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Bahraich news; नवाबगंज सीडीपीओ सुशील कुमार को पोषण ट्रैकर एप की असंतोषजनक प्रगति के कारण जिला मुख्यालय से सम्बद्ध किया गया

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अतुल्य भारत चेतना
रईस

बहराइच। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, उत्तर प्रदेश के बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय द्वारा पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से फेस ऑथेंटिकेशन मॉड्यूल के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए 17 जून 2025 को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी मोनिका रानी ने विकास खण्ड नवाबगंज की प्रगति को असंतोषजनक पाया। इसके परिणामस्वरूप बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) नवाबगंज सुशील कुमार को तत्काल प्रभाव से जिला मुख्यालय से सम्बद्ध करने के निर्देश दिए गए।

बैठक का विवरण

बैठक में पोषण ट्रैकर एप के तहत फेस ऑथेंटिकेशन और ई-केवाईसी की प्रगति की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने नगर क्षेत्र की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया, लेकिन नवाबगंज विकास खण्ड की कमजोर स्थिति पर नाराजगी जताई। उन्होंने सभी मुख्य सेविकाओं को कड़े निर्देश दिए कि वे अपने सेक्टर में युद्धस्तर पर कार्य करते हुए 20 जून 2025 (शुक्रवार) तक प्रगति में सुधार लाएं, अन्यथा उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।

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जिलाधिकारी के निर्देश

जिलाधिकारी मोनिका रानी ने सीडीपीओ को निम्नलिखित निर्देश दिए:

  • लाभार्थियों को प्रेरित करना: विभागीय कर्मचारियों और पंचायत सहायकों के सहयोग से लाभार्थियों को स्वेच्छा से फेस ऑथेंटिकेशन और ई-केवाईसी कराने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • जागरूकता बढ़ाना: लाभार्थियों को सूचित करें कि फेस ऑथेंटिकेशन और ई-केवाईसी न कराने पर पोषाहार आपूर्ति रोक दी जाएगी।
  • समन्वय स्थापित करना: सभी संबंधित कर्मचारियों और संस्थाओं के साथ समन्वय कर कार्य को गति दें।

पोषण ट्रैकर एप और फेस ऑथेंटिकेशन मॉड्यूल

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के निर्देशानुसार, पोषण ट्रैकर एप के माध्यम से फेस ऑथेंटिकेशन मॉड्यूल का कार्यान्वयन अनिवार्य किया गया है। इसके प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:

  • लाभार्थी श्रेणियां: आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले 6 माह से 3 वर्ष, 3 से 6 वर्ष आयु वर्ग के बच्चे, गर्भवती और धात्री महिलाएं, तथा किशोरी बालिकाएं।
  • अनिवार्य फीडिंग: 1 जुलाई 2025 से पोषण ट्रैकर एप पर लाभार्थियों की उपस्थिति और पोषाहार प्राप्ति की फीडिंग अनिवार्य होगी।
  • फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS):
    • 1 जुलाई 2025 से टेक-होम राशन (THR) वितरण के लिए FRS अनिवार्य।
    • 1 अगस्त 2025 से लाभार्थियों के पंजीकरण के लिए FRS अनिवार्य।
  • उद्देश्य: लक्षित लाभार्थियों तक अनुपूरक पोषाहार की आपूर्ति सुनिश्चित करना और पारदर्शिता बढ़ाना।

उपस्थित अधिकारी और कर्मचारी

बैठक में निम्नलिखित अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे:

  • जिला विकास अधिकारी: राज कुमार
  • जिला कार्यक्रम अधिकारी: राज कपूर
  • सीडीपीओ, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियां, और अन्य संबंधित कर्मचारी।

नवाबगंज की स्थिति और कार्रवाई

नवाबगंज विकास खण्ड में पोषण ट्रैकर एप के तहत फेस ऑथेंटिकेशन और ई-केवाईसी की प्रगति अत्यंत धीमी पाई गई। इसके लिए जिम्मेदार सीडीपीओ सुशील कुमार को जिला मुख्यालय से सम्बद्ध कर उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि विभागीय योजनाओं के लाभ को पात्र लाभार्थियों तक पहुंचाने में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

नगर क्षेत्र की प्रगति

नगर क्षेत्र में पोषण ट्रैकर एप के कार्यान्वयन की प्रगति संतोषजनक रही। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों की सराहना की और अन्य क्षेत्रों से भी इसी प्रकार की सक्रियता की अपेक्षा की।

लाभार्थियों के लिए महत्व

पोषण ट्रैकर एप और फेस ऑथेंटिकेशन मॉड्यूल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से प्रदान किए जाने वाले पोषाहार और अन्य सुविधाएं केवल पात्र लाभार्थियों तक ही पहुंचें। यह प्रणाली न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगी, बल्कि पोषाहार वितरण में होने वाली अनियमितताओं को भी रोकेगी। लाभार्थियों को इस प्रणाली का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि वे निर्बाध रूप से सरकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकें।

आगे की रणनीति

जिलाधिकारी ने सभी सीडीपीओ और मुख्य सेविकाओं को निर्देश दिए कि वे:

  • गावों में जागरूकता अभियान चलाकर लाभार्थियों को फेस ऑथेंटिकेशन और ई-केवाईसी की प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करें।
  • पंचायत सहायकों और अन्य स्थानीय कर्मचारियों के साथ मिलकर कार्य को समयबद्ध तरीके से पूरा करें।
  • नियमित समीक्षा बैठकें आयोजित कर प्रगति की निगरानी करें।

यह बैठक बहराइच जिले में पोषण ट्रैकर एप के प्रभावी कार्यान्वयन और पोषाहार योजनाओं के लाभ को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी। नवाबगंज में प्रगति की कमी के लिए जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई और अन्य क्षेत्रों में सुधार के लिए दिए गए निर्देश जिला प्रशासन की गंभीरता को दर्शाते हैं। यह प्रयास जिले के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और किशोरी बालिकाओं के पोषण और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में योगदान देगा।

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