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परियोजना अधिकारी खुरई साइलेंट अटैक आ जाने के कारण शांत

By News Desk Dec 14, 2024
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अतुल्य भारत चेतना
शैलेष सेन

खुरई। ढाई महीने बाद होने वाली बेटी की शादी के लिए पिता छोटी-छोटी जरूरते पूरी करने में लगे थे, ड्यूटी करने के बाद रात में फोन पर पत्नी से इसी सिलसिले में बात हुई थी लेकिन सुबह ऐसी खबर मिली की पत्नी के पैरों तले से जमीन खिसक गई। मामला सागर जिले के खुरई का है, जहां महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी विजय सिंह कोरी अपने ही फ्लैट में गुरुवार को अचेत अवस्था में कर्मचारियों को मिले उन्हें सिविल अस्पताल ले गए लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

परियोजना अधिकारी फ्लैट में मिले अचेत अवस्था में

दरअसल नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा निवासी विजय सिंह पिता मन्नासिंह कोरी(54) लंबे समय से महिला बाल विकास विभाग में काम कर रहे हैं उनके परिवार में पत्नी, दो बेटी और एक लड़का है। बड़ी बेटी पुणे में जॉब करती है उसकी फरवरी में शादी होने वाली है। जिसकी तैयारी भी विजय सिंह कर रहे थे। वह करीब दस साल तक राधौगढ़ में परियोजना अधिकारी रहने के बाद साल 2021 में ट्रांसफर होकर खुरई आए थे, तब से यहां पदस्थ थे। इनका पूरा परिवार सागर में रहता है। वह खुरई सिविल अस्पताल रोड पर बने नए सरकारी फ्लैट नंबर 204 में अकेले रहते थे। जब कार्यालय में पदस्थ एक कर्मचारी ने उन्हें सुबह कॉल किया तो उन्होंने कॉल रिसाव नहीं किया। कुछ शंका होने पर कर्मचारी और पास में ही रहने वाले सीएमओ राजेश मेहतेले मौके पर पहुंचे तो फ्लैट के दरवाजे खुले हुए थे और वह अचेत अवस्था में बिस्तर पर पड़े हुए थे। इसके बाद उन्हें सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। घटना की जानकारी लगते ही परियोजना अधिकारी की पत्नी, लड़के के अलावा एसडीएम रवीश कुमार श्रीवास्तव, तहसीलदार यशवर्द्धन सिंह सहित बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अस्पताल पहुंची। एसडीएम ने परिजनों से चर्चा करने के बाद उनका पीएम कराया।

निधन की खबर से कार्यकर्ताओं की आंखों में आए आंसू

जैसे ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए विजय सिंह कोरी के निधन की खबर मिली तो वह बड़ी संख्या में अस्पताल पहुंच गई। उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े।  आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बताया कि इतने अच्छे अधिकारी उन्हें कभी नहीं मिले हैं। हमेशा वह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का ध्यान रखते थे कहीं कोई गड़बड़ी हो जाए तो कहते थे कि उनकी नौकरी भले ही चली जाए लेकिन वह अपनी बहनों पर आंच नहीं आने देंगे। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अंजना शर्मा ने बताया कि जब भी हम लोगों को कोई समस्या आती थी तो उनके सामने समस्या रखते थे और तत्काल हल हो जाती थी। ऐसे अधिकारी पहली बार देखें हैं।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ ने लगाया काम के दबाव का आरोप

महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी विजय कोरी की मृत्यु के बाद अस्पताल पहुंची आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कमलेश कुशवाहा, सुपिया खान, संतोष तोमर, उपासना सेन ने बताया कि परियोजना अधिकारी पर काम का अत्यधिक दबाव था। बार-बार वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा काम के लिए दबाव बनाया जा रहा था। जिसके कारण वह अपनी सेहत पर ध्यान नहीं दे पा रहे थे।

आठ बजे से करना पड़ता है काम

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि चाहे कड़कड़ाती ठंड हो या तपती धूप हो महिला एवं बाल विकास विभाग में सभी को सुबह से काम करना पड़ता है। कितनी ही ठंड क्यों न हो उन्हें तो सुबह 8:30 बजे से आंगनबाड़ी केंद्र खोलना पड़ता है। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी पीड़ा एसडीएम की समक्ष रखी। उनका कहना है कि हम लोगों के भी छोटे-छोटे बच्चे हैं, तो कोई बीमार रहता है ऐसे में परेशानी होती है। ठंड के मौसम में आंगनबाड़ी केंद्र खोलने के समय में परिवर्तन किया किया।

हृदय गति रूकने से हुई मौत

खुरई बीएमओ डॉ शेखर श्रीवास्तव ने कहना है कि हृदय गति रूकने की वजह से उनकी मौत हुई है। पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही कारण स्पष्ट हो पाएगा।

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