बालाघाट में 26.48 प्रतिशत गरीबी के बहुआयामी सूचकांकों में आयी कमी
अतुल्य भारत चेतना
उमेश शेंडे
बालाघाट। मातृ मृत्यु दर और नवजात मृत्यु दर में आयी अपेक्षित कमी। प्रदेश में 1.36 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर लाया गया,
खाद्य, स्वास्थ्य और बिजली के सूचकांकों में आया बदलाव। संयुक्त राष्ट्र महासभा के निर्णय अनुसार प्रतिवर्ष 17 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय गरीबी उन्मूलन दिवस मनाया जाता है। मप्र शासन द्वारा प्रदेश में गरीबी के स्तर को कम करने में लिए अनेकों योजनाएं कार्यक्रम और अभियान क्रियान्वित है। जिससे पात्र व गरीब वर्ग के नागरिकों की आवश्यक जरूरतें पूर्ण होने के साथ ही आजीविका के साधन भी उपलब्ध हो रहे है। बहुआयामी गरीबी सूचकांक 2023 व नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार मप्र में 2015 से 2021 के बीच प्रदेश में 1.करोड़ 36 लाख लोग गरीबी से बाहर आये है। इस मामलें में बालाघाट जिले में यह कमी 26.48 प्रतिशत हुई है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार सतत विकास के लिए तीन आयाम लक्षित किये गए थे। इसमें मुख्य रूप से पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, मातृ स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा खाना पकाने के लिए ईंधन, स्वच्छता, पेयजल, विद्युत व आवास जैसे 12 सूचकांक तय किये गए थे। बालाघाट जिले में तीन सूचकांकों पर बात करें तो पिछले वर्षो की तुलना में कहीं न कहीं गरीबी के स्तर में गिरावट परिलक्षित हुई है। तीन बिन्दुओं में खाद्य यानी राशन की उपलब्धता, विद्युत और स्वास्थ्य के मामलें में नागरिकों को सुविधाएं मुहैया कराई गई है।
8405 लोगों को हर दिन मिल रही है निःशुल्क दवाईयां
मप्र शासन द्वारा गरीबों और अन्य नागरिक जो महंगी दवाइयों में बोझ का नहीं झेल सकते है, उनके लिए सरदार वल्लभ भाई पटेल औषधि वितरण योजना संचालित की जा रही है। इस योजना तथा अन्य कार्यक्रम के माध्यम से उपस्वास्थ्य केंद्रो, प्राथमिक स्वास्थ्य, सामुदायिक स्वास्थ्य, सिविल अस्पताल और जिला अस्पताल में निर्धारित दवाईयां और स्वास्थ्य जांच निःशुल्क की जा रहीं है। जिला चिकित्सालय के डीईसीआई डॉ. आरआर चक्रवर्ती ने बताया कि जिले में उपस्वास्थ्य केंद्रों पर 126, पीएचसी पर 217, सीएचसी व सीएच पर 448 और जिला अस्पताल में 526 तरह की दवाइयां बिल्कुल निःशुल्क प्रदान की जाती हैं। इसी तरह सीएचसी पर 17, पीएचसी पर 45, सीएचसी/सीएच पर 45 और जिला अस्पताल में 108 तरह की जाँचे निःशुल्क हो रही है। वहीं जिले में विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से 8405 मरीजों को प्रतिदिन निःशुक दवाइयां वितरित हो रही है।

2015 में 246 मातृ मृत्यु थी, अब 2024 में 143 जबकि
नवजात शिशु मृत्यु दर में 17 में आयी कमी
स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से गरीबी उन्मूलन पर बात करें तो बालाघाट में वर्ष 2015 से 2017 व 2023 से 2024 के आंकड़े बताते है,कि इन सूचकांकों में बहुत कमी हुई है। शीघ्र हस्तक्षेप प्रबंधक श्री चक्रवर्ती ने बताया कि जिले में वर्ष 2015 में प्रति लाख मातृ मृत्यु दर 246 प्रतिवर्ष थी। जबकि अब 2023 से 24 में यह दर 143 है। यानी 103 की मातृ मृत्यु दर में कमी हुई है। इसी तरह नवजात यानी 28 दिनों से कम वाले नवजात के मामलें में 17 नवजात शिशुओं की मृत्यु दर में कमी आयी है। वर्ष 2015 से 17 में प्रति हजार पर इनकी मृत्यु दर 46 थी, जो अब 29 है।
14 लाख से अधिक को निःशुल्क खाद्यान्न और 3 लाख से अधिक महिलाओं को निःशुल्क गैस
गरीबी के सूचकांकों में शामिल खाना पकाने के ईंधन के मामलें में बालाघाट जिले में बड़ी संख्या में महिलाओं को निःशुल्क ईंधन प्रदाय किया जा रहा है। खाद्य आपूर्ति अधिकारी ज्योति बघेल आर्य ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजनान्तर्गत जिले की 305198 महिलाओं को निःशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किये गए है। 3 अक्टूबर सीएम डॉ. मोहन यादव ने दमोह जिले से जिले की 52301 महिलाओं को पीएम उज्जवला योजना की राशि वितरित की है। इसके अलावा गरीबों में राशन वितरण की बात की जाए तो जिले में मुख्यमंत्री अन्नपूर्णा योजना में प्राथमिकता वाले परिवारों और अंत्योदय परिवारों को निशुल्क खाद्यान्न वितरण किया जाता है। जिले में ऐसे 349604 पात्र परिवारों को राशन प्रदान किया जा रहा है।
2 लाख से बढ़कर 3 लाख घरों में पहुँची बिजली
गरीबी उन्मूलन के मामलें में शासन द्वारा बिजली प्रदान करने के मामलें में भी बड़ा बदलाव आया है। विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण मंत्री श्री दीपक उइके से प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2014 में बालाघाट में 210687 घरों में घरेलू कनेक्शन थे। जबकि वर्ष 2024 की स्थिति में 332015 घरों में घरेलू कनेक्शन उपलब्ध कराए गए है।