अतुल्य भारत चेतना
मेहरबान अली कैरानवी
शामली। आपको बता दें कि हर्ष वर्ष की भांति इस वर्ष भी कस्बा कैराना में चल रहे तेहरवे दिवसीय की लीला का मंचन किया गया। जिसका शुभारंभ नगर पालिका परिषद कैराना के अधिशासी अधिकारी श्री समीर कश्यप द्वारा द्वीप प्रज्वलित कर किया गया l मण्डल के संरक्षक पंडित विरेंद्र वशिष्ठ ने बताया कि रावण अपने दरबार मे गुप्तचर द्वारा सूचना दी गई कि श्रीराम की सेना ने लंका पर चढ़ाई की योजना बना ली है। यह समाचार सुनकर विभीषण रावण को ज्ञान एवं नीति के उपदेश स्मरण करवाते है इससे क्रोधित होकर रावण विभीषण पर पैरों से प्रहार कर उन्हें देश से बाहर जाने का आदेश देता है। लंका से निकाले जाने के बाद विभीषण श्रीराम की शरण मे चले जाते है एवं उनसे मित्रता करते है। श्रीराम विभीषण को “लंकेश्वर” कहकर संबोधित करते है एवं उन्हें लंका का राजा घोषित करते है। इसके उपरांत योजना अनुसार श्रीराम जी की सेना समुद्र पर सेतू बंधान करती है l
श्री राम, लक्ष्मण, हनुमान जी, सुग्रीव, विभीषण एवं जामवंत सम्पूर्ण सेना सहित लंका की सीमा में प्रवेश करते है। श्रीराम की आज्ञा पाकर युवराज अंगद रावण से संधि का प्रस्ताव लेकर निकलते है। हनुमानजी के लंका दहन एवं श्रीराम के समुद्र सेतू पार करने से रावण चिंतित होता है एवं उसके दस शीश एक साथ बोल पड़ते है। श्रीराम की आज्ञा से अंगद जी लंका की राज सभा के लिए निकलते है मार्ग में रावण के पुत्र राजकुमार से युद्ध होता है एवं अंगद जी उसका वध करते है। राजसभा में पहुँचकर अंगद जी रावण को जानकी को वापस करने एवं न करने पर भयंकर परिणाम के विषय मे बताते है। अहंकार के मद में चूर रावण अंगद की कोई बात नही सुनता अंत मे अंगद राजसभा में अपने पैर को जमा लेते है एवं चुनौती देते है कि यदि कोई सभासद तनिक मात्र भी पैर हिला देगा तो श्रीराम जानकी को हार जाएंगे। सभी सभासद प्रयास करने परन्तु सभी निष्फल हो जाते है। इस प्रकार अंगद जी अपनी बुद्धि एवं बल का परिचय देकर युद्ध की घोषणा करते है। और रामा दल में जाकर अंगद सारा वृत्तांत बताते हैं l lराम का अभिनय रोहित कुमार लक्षमण का शिवम गोयल रावण का अभिनय एडवोकेट शगुन मित्तल सीता का अभिनय सागर मित्तल, हनुमान का अभिनय आशू गर्ग, मंदोदरी सन्नी, मेघनाद का अभिनय तुषार वर्मा, विभिषण का अभिनय अभिषेक भारद्वाज प्रहास का सोनू कश्यप ने बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया। रावण के दरबार की सजावट डायरेक्टर सुनील कुमार टिल्लू के नेतृत्व में की गई वहीं भारी संख्या में श्रद्धालु गण और पुलिस बल मौजूद रहे।

इस दौरान मुख्य रूप से अध्यक्ष जयपाल सिंह कश्यप, सचिव आलोक गर्ग, कोषाध्यक्ष संजू वर्मा, डॉ रामकुमार गुप्ता, अतुल कुमार गर्ग, सुशील कुमार सिंघल, राकेश गर्ग, अनिल कुमार कुंगरवाल, एडवोकेट शगुन मित्तल, डॉक्टर सुशील कुमार, सुनील कुमार टिल्लू, विक्की, पुनीत कुमार गोयल, राजेश नामदेव, सतीश, राकेश प्रजापति, शिवम गोयल, अभिषेक गोयल, विकास वर्मा, राहुल सिंघल, अश्विन सिंघल, विजय नारायण तायल, मनोज मित्तल सोनू नेता, ऋषि पाल शेरवाल, विपुल कुमार जैन, पंडित वीरेंद्र कुमार वशिष्ठ, जयपाल सिंह, आशु गर्ग, सागर मित्तल, सुनील कुमार टिल्लू, सूरज वर्मा, अंकित जिंदल, सनी, डिंपल अग्रवाल, अमित सिंगल, मास्टर अमित सेन, रोहित नामदेव, राजेश सिंघल कालू, अनमोल शर्मा, अमन गोयल, तुषार वर्मा, पंडित मोहित जी, विपुल कुमार जैन, अभिषेक भारद्वाज, निक्की शर्मा व सचिन शर्मा आदि मौजूद रहे।