अतुल्य भारत चेतना
उमेश शेंडे
बालाघाट। हम होंगे कामयाब पखवाड़ा में जेंडर आधारित हिंसा और जेंडर संवेदीकरण के लिए निरंतर संवाद किया जा रहा है। गुरुवार को ग्राम पंचायत अमेडा, हीरापुर, आंगनवाड़ी केंद्र बन्ना,आंगनवाड़ी केंद्र गोडीटोला मरारी मोहल्ला, हाई स्कूल टेमनी, मिडिल स्कूल मोहझरी में महिला बाल विकास एवं पुलिस विभाग एवं शिक्षा विभाग के समन्वय से घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम 2005 जो कि देश की हर महिलाओं पर लागू होता हैं के बारे में अवगत कराया गया। बताया गया कि यह एक सिविल नेचर का कानून है, चाहे वह महिला किसी भी धर्म या सामाजिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखती हो, महिलाओं को घरेलू संबंधी या नातेदारी में हिंसा व दुर्व्यवहार से सुरक्षा प्रदान करता है।



महिलाओं को उनके अधिकार जैसे धारा 18 के अधीन संरक्षण आदेश धारा 19 के अधीन निवास आदेश, धारा 20 के अधीन भरण पोषण आदेश, धारा 21 के अधीन अभिरक्षा आदेश, धारा 22 के अधीन प्रतिकार, धारा 23 के अधीन अंतरिम आदेश जो न्यायालय में प्रकरण के विचाराधीन रहते हुए राशि दिलाई जाती है। बाल-विवाह अधिनियम संज्ञेय और गैर जमानतीय अपराध है,जिसमें बाल-विवाह करने एवं कराने वाले सहयोगी को कठोर दण्ड से दण्डित किया जाता है एवं हेल्पलाइन महिला हेल्प लाइन 181 और चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की जानकारी दी गई।