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Bahraich news; केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव 20 जून को कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार का करेंगे दौरा, घड़ियाल संरक्षण कार्यक्रम की शुरुआत

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अतुल्य भारत चेतना
रईस

बहराइच। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री (वन्यजीव प्रभाग) भूपेंद्र यादव 20 जून 2025 को बहराइच जिले के कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार का दौरा करेंगे। यह जानकारी प्रभारी अधिकारी वीआईपी/नगर मजिस्ट्रेट ने दी। इस दौरे के दौरान मंत्री यादव घड़ियाल संरक्षण कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे और वन्यजीव संरक्षण से संबंधित विभिन्न गतिविधियों में भाग लेंगे।

दौरे का कार्यक्रम

12:00 PM (मध्याह्न): केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार पहुंचेंगे। यहां वे नौका विहार करेंगे और घड़ियाल के एक वर्षीय शावकों को नदी में छोड़कर घड़ियाल प्रजाति संरक्षण कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। यह पहल कतर्नियाघाट में घड़ियालों की घटती आबादी को बढ़ाने और उनकी प्रजाति को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

1:00 PM (अपराह्न): फील्ड डायरेक्टर द्वारा कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार की गतिविधियों और संरक्षण प्रयासों पर एक प्रस्तुति दी जाएगी। इसके बाद यादव स्पेशल टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स (STPF) के साथ वार्ता करेंगे। इस दौरान संरक्षण कार्यों में लगे कर्मचारियों के लिए संभावित किट वितरण कार्यक्रम भी आयोजित होगा।

3:00 PM (अपराह्न): मंत्री यादव कतर्नियाघाट से लखनऊ के लिए प्रस्थान करेंगे।

कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार का महत्व

कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार, जो भारत-नेपाल सीमा पर बहराइच जिले में स्थित है, अपनी समृद्ध जैव-विविधता के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र घड़ियाल, बाघ, गैंडा, और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों का निवास स्थान है। घड़ियाल संरक्षण कार्यक्रम इस क्षेत्र में संकटग्रस्त घड़ियाल प्रजाति के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है। कतर्नियाघाट में गेरुआ नदी घड़ियालों के लिए प्राकृतिक आवास प्रदान करती है, और इस तरह के संरक्षण कार्यक्रम प्रजाति के अस्तित्व को सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।

भूपेंद्र यादव का पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण में योगदान

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, जो 2021 से पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय का नेतृत्व कर रहे हैं, ने वन्यजीव संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनके नेतृत्व में भारत ने चिता पुनर्वास परियोजना, रामसर साइटों की संख्या में वृद्धि, और सिंगल-यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध जैसे कदम उठाए हैं। इसके अलावा, वे मिशन लाइफ और एक पेड़ माँ के नाम जैसे अभियानों के माध्यम से पर्यावरण जागरूकता और हरित आवरण बढ़ाने के लिए सक्रिय हैं।

स्थानीय प्रभाव और अपेक्षाएं

कतर्नियाघाट में मंत्री के दौरे से स्थानीय समुदाय और वन्यजीव संरक्षण से जुड़े कर्मचारियों में उत्साह है। यह दौरा न केवल घड़ियाल संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्र में पर्यावरणीय और पारिस्थितिकीय विकास को भी प्रोत्साहित करेगा। स्थानीय निवासियों और वन अधिकारियों को उम्मीद है कि इस दौरे से कतर्नियाघाट को मेडिकल टूरिज्म और इको-टूरिज्म के क्षेत्र में और अधिक ध्यान मिलेगा। प्रभारी अधिकारी वीआईपी/नगर मजिस्ट्रेट ने बताया कि दौरे की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं, और यह आयोजन कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार के संरक्षण प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।

भविष्य की दिशा

कतर्नियाघाट में घड़ियाल संरक्षण कार्यक्रम की शुरुआत और केंद्रीय मंत्री का दौरा इस क्षेत्र में जैव-विविधता संरक्षण के लिए एक नई शुरुआत है। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के दृष्टिकोण के अनुरूप है। कतर्नियाघाट को संरक्षित क्षेत्र के रूप में और मजबूत करने के लिए भविष्य में और अधिक संसाधन और तकनीकी सहायता प्रदान किए जाने की उम्मीद है।

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव का यह दौरा न केवल कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार के लिए, बल्कि पूरे बहराइच जिले के लिए पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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