 30 हजार रुपए वेतन मिलता था। मैनेजर ने खुलासा किया कि वह फरवरी-2024 से अपने साथियों के साथ मिलकर यह काम कर रहा है। ये लोग विदेशी मूल के नागरिकों को सॉफ्टवेयर सपोर्ट, अकाउंटिंग सपोर्ट की कस्टमर केयर सर्विस प्रदान करने के नाम पर ठगी करते है। गूगल पर एक नामी कंपनी के कस्टमर केयर हेल्पलाईन नंबर से ऐड चलवाते थे। विदेशी नागरिकों द्वारा टोल फ्री नंबर पर कॉल करने पर वीएलसी डायलर, एक्ससीएक्स डायलर के माध्यम से कॉल इनके कॉल सेंटर पर आती हैं। आरोपी विदेशी नागरिकों को खुद को एक नामी कम्पनी का प्रतिनिधि बताकर उनकी समस्या दूर करने की बात कहते। उनके कंप्यूटर में स्क्रीन शेयरिंग एप्लीकेशन डाउनलोड करवाकर विदेशी नागरिकों के कंप्यूटर सिस्टम का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लेते। फिर उनकी समस्या को दूर करने के नाम पर उनसे 200-1000 डॉलर तक एक पेमेंट गेट-वे के माध्यम से प्राप्त कर लेते थे। आरोपी क्विक बुक्स नामक अकाउंटिंग कंपनी के फिशिंग वेबसाइट बनाकर ठगी की वारदात को अंजाम देते थे। पुलिस टीम द्वारा आरोपियों के कब्जा से इस जालसाजी में प्रयोग किए जाने वाले 17 सीपीयू बरामद किए गए है।

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