अतुल्य भारत चेतना
ब्युरो चीफ हाकम सिंह रघुवंशी
बरेठ रोड/ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के चर्च वाली गली, बरेठ रोड स्थित सेवा केंद्र पर पवित्र सावन मास के अवसर पर एक आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में माता-बहनों ने भाग लिया और आध्यात्मिक ज्ञान व ध्यान के माध्यम से मानसिक शांति की अनुभूति प्राप्त की।

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आध्यात्मिक शक्ति की आवश्यकता पर बल
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमारी रेखा दीदी ने सभी माताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज के समय में संसार को आध्यात्मिक शक्ति की अत्यधिक आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि लोग मेहनती, कर्मठ और नियमों के पक्के हैं, लेकिन मानसिक शांति और सुकून की तलाश में हैं। रेखा दीदी ने कहा, “जैसे ही आध्यात्मिक ज्ञान का एक बूंद भी लोगों को मिलता है, वे इसे खुशी से स्वीकार करते हैं और अपने जीवन में परिवर्तन लाना शुरू कर देते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि व्यस्तता के बीच कुछ क्षण ध्यान और आध्यात्मिक ज्ञान के लिए निकालने से मन सशक्त हो जाता है, जैसे कि वह चार्ज हो गया हो। रेखा दीदी ने सुझाव दिया कि सावन मास में भक्तों को परमात्मा शिव पर विकारों (काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार), व्यसनों, कुदृष्टि और बैर-विरोध जैसे नकारात्मक तत्वों को अर्पित कर देना चाहिए। इससे सुख, शांति, शक्ति और वरदानों की प्राप्ति होती है, जिससे जीवन श्रेष्ठ और चरित्रवान बनता है।
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परमात्मा शिव की महिमा और सतयुगी दुनिया की स्थापना
ब्रह्माकुमारी रुक्मणी दीदी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा कि कलयुग के अंतिम चरण में जब मनुष्य धर्म और कर्म से भ्रष्ट होकर तुच्छ बुद्धि बन जाता है, तब परमात्मा शिव विश्व कल्याण के लिए अवतरित होते हैं। वे ज्ञान की ज्योत और पवित्रता की किरणों के माध्यम से मानव आत्माओं को दुख, चिंता, अशांति और विकारों से मुक्त करते हैं। रुक्मणी दीदी ने बताया कि परमात्मा शिव एक सुखमय सतयुगी दुनिया की पुनः स्थापना करते हैं।

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उन्होंने परमपिता परमात्मा शिव की अपार महिमा का वर्णन करते हुए कहा, “वह विश्व कल्याणकारी, दुख हर्ता, सुख कर्ता और सबकी बिगड़ी को बनाने वाले हैं। उन्हें सोमनाथ, अमरनाथ, विश्वनाथ, पशुपतिनाथ जैसे अनेक नामों से याद किया जाता है। 12 ज्योतिर्लिंग के रूप में उनकी पूजा विश्व भर में होती है।” उन्होंने सभी से शिव भोलेनाथ को बड़े प्यार से याद करने का आह्वान किया।
व्यक्तिगत अनुभव: मानसिक शांति और आंतरिक शक्ति
कार्यक्रम में रानी दुबे ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि पहले वह नकारात्मक भावनाओं, तुलनात्मक व्यवहार, ईर्ष्या और द्वेष के कारण तनाव महसूस करती थीं। लेकिन जब से उन्होंने ब्रह्माकुमारी के आध्यात्मिक ज्ञान को अपने जीवन में अपनाया, उन्हें मानसिक शांति और आंतरिक शक्ति का अनुभव हुआ। वे अब हर परिस्थिति को सहजता से पार करने में सक्षम महसूस करती हैं।
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कार्यक्रम में बड़ी संख्या में माता-बहनों ने भाग लिया और आध्यात्मिक ज्ञान व ध्यान के माध्यम से अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाने की प्रेरणा प्राप्त की। ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम ने सावन मास की पवित्रता को और गहरा किया, साथ ही समाज में शांति और सकारात्मकता का संदेश प्रसारित किया।