तालियों की गड़गड़ाहट से दीदी जी का हुआ स्वागत अध्यात्म के सागर मे खूब लगी डुबकी
अतुल्य भारत चेतना
अशोक कुमार सोनी
बहराइच।
आखिर हम है क्या किस लिए हमारा जन्म हुआ है जिस दिन इस मरम को हम और आप जान जायेंगे देव तुल्य बनने से कोई रोक नहीं पायेगा ।

सच है इस लिए अपने को पहचाना जरूरी भी है उक्त अध्यात्म की अमृत वाणी करते हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जरवल रोड सेंटर की संचालिका योगिनी दीदी ने जरवल कस्बा डॉक्टर अमरनाथ विश्वकर्मा के घर पर कही दीदी जी ने लोगो को बताया कि आत्मा एवं परमात्मा का ज्ञान तथा राजयोग मेडिटेशन के जरिए समाज में फैले हुए भेदभाव कुरीतियां पापचार्य को मिटाने का संदेश दिया हम सभी आत्मा भाई-बहन हैं आत्मिक ज्ञान में रहकर के सुख शांति और अमन कायम करने का प्रयास किया जा सकता है।कहानी के माध्यम से कथा प्रमियो मे संदेश दिया कि ज्ञान के अभाव मे ईश्वर को पाना असम्भव है इस लिए जब तक ज्ञान रूपी समुंद्र मे डुबकी नही लगाओगे ईश्वर को पाना असंभव है।इस लिए जरूरी है कि हमारा जन्म क्यों हुआ है जिस दिन इस मरम को समझ जाओगे जीवन धन्य तो होगा ही ईश्वर के करीब भी हो जाओगे तनिक भी संसय नही है।इस अवसर पर बहन शनेशलता,रेखा,मोनी,अंकिता, अन्नू के अलावा प्रमोद गुप्ता,पत्रकार अशोक सोनी,प्रमोद कसौधन, ओम प्रकाश अवस्थी,कौशल सिंह,ईश्वरचंद गुप्ता,विजय कुमार कसौधन,दिनेश गुप्ता, डा. हिमांशू,अजीत कुमार,प्रशांत अग्निहोत्री आदि तमाम लोग मौजूद रहे।
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