अतुल्य भारत चेतना
रईस
रुपईडीहा/बहराइच। रविवार को रुपईडीहा कस्बा क्षेत्र के बाजार में उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब दो साँड़ों के बीच अचानक जोरदार लड़ाई छिड़ गई। इस भिड़ंत के कारण सड़क पर भगदड़ मच गई, और वहां मौजूद लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। इस घटना ने स्थानीय लोगों और व्यापारियों में दहशत पैदा कर दी, साथ ही साँड़ों के बढ़ते आतंक को लेकर चिंता बढ़ा दी।
इसे भी पढ़ें : पतंजलि की डिजिटल कृषि पर रिसर्च: किसानों के लिए फायदेमंद, उत्पादन में इजाफा
साइकिल क्षतिग्रस्त, भगदड़ में लोग डरे-सहमे
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बाजार के पास दो साँड़ों की आपसी भिड़ंत इतनी तीव्र थी कि लोग घबरा गए। इस दौरान साँड़ों की टक्कर की चपेट में आकर स्थानीय निवासी किशोरी लाल की साइकिल बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। सौभाग्य से इस घटना में कोई व्यक्ति घायल नहीं हुआ, लेकिन मौके पर मौजूद राहगीर और दुकानदार डरे-सहमे नजर आए। भगदड़ के कारण कुछ समय के लिए बाजार में सामान्य गतिविधियां ठप हो गईं।
इसे भी पढ़ें : कम बजट में आने वाले Samsung के Smart Phones, जानिए कीमत और फीचर्स
साँड़ों का आतंक: वाहनों और सामान को नुकसान
स्थानीय लोगों और व्यापारियों ने बताया कि कस्बे में साँड़ों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। ये साँड़ अक्सर बाजार में खड़ी मोटरसाइकिलों, साइकिलों और अन्य वाहनों को टक्कर मारकर गिरा देते हैं, जिससे वाहनों को भारी नुकसान होता है। इसके अलावा, ये पशु दुकानों और ग्राहकों का सामान बिखेर देते हैं, जिससे व्यापारियों और ग्राहकों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। कई बार बाइकों और वाहनों में रखे पानियों और अन्य जरूरी सामानों को ये साँड़ फाड़कर बर्बाद कर देते हैं।
स्थानीय लोगों की मांग: प्रशासन ले कठोर कदम
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मांग की है कि साँड़ों के आतंक को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। लोगों का कहना है कि इन आवारा पशुओं को नियंत्रित करने के लिए गौशालाओं में स्थानांतरित करने या अन्य उपाय करने की आवश्यकता है। व्यापारियों ने भी प्रशासन से बाजार क्षेत्र में सुरक्षा और व्यवस्था सुनिश्चित करने की अपील की है, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
इसे भी पढ़ें : बाबा नीम करौली: कैंची धाम का बुलावा, प्रेरणादायक संदेश और चमत्कार
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर आवारा पशुओं की समस्या को उजागर किया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को इस दिशा में त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि राहगीरों और व्यापारियों को होने वाले नुकसान को रोका जा सके। इस तरह की घटनाएं न केवल आर्थिक नुकसान का कारण बनती हैं, बल्कि लोगों की सुरक्षा के लिए भी खतरा पैदा करती हैं।