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रईस
बहराइच। अंतरराष्ट्रीय योग सप्ताह के अवसर पर 18 जून 2025 को बहराइच जिले में विभिन्न स्थानों पर योग से संबंधित कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की गई। इस क्रम में कलेक्ट्रेट सभागार और विकास भवन सभागार में योग और आयुष पर आधारित संगोष्ठियों का आयोजन किया गया। इसके साथ ही जिले की तहसीलों, विकासखंडों, ग्राम पंचायतों, सार्वजनिक स्थलों, उद्यानों, स्वास्थ्य केंद्रों, और स्कूलों में सामूहिक योगाभ्यास और अन्य गतिविधियां संपन्न हुईं।
कलेक्ट्रेट सभागार में योग संगोष्ठी
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित संगोष्ठी में क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. रंजन वर्मा, चिकित्साधिकारी डॉ. पियूष पांडेय, डॉ. पीयूष नायक, और योग प्रशिक्षक जय प्रकाश वर्मा ने योग और आयुष के महत्व पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी में योग के शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक लाभों पर चर्चा की गई। डॉ. रंजन वर्मा ने कहा:
“योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि यह तनाव प्रबंधन और जीवन शैली से संबंधित बीमारियों को नियंत्रित करने में भी प्रभावी है। आयुष प्रणाली के साथ योग को अपनाकर हम स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं।” योग प्रशिक्षक जय प्रकाश वर्मा ने विभिन्न योगासनों का प्रदर्शन किया और उपस्थित लोगों को प्राणायाम, सूर्य नमस्कार, और ध्यान की तकनीकों के बारे में जानकारी दी।
विकास भवन सभागार में संगोष्ठी
विकास भवन सभागार में आयोजित संगोष्ठी में डॉ. अंतरिक्ष वैसवार, डॉ. अजय सिंह, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. प्रभात मिश्रा, और योग प्रशिक्षक जय प्रकाश वर्मा ने भाग लिया। इस अवसर पर योग के माध्यम से स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने और आयुष चिकित्सा पद्धति के लाभों पर जोर दिया गया। डॉ. प्रभात मिश्रा ने कहा:
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“योग और आयुष को दैनिक जीवन में शामिल करने से न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि यह सामुदायिक स्तर पर भी सकारात्मक प्रभाव डालता है।”
जिले भर में योग कार्यक्रम
अंतरराष्ट्रीय योग सप्ताह के तहत जिले में विभिन्न स्तरों पर कार्यक्रम आयोजित किए गए:
सामूहिक योगाभ्यास: सभी तहसीलों, विकासखंडों, ग्राम पंचायतों, सार्वजनिक स्थलों, और उद्यानों में सुबह सामूहिक योगाभ्यास का आयोजन किया गया।
स्वास्थ्य केंद्रों में योग: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) में योगाभ्यास सत्र आयोजित किए गए।
स्कूलों में गतिविधियां: जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देशन में स्कूलों में योगासन, निबंध लेखन, चित्रकला, और स्लोगन प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
आयुष ग्राम योग दिवस: सभी ग्राम पंचायतों में आयुष ग्राम योग दिवस मनाया गया, जिसमें ग्रामीणों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
वृद्धाश्रम में योग संगोष्ठी: वृद्धाश्रम में वरिष्ठ नागरिकों के लिए योग संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें योग के बुजुर्गों के लिए लाभों पर चर्चा हुई।
योग का महत्व और सामाजिक प्रभाव
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) की तैयारियों को गति देना और समाज के हर वर्ग में योग के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। योग प्रशिक्षक जय प्रकाश वर्मा ने बताया कि योग न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है, बल्कि यह मानसिक शांति, एकाग्रता, और आत्म-अनुशासन को भी प्रोत्साहित करता है। स्थानीय निवासियों ने इन कार्यक्रमों की सराहना की। एक प्रतिभागी, रमेश कुमार, ने कहा:
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“इस तरह के आयोजन हमें योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। मैंने आज कई आसन सीखे, जो मेरे दैनिक जीवन में उपयोगी होंगे।”
प्रशासन की भूमिका
जिला प्रशासन ने इन कार्यक्रमों के सुचारू संचालन के लिए व्यापक व्यवस्थाएं कीं। जिला आयुष विभाग, स्वास्थ्य विभाग, और शिक्षा विभाग ने संयुक्त रूप से इन आयोजनों को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित संगोष्ठी में प्रशासनिक अधिकारियों ने भी भाग लिया और योग को जन-जन तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई।
भविष्य की योजनाएं
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून 2025) के लिए जिले में बड़े स्तर पर योग कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिला प्रशासन ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे योग को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाएं।
यह योग संगोष्ठी और संबंधित कार्यक्रम बहराइच जिले में स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। योग और आयुष के प्रति जागरूकता बढ़ाने के ये प्रयास न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को बेहतर बनाएंगे, बल्कि सामाजिक स्तर पर भी सकारात्मक बदलाव लाएंगे।