अतुल्य भारत चेतना
उमेश शेंडे
बालाघाट। कलेक्टर मृणाल मीना एवं जिला कार्यकारी अधिकारी दीपमाला मंगोदिया के मार्गदर्शन में हम होंगे कामयाब पखवाड़े में जेंडर आधारित हिंसा और जेंडर संवेदीकरण के लिए निरंतर संवाद किया जा रहा है। सोमवार को गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडी) अधिनियम में गतिविधियों के अंतर्गत कार्यशालाऍ सतपुड़ा आईटीआई कनकी, चक्रवर्ती इंग्लिश मीडियम स्कूल बैहर,आवलाझरी भरवेली, माध्यमिक शाला कुम्हारी, हाईस्कूल समनापुर, ग्राम पंचायत कुम्हारी, ग्राम पंचायत भेंडारा खैरलांजी एवं ग्राम पंचायत बाकल, सभी आंगनबाडी केंद्र में संवाद कार्यक्रम महिला बाल विकास विभाग, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग के सम्वन्य से आयोजित किया गया। जिसमें गर्भधारण पूर्व एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी) अधिनियम जिसे कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और भारत में गिरते लिंगानुपात को रोकने, गर्भधारण से पहले या बाद में लिंग चयन को प्रतिबंधित करता है, गर्भवती महिला या उसके रिश्तेदार को शब्दो, संकेतों या किसी और तरीके से भ्रूण के लिंग की जानकारी देना पूर्णतः प्रतिबंधित है। वहीं बताया गया कि अल्ट्रासाउंड मशीन, प्रसव पूर्व निदान तकनीकों का इस्तमाल सिर्फ आनुवंशिक असामान्यताओं, क्रोमोसोमल असमानताओं, कुछ जन्मजात विकृतियां, लिंग संबंधी विकार का पता लगाने के लिए उपयोग में लाने की अनुमति देते है।





साथ ही कोई भी व्यक्ति यदि प्रसवपूर्व और गर्भधारण पूर्व लिंग चयन संबंधी सुविधाओं का विज्ञापन देता है या फिर इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के माध्यम से विज्ञापित करता है, ऐसे व्यक्ति, संस्थान या केंद्र के संचालक को तीन वर्ष की कैद और दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है कि जानकारी दी गई। इस दौरान जन समुदाय को जागरूक करने के लिये ब्लॉक स्तरीय परसवाडा बालाघाट, बैहर एवं ग्राम पंचायत करौंदा बहेरा, शासकीय हाई स्कूल कुम्हारी पर रैली निकाला गया। साथ ही जेंडर आधारित हिंसा, बाल-विवाह विषयों पर चित्रकला एवं पोस्टर प्रतियोगिता आयोजित कर प्रतिभागियों को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत पुरस्कार वितरण किया गया एवं समाज के सभी गणमान्य नागरिकों को इस अभियान से जोड़ा गया ।