अतुल्य भारत चेतना
अखिल सुर्यवंशी
भोपाल/मध्यप्रदेश। मध्यप्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय (MCU) में 19 जून 2025 को मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के नव नियुक्त सहायक जनसंपर्क अधिकारियों (APROs) के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी, जनसंपर्क विभाग के अपर संचालक गुरमीत सिंह वाधवा, उप संचालक अवनीश सोमकुंवर, और ऋषभ जैन ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यशाला का उद्घाटन किया। कार्यशाला में जनसंपर्क अधिकारियों को प्रभावी संचार, सोशल मीडिया प्रबंधन, और समाचार लेखन की बारीकियों से अवगत कराया गया।

कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी का संबोधन
कुलगुरु विजय मनोहर तिवारी ने जनसंपर्क अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनके पद में ‘जन’ शब्द जुड़ा है, इसलिए जनता की भावनाओं और जरूरतों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा: “जनसंपर्क अधिकारी को अपने भीतर के पत्रकार को कभी मरने नहीं देना चाहिए। उसे हमेशा जागृत रखें। अच्छा लिखने की क्षमता अच्छा पढ़ने से आती है, इसलिए खूब पढ़ें और प्रभावी लेखन करें।”
तिवारी ने सुझाव दिया कि जनसंपर्क अधिकारी सीधे जनता से जुड़ें, गांवों में नवाचार करने वाले लोगों, सरपंचों, और सामाजिक कार्यकर्ताओं की कहानियों को लेखन के माध्यम से सामने लाएं। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्यानिकी, और बुनियादी ढांचे जैसे जनता से जुड़े विषयों पर लेखन की सलाह दी। उन्होंने कहा: अगले 25 साल भारत के लिए महत्वपूर्ण हैं। 2047 में जब आजादी के 100 साल पूरे होंगे, तब आपकी भूमिका और योगदान बहुत बड़ा होगा। अपने जिले का इतिहास और खूबियां जानें, और अच्छी मंशा के साथ कार्य करें।”

अपर संचालक गुरमीत सिंह वाधवा का मार्गदर्शन
जनसंपर्क विभाग के अपर संचालक गुरमीत सिंह वाधवा ने कहा कि जनसंपर्क अधिकारियों को रूटीन खबरों से हटकर यूनिक और प्रभावी खबरें तैयार करनी चाहिए। उन्होंने मीडिया के साथ समन्वय को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा: “सोशल मीडिया के युग में जनसंपर्क का कार्य अब 24 घंटे का हो गया है। पहले यह सुबह 10 से शाम 6 बजे तक सीमित था, लेकिन अब सतर्कता और सावधानी के साथ हर समय अपनी भूमिका निभानी पड़ती है।” वाधवा ने समाचार लेखन में सुधार के लिए अखबारों की लीड और हेडलाइन का अध्ययन करने और उनसे सीखने की सलाह दी।
वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण दुबे का संबोधन
वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण दुबे ने जनसंपर्क अधिकारियों को सरकार और समाज के बीच सेतु की भूमिका निभाने वाला बताया। उन्होंने कहा: “आज का युग सोशल मीडिया का है, इसलिए जनसंपर्क अधिकारियों की भूमिका बदल गई है। पहले प्रचार-प्रसार मुख्य कार्य था, लेकिन अब क्राइसिस मैनेजमेंट जैसी जिम्मेदारियां भी शामिल हो गई हैं।” श्री दुबे ने नव नियुक्त अधिकारियों को केश स्टडी पढ़ने और सोशल मीडिया पर पोस्ट करने से पहले विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी।

कार्यशाला के सत्र और विषय विशेषज्ञ
उद्घाटन सत्र के बाद कार्यशाला में विभिन्न सत्र आयोजित किए गए, जिनमें विषय विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की:
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सी.के. शर्मा: मध्यप्रदेश की भौगोलिक जानकारी, क्षेत्रफल, और जनसंख्या पर विस्तृत प्रस्तुति। कमलेश माहेश्वरी: सोशल मीडिया प्रबंधन और डिजिटल संचार की रणनीतियों पर विचार। मनोज श्रीवास्तव: मध्यप्रदेश की कृषि विकास योजनाओं और उनके प्रचार-प्रसार की तकनीकों पर जानकारी।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
कार्यशाला में जनसंपर्क विभाग के सभी सहायक जनसंपर्क अधिकारी, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी, विभिन्न विभागों के अध्यक्ष डॉ. पवित्र श्रीवास्तव, डॉ. आरती सारंग, डॉ. राखी तिवारी, संबंध अध्ययन संस्थान निदेशक डॉ. आशीष जोशी, परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजेश पाठक, सहायक कुलसचिव अनुराधा मालवीय, प्रोड्यूसर डॉ. मनोज पटेल, डॉ. गरिमा पटेल, प्रभारी निदेशक (प्रवेश) डॉ. शलभ श्रीवास्तव, और जनसंपर्क अधिकारी डॉ. अरुण कुमार खोबरे उपस्थित रहे।

संचालन और आभार
कार्यशाला का संचालन प्रभारी निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. जया सुरजानी ने किया, जबकि कुलसचिव डॉ. अविनाश वाजपेयी ने आभार व्यक्त किया।
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कार्यशाला का महत्व
यह पांच दिवसीय कार्यशाला नव नियुक्त जनसंपर्क अधिकारियों को समाचार लेखन, सोशल मीडिया प्रबंधन, क्राइसिस मैनेजमेंट, और जनता से संवाद की बारीकियां सिखाने के लिए डिजाइन की गई है। यह प्रशिक्षण मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग की कार्यप्रणाली को और प्रभावी बनाने और जनता तक सरकार की योजनाओं को बेहतर ढंग से पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

भविष्य की अपेक्षाएं
प्रक्षिकों ने इस कार्यशाला को ज्ञानवर्धक बताते हुए कहा कि यह उनके पेशेवर विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगी। कुलगुरु श्री तिवारी ने विश्वास जताया कि प्रशिक्षण के बाद जनसंपर्क अधिकारी अपने कार्यों को और अधिक कुशलता और उत्साह के साथ करेंगे।
माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय में आयोजित यह कार्यशाला जनसंपर्क अधिकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगी, जो उन्हें सरकार और जनता के बीच प्रभावी संचार का सेतु बनने के लिए तैयार करेगी।